अपनी खास एंटी एजिंग और मॉइश्चराइजिंग प्रोपर्टीज के कारण सनफ्लावर सीड्स को सुपरफूड कहा जाता है। अगर आप एजिंग और मेंटल हेल्थ इश्यूज से बचना चाहते हैं, तो आहार विशेषज्ञ सूरजमुखी के बीजों को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। इसका सेवन करने के साथ ही आप इसे अपनी त्वचा पर टॉपिकली भी इस्तेमाल कर सकती हैं। जो त्वचा में नेचुरल ग्लो और कसावट लाता है। इसी तरह दूध को भी हमारी दादी-नानी अपने ब्यूटी रुटीन में कई तरह से इस्तेमाल करती आ रही हैं। इन दोनों इंग्रीडिएंट को अगर मिलाकर इस्तेमाल किया जाए, तो सोचिए वह कितना इफेक्टिव होगा। आज जानते हैं सनफ्लावर सीड्स और मिल्क से तैयार डीआईवाई फेस मास्क।
त्वचा पर इसके इस्तेमाल के कई तरीके हैं, पर बात यदि प्रभावी तरीके की करें तो सनफ्लावर सीड्स और दूध से बना फेस मास्क बेहद कारगर साबित हो सकता है (Sunflower seeds face mask for skin)। अगर आपको भी त्वचा संबंधी समस्याओं की शिकायत रहती है, या आप एक ग्लोइंग और हेल्दी स्किन की चाहत रखती हैं, तो अपनी नियमित स्किन केयर रूटीन में इसे जरूर शामिल करें। तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं, सनफ्लावर सीड्स और दूध से बने मास्क के फायदे, साथ ही जानेंगे इसे किस तरह तैयार करना है (Sunflower seeds for skin)।
सनफ्लावर सीड्स में विटामिन ई की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हुए त्वचा को फ्री रेडिकल से होने वाले डैमेज से प्रोटेक्ट करते हैं। फ्री रेडिकल्स एक प्रकार का केमिकल है, जो त्वचा की सेल्स को नुकसान पहुंचता है। जिससे कि प्रीमेच्योर एजिंग, रिंकल्स और डार्क स्पॉट्स जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन ई इन फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज कर देती है और होने वाली त्वचा संबंधी तमाम समस्याओं के खतरे को भी कम कर देती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार सनफ्लावर सीड्स में भरपूर मात्रा में जिंक पाया जाता है। वहीं स्वस्थ त्वचा के लिए जिंक को एक महत्वपूर्ण मिनरल्स के तौर पर जाना जाता है। जिंक स्किन ऑयल प्रोडक्शन को रेगुलेट करता है और त्वचा पर नजर आने वाले एक्ने में और अन्य प्रकार के ब्लैमिशेज के खतरे को भी कम कर देता है। इसके साथ ही जिंक डैमेज स्किन सेल्स को हिल करता है, और नए स्किन सेल्स के ग्रोथ को बढ़ावा देता है।
सनफ्लावर सीड्स सेलेनियम का एक बेहतरीन स्रोत है, जिसे त्वचा के लिए एक बेहद खास मिनरल माना जाता है। सेलेनियम स्किन इरिटेशन को कम करता है और त्वचा को फ्लैक्सिबल बनता है, जिससे कि प्रीमेच्योर एजिंग का खतरा कम हो जाता है। इसके साथ ही यह त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले डैमेज से प्रोटेक्ट करता है।
सनफ्लावर सीड्स में नेचुरल फैट पाए जाते हैं, जो ड्राई, डैमेज और डिहाइड्रेटेड स्किन को पुनर्जीवित करने में मदद करते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा पूरी तरह से हाइड्रेटेड और मॉइश्चराइज रहती है, जिससे कि स्किन टेक्सचर बेहद मुलायम नजर आता है। इसका इस्तेमाल सेंसेटिव स्किन वाले लोग भी कर सकते हैं। यदि आपको स्किन इन्फ्लेमेशन की समस्या है, तो यह उसे कम करने में आपकी मदद करेगा।
दूध में कई प्रभावी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे की प्रोटीन, फैट और विटामिन यह सभी स्किन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इसके साथ ही दूध लैक्टिक एसिड का एक बेहतरीन स्रोत है, जो स्किन में प्राकृतिक मॉइश्चर को मेंटेन रखता है। इसके अलावा ये त्वचा को पूरी तरह से हाइड्रेटेड रखता है। दूध नेचुरल एक्सफोलिएंट की तरह काम करता है और स्किन त्वचा से डेड स्किन सेल्स को रिमूव कर देता है, जिससे की त्वचा का स्किन टेक्सचर सामान्य रहता है, और स्किन मुलायम और ग्लोइंग नजर आती है।
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दूध में विटामिन ए और विटामिन डी जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल के प्रभाव को कम करते हुए त्वचा को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं। इससे प्रीमेच्योर एजिंग का खतरा कम हो जाता है। वहीं विटामिन ए कोलेजन फॉर्मूलेशन को स्टिम्युलेट करती है, जो स्किन को रिंकल और फाइन लाइन जैसे प्रीमेच्योर एजिंग साइंस से प्रोटेक्ट करते हुए इसे यंग और ग्लोइंग बनाती है। उसके साथ ही यह इसका इस्तेमाल स्किन सेल्स के प्रोडक्शन को भी उत्तेजित करता है।
तीन चम्मच सनफ्लावर सीड्स
आवश्यकता अनुसार दूध
केसर के तीन से चार धागे
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कस्टमाइज़ करेंएक बाउल में सनफ्लावर सीड्स और दूध को एक साथ लगभग चार से पांच घंटे या फिर पूरी रात भिगोकर छोड़ दें।
अब सुबह इसे ब्लेंडिंग जार में डालकर इसका एक गाढ़ा और स्मूथ पेस्ट तैयार करें।
पेस्ट में केसर के धागे डालें और इन्हें अच्छी तरह मिक्स कर लें।
अब इसे अपनी त्वचा पर सभी और अप्लाई करें और हल्के हाथों से 5 मिनट तक स्किन को मसाज दें।
फिर बचे हुए फेस पैक को त्वचा पर अप्लाई करें, इसे 15 से 20 मिनट तक लगा हुआ छोड़ दें।
आखिर में सामान्य पानी से त्वचा को साफ कर लें। इसे अप्लाई करने के बाद त्वचा पर तुरंत फेस वॉश या फिर अन्य क्लींजर का इस्तेमाल न करें।
लगभग 4 से 5 घंटे के बाद ही क्लींजर अप्लाई करें।
उचित परिणाम के लिए इस फेस मास्क को हफ्ते में दो बार जरूर अप्लाई करें।