बदलते मौसम में बालों का झड़ना आम परेशानी है। शुष्क हवाएं आपके बालों से नमी छीन लेती हैं। जिससे बाल ड्राई हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं। मेरी मम्मी इन समस्याओं के लिए अपनी पुरानी आयुर्वेदिक (Ayurvedic) हर्ब्स (Herbs) को अपनाने की सलाह देती हैं। वे मानती हैं कि आयुर्वेद में इन हर्ब्स को बालों के लिए संजीवनी बताया गया है। हालांकि मुझे अभी तक उनके इस ओल्ड फॉर्मूला पर ज्यादा भरोसा नहीं था। पर एक दिन इंस्टाग्राम स्क्रॉल करते हुए मुझे एक आयुर्वेदिक एक्सपर्ट मिलीं। जो इन्हीं हर्ब्स (herbs) से बने आयुर्वेदिक हेयर टॉनिक (ayurvedic hair tonic) के इस्तेमाल की सलाह दे रहीं थीं। आइए जानते हैं बालों के लिए कौन सी हैं वे खास हर्ब्स (ayurvedic herbs for hair)।
आयुर्वेद में कई वर्षों से जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। जिसके कोई साइड इफ्फेक्ट नहीं होते है और ये काफी प्रभावी भी होती हैं। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो आप भी अपनी रसोई में रखी कुछ चीजों को इस्तेमाल करके हेयर फॉल से निजात पा सकती हैं। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं इस आयुर्वेदिक हेयर टॉनिक (ayurvedic hair tonic) के बारे में।
डॉ सोनल गर्ग, आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर हैं। वे कहती हैं कि मौसम के बदलने से मेरे बाल काफी झड़ रहे थे और मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं गंजा होने वाली हूँ। लेकिन कुछ आयुर्वेदिक (Ayurvedic) जड़ी बूटियों से बने सीरम ने मेरी मदद की है जो आज में आपको भी बताने वाली हूं।
इस बारे में प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गायनेकोलोजिस्ट डॉ रश्मि बालियान का कहना है कि हार्मोनल असंतुलन महिलाओं में हेयरफॉल का कारण सिद्ध होता है। उनके अनुसार रजोनिवृत्ति के दौरान बालों झड़ने लगते हैं। ऐसे में बालों का झड़ना लंबे समय तक रह सकता है। इसके चलते बालों पर कैमिकल युक्त शैम्पू का प्रयोग नुकसानदायक साबित हो सकता है। मेनोपॉज के वक्त आमतौर पर महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
मेथी के बीज में भरपूर मात्रा में प्रोटीन शामिल होता है, जो बालों के लिए बेहद आवश्यक होता है। इसके इस्तेमाल से गंजेपन, बालों का पतला होना और हेयर फॉल से राहत मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, इसमें लेसिथीन भी होता है, जो बालों को नेचुरली मजबूत बनाने के साथ ही मॉइस्चराइज करने का भी कार्य करता है।
हेयर फॉलिकल्स में पाई जाने वाली डर्मल पैपिला सेल्स की कम होती संख्या हेयर फॉल का कारण बन सकती है। आंवले का अर्क पैपिला सेल्स की संख्या को बढ़ाकर हेयर ग्रोथ को बेहतर बनाता है।
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मुलेठी की जड़ से प्राप्त हाइड्रो-अल्कोहलिक अर्क में बालों को बढ़ाने के गुण होते हैं। यह बालों को झड़ने से रोकता है और हेयर ग्रोथ को बढ़ावा देता है।
भृंगराज बालों की सेहत के लिए बेहतरीन विकल्प है। सप्ताह में 2 बार इसका इस्तेमाल करने से फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है। दरअसल, इसमें पाया जाने वाला मेथनॉल नामक पोषक तत्व हेयर ग्रोथ में मददगार साबित होता है।
इस जड़ी बूटी के इस्तेमाल से हेयरफॉल की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा बालों की कमज़ोर जड़ों को मज़बूत करने का एक बेहतरीन उपाय है।
सोंठ में एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं। बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से भी बाल झड़ने की परेशानी होने लगती है। ऐसे में सोंठ का इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
मेथी के बीज का पाउडर- 1 चम्मच
आंवला- 1 चम्मच
मुलेठी- 1 चम्मच
भृंगराज- 1 चम्मच
जटामांसी- 1 चम्मच
सोंठ पाउडर- 1 चम्मच
पानी- 1 गिलास
सभी जड़ी.बूटियों को एक बाउल में डालकर ओवरनाइट सोक कर दें।
8 से 10 घंटों के बाद इस घोल को 5 से 10 मिनट के लिए हल्की आंच पर उबलने दें।
अब इसे ठण्डा होने के लिए कुछ देर के लिए रख दें।
ठण्डा होने के बाद इसे ड्रॉपर में डालकर रख दें।
इस हेयर टॉनिक को फ्रिज में रखना न भूलें।
कम से कम 21 दिनों तक नियमित रूप से पूरे स्कैल्प पर लगाएं।
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