पहली बार भारत की मेजबानी में होने जा रही G-20 की बैठक के कारण पूरे विश्व में भारत की चमक बिखरी हुई है। भारत के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, भारतीय परिधान और भारतीय खानपान पर भी सभी की नजरें हैं । G-20 में आने वाले तमाम विदेशी डेलीगेट्स को भारतीय खानपान से रूबरू कराया जाएगा। इनमें जो सबसे ख़ास चीज़ मेहमानों को परोसी जाने वाली है, वो कुछ और नहीं बल्कि ‘गोंद का हलवा’ है।
गोंद में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे कई गुण मौजूद होते हैं, जो बरसों से पूरे परिवार की सेहत के लिए भारतीय घरों में परोसा जा रहा है। G-20 में मेहमानों के लिए बनने वाला ‘गोंद का हलवा’ क्यों इतना खास है और क्या है इसे बनाने का तरीका, आइए जानते हैं।
‘गोंद’ एक प्रकार की पेड़ों से प्राप्त की जाने वाली रेजिन होती है। गोंद को पेड़ की छाल से निकाला जाता है, इसको निकालने के लिए सबसे पहले पेड़ों की छाल में छेद किया जाता है ताकि पेड़ो की तनों से रेजिन बाहर निकल सके।
इसके बाद जैसे-जैसे यह रेजिन बाहर निकलता रहता है, वैसे-वैसे ये ठंडा होता रहता है और ये गोंद के रूप में ‘ठोस’ हो जाता है। गोंद का उपयोग खासकर खाद्य पकवानों में किया जाता है। इसके अलावा, गोंद का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी किया जाता है।
गोंद व्यक्ति की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। गोंद में विटामिन के, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन डी जैसे कई पोषक होते है, जो व्यक्ति को दुरुस्त रखते है। गोंद के फायदों के बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर रॉबिन शर्मा ने बताया कि गोंद बहुत अधिक गर्मी लगने की समस्या, नींद न आना और कब्ज़ जैसी समस्याओं को दूर करता है। साथ ही गोंद के कई अधिक स्वास्थ्य फायदे भी है।
गोंद के स्वास्थ्य फायदों पर बोलते हुए डॉ.शर्मा ने बताया कि गोंद में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स व्यक्ति के ब्लड प्रेशर को संरक्षित करते हैं, जिसके कारण हाई या लो-ब्लड प्रेशर होने से राहत मिलती है और साथ ही ब्लड प्रेशर से होने वाले खतरे भी कम हो जाते है।
गोंद में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स डायबीटीज़ को भी कंट्रोल करते है। डॉ. शर्मा के मुताबिक़, गोंद में ऐसे तत्व होते हैं, जो व्यक्ति में डायबीटीज़ के प्रबंधन और रोकथाम में मदद करतें हैं।
गोंद में प्राकृतिक न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय रोग के खतरों को कम करने में मदद करते हैं और साथ ही व्यक्ति का इससे हृदय स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है। डॉ.शर्मा के अनुसार गोंद में ‘गुग्गुलोन’ होता है, जो विषम रक्तचाप को संरक्षित करता है और दिल को स्वस्थ बनाता है।
इसको बनाने के लिए सबसे पहले, गोंद को छोटे टुकड़ों में काट लें और इसे पानी में भिगोकर रखें, ताकि यह फूल सके। भिगोने के बाद एक कढ़ाही में घी गरम करें और उसमें गोंद को डालकर हलके से भूनें, जब तक यह सुनहरा और खुशबूदार नहीं हो जाता। अब उसमें ब्राउन शुगर डालें और मिलाकर गोंद को अच्छे से भूनें।
फिर मिल्क डालें और अच्छे से मिलाएं, ताकि सुनहरा मिश्रण बने।अब इलायची पाउडर, जायफल पाउडर, बादाम, काजू, पिस्ता और केसर डालें और अच्छे से मिलाएं। गोंद का हलवा बन गया है। इसे गरमा गरम परोसें और सजाकर परोसें।
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कस्टमाइज़ करेंगोंद का हलवा तैयार है, आप इसे विशेष अवसरों पर या खास तरीके से बना सकते हैं। इसका स्वाद अद्वितीय होता है और यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यदि कोई शारीरिक समस्या है या खास आहार नियमों का पालन करते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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