मोच के दर्द से राहत दिला सकता है यह आयुर्वेदिक लेप, एक्सपर्ट से जानें इसे बनाने की विधि और फायदे

पेन किलर के अधिक सेवन से अन्य कई समस्याएं बढ़ सकती हैं, विशेष रूप से ये ऑर्गन्स को नकारात्मक रूप से नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक लेप की मदद से आपको छोटे-मोटे दर्द, क्रैंप्स एवं अकड़न से राहत पाने में मदद मिल सकती है।
moch ka ayurvedic ilaj
मोच का आयुर्वेदिक इलाज है हल्दी का लेप. चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 3 Feb 2025, 08:30 pm IST

कलाई, घुटना जॉइंट में छोटे-मोटे चोट से दर्द महसूस होना, जॉइंट में मोच आने से क्रैंप्स रहना या अधिक थकान के कारण दर्द महसूस होने पर यदि बार-बार मेडिसिन लेती हैं, तो आपको इसकी आवश्यकता नहीं है। पेन किलर के अधिक सेवन से अन्य कई समस्याएं बढ़ सकती हैं, विशेष रूप से ये ऑर्गन्स को नकारात्मक रूप से नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक लेप की मदद से आपको छोटे-मोटे दर्द, क्रैंप्स एवं अकड़न से राहत पाने में मदद मिल सकती है।

तुलसी आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ अंकित अग्रवाल ने एक बेहद खास दर्द निवारक आयुर्वेदिक लेप की विधि बताई है (moch ka ayurvedic ilaj), जिसे प्रभावित एरिया पर अप्लाई करने से बिना किसी नुकसान के दर्द से राहत प्राप्त होगी (moch ka ayurvedic ilaj)। तो चलिए जानते हैं कैसे बनाना है ये आयुर्वेदिक लेप, साथ ही जानेंगे ये किस तरह काम करते हैं।

जानें दर्द निवारक आयुर्वेदिक लेप बनाने की विधि –

इसे बनाने के लिए आपको चाहिए: हल्दी पावडर, चुना और अदरक पाउडर

इसे कैसे तैयार करना है:

  • एक चौथाई कप गर्म पानी में 2 चम्मच हल्दी पावडर डालें और इसमें एक चम्मच अदरक पावडर डालें, 1/4 चम्मच चुना डालें सभी को आपस में एक साथ मिला लें। इनसे एक गाढ़ा लेप तैयार करें।
    (आप चोट के एरिया अनुसार लेप में इस्तेमाल होने वाले सामग्री की मात्रा बढ़ा घटा सकती हैं)
  • अब इस लेप को प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें, और कॉटन एवं पट्टी से उसे कवर कर लें। यदि पट्टी नहीं है, तो आप सूती कपड़े से भी पट्टी बांध सकती हैं।
  • इन्हें लगाकर 4 से 6 घंटों के लिए छोड़ दें, फिर हल्के गुनगुने पानी से इसे धुले। वहीं रोजाना लगभग 2 बार लगाएं।
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सर्दियों में बढ़ जाता है जोड़ों में दर्द, बचाव के लिए हल्दी का इस्तेमाल करे। चित्र : अडोबी स्टॉक

दर्द से राहत पाने में कैसे मददगार हैं ये लेप (moch ka ayurvedic ilaj):

1. एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव

हल्दी के करक्यूमिन और कैल्शियम के एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जो दर्द में योगदान कर सकते हैं। इसके साथ ही ये पेस्ट जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर करते हैं, जिससे यह सामान्य चोट, मोच एवं अकड़न के लिए एक अच्छा और प्रभावी विकल्प बन जाता है।

2. एंटीऑक्सीडेंट गुण

हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण, फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और दर्द में योगदान कर सकते हैं। पेस्ट के एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में भी मदद करते हैं, जो चोट लगने पर दर्द को बढ़ा देते हैं।

3. हड्डी और मांसपेशियों के दर्द से राहत देता है

कैल्शियम मजबूत हड्डियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है, और ये पेस्ट हड्डियों के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है। कैल्शियम की भूमिका मांसपेशियों को आराम पहुंचाते और मांसपेशियों के ऐंठन और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा हल्दी और अदरक पाउडर में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी, हड्डियों में होने वाले दर्द या मांसपेशियों में अकड़न को कम करने में मदद करते हैं।

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जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकता है हल्दी का तेल। चित्र : शटरस्टॉक

4. हड्डी एवं मांसपेशियों की गतिशीलता में सुधार करता है

हल्दी और कैल्शियम का संयोजन सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और मांसपेशियों में तनाव को दूर करके दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। दर्द और सूजन को कम करके, पेस्ट गतिशीलता और गति की सीमा को बेहतर बनाने में मदद करता है। अगर आपको मोच आने के कारण दर्द महसूस हो रहा है, तो इस आयुर्वेदिक लेप को प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें।

5. घाव भरने में प्रभावी है

हल्दी के सूजन-रोधी गुण त्वचा की जलन को शांत करने और लालिमा को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस पेस्ट की एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज घाव भरने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

नोट: हल्दी, चूने और अदरक पाउडर से बना यह लेप एक प्रभावी नेचुरल रेमेडी है। यह दर्द एवं अकड़न से राहत पाने में आपकी मदद करता है। परंतु यदि चोट गहरी है, या हड्डियों में किसी प्रकार का फ्रैक्चर है, तो इस स्थिति में प्रोफेशनल से इलाज करवाएं, केवल इस आयुर्वेदिक लेप पर पूरी तरह से निर्भर न रहें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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