scorecardresearch

लूज मोशन हो गए हैं, तो इन 5 तरीकों से पकाकर खाएं चावल, पाचन और कमजोरी दोनों का है उपचार 

गर्मी में पाचन संबंधी समस्याएं होना आम है। पर इसके लिए बार-बार दवा खाना सही नहीं है। आप बरसों पुरानी चावल की ये रेसिपीज भी ट्राई कर सकती हैं। 
Published On: 8 Jun 2022, 07:47 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
chawal rokta hai loose motion
दही-चावल डायजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखता है। चित्र:शटरस्टॉक

गर्मी अपने चरम पर है। तापमान बढ़ने के कारण पेट की समस्या भी अधिक हो रही है। इसमें सबसे प्रमुख है लूज मोशन। इसमें शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और बहुत अधिक एनर्जी का लॉस हो जाता है। इसलिए शरीर को पावर और एनर्जी पहुंचाना भी जरूरी है। और इसके लिए चावल से बेहतर उपाय दूसरा कोई नहीं है। पचने में आसान चावल आपको इंस्टेंट एनर्जी देने में मददगार है। बस आपको पता होना चाहिए चावल को पकाने का सही तरीका। यहां हैं सफेद चावल की ऐसी 5 रेसिपीज (White Rice Recipe to stop Loose Motion) जो दस्त और डायरिया रोकने में आपकी मदद करेंगी। 

 दस्त के लिए बरसों पुराना नुस्खा है चावल 

याद है बचपन में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर मां सादे चावल की अलग-अलग रेसिपी बना कर खिलाती थी। यह न केवल खाने में स्वादिष्ट होती थी, बल्कि तुरंत एनर्जी भी देती थीं। फाइबर युक्त साबुत अनाज के विपरीत पके हुए सफेद चावल में कम फाइबर होता है। इससे बॉवेल मूवमेंट को अधिक बढ़ावा नहीं मिलता है। यह पचने में आसान होता है और आपके स्टूल (stool) को सॉलिड बनाता है। 

लूज मोशन होने पर सफेद चावल ही खिलाए जाते हैं। देसी भाषा में इसे पेट बांधने वाला कहा जाता है। इससे आपको पर्याप्त स्ट्रेंथ और एनर्जी मिल जाती है। इसके उलट ब्राउन राइस में इन्सॉल्यूबल फाइबर अधिक मात्रा में होते हैं। इसकी वजह से भोजन आपके पेट से जल्दी निकल जाता है। आइए जानते हैं चावल की 5 रेसिपी, जो लूज मोशन रोकने में आपकी मदद कर सकती हैं। 

1 चावल, घी और नमक

चावल कोे खूब पका लिया जाता है। इसके लिए प्रेशर कूकर में मध्यम आंच पर 5-6 सीटी लगने तक चावल पकाएं। इसमें घी और नमक डालकर खाएं। मोशन के द्वारा शरीर का जो एक्सट्रा पानी और सोडियम निकलता है, उसकी पूर्ति गीला चावल और नमक कर देता है। घी पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है।

2 चावल और छाछ

दही से मक्खन निकला हुआ होने के कारण छाछ को पचाना काफी आसान है। खूब पके हुए सफेद चावल में छाछ के साथ काला नमक और भुने हुए जीरे का पाउडर मिलाकर खाने से वह न केवल टेस्टी लगता है, बल्कि पेट को भी बांधता है। किसी भी प्रकार के अपच में जीरा और काला नमक बेहद फायदेमंद है।

3 चावल और दही

दही में राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 6 और विटामिन 12 के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। दही पाचन तंत्र को सुधारने में कामयाब है। सफेद चावल और दही आसानी से पच जाता है और बॉवेल मूवमेंट को धीमा कर देता है।

chhach dahi se bhi zyada behtar hai
लूज मोशन में अधिक देर तक पकाए सादा चावल को छाछ या दही के साथ खाना चाहिए। चित्र: शटरस्टॉक

4 चावल और मांड

चावल को कूकर की बजाय पतीले में पकाएं। जितनी मात्रा में चावल पका रही हैं, उसके तीन गुना पानी डालें। जब चावल अच्छी तरह पक जाए, तो एक्स्ट्रा पानी को एक बर्तन में निकाल लें। यही चावल का मांड है। 

चावल का मांड शरीर के तापमान को संतुलित रखता है। चावल के साथ मांड खाने पर पाचन क्रिया बेहतर होती है और पेट की समस्या भी खत्म होती है। बच्चों को चावल का मांड, नींबू-नमक, काली मिर्च और जीरा पाउडर मिलाकर पिलाने से उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

5 चावल और मूंग की दाल खिचड़ी

चावल और मूंग दाल की खिचड़ी एक लाइट फूड है। लूज मोशन होने पर यह सबसे हेल्दी फूड मानी जाती है। बराबर मात्रा में चावल और मूंग दाल लें। उसमें हल्दी, नमक और पानी डालकर सेट कर दें। जीरे से छौंक लगाकर खाने में यह और भी स्वादिष्ट लगती है। यह आसानी से पच जाती है और शरीर को उसकी खोयी हुई ऊर्जा लौटाने में मदद करती है। 

यहां पढ़ें :-काले को कम न समझें, यहां हैं 5 ब्लैक फूड्स जो आपकी सेहत के लिए कमाल कर सकते हैं 

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

अगला लेख