सिर दर्द, शरीर दर्द, जोड़ों के दर्द से लेकर मांसपेशियों के दर्द तक के लिए कई प्रकार के मेडिसिंस उपलब्ध हैं। परंतु क्या हर बार छोटे-मोटे दर्द के लिए इनका सेवन करना सेहत के लिए उचित है? बिल्कुल भी नहीं! केमिकल कंपोजीशन वाले इन ड्रग्स का अधिक सेवन समग्र सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। खासकर आतों की सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है। वहीं आप गैस, ब्लोटिंग, एसिडिटी इत्यादि जैसी पाचन से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का शिकार हो सकती है। ऐसे में जब आप पोषक तत्वों से भरपूर घरेलू सामग्री की मदद से अपने दर्द को कम कर सकती हैं तो फिर केमिकल युक्त कंपोजीशन का इस्तेमाल करने की क्या जरूरत है।
किचन में ऐसे कई मसाले उपलब्ध हैं जो दर्द निवारक गोलियों की तुलना में अधिक प्रभावी रूप से काम कर सकते हैं। आज भी मेरी दादी दर्द से निपटने के लिए दवाइयों की जगह सालों से चले आ रहे इन खास आयुर्वेदिक नुस्खों का इस्तेमाल करती हैं। आयुर्वेद से लेकर मेडिकल साइंस तक इस बात को प्रमाणित कर चुका है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, ऐसे ही 5 मसाले जो नेचुरल पेन किलर (natural herbal pain killers) की तरह काम करते हैं। साथ ही इनका सेहत पर किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता। इसलिए आप बेफिक्र होकर इन्हें आजमा सकती हैं।
किचन में मसालों के तौर पर इस्तेमाल होने वाली दालचीनी प्राकृतिक रूप से पेन किलर के रूप में आपकी मदद कर सकती है। इसका इस्तेमाल गठिया के दर्द से राहत पाने में प्रभावी रूप से मददगार होता है। वहीं दालचीनी का केमिकल कंपोजिशन इसे गठिया रोग के लिए एक खास हीलिंग एजेंट बनाता है। घटिया एक ऑटोइम्यून डिजीज जो जॉइंट्स पर अटैक करती है। जिसके कारण बोन लॉस, सूजन और असहनीय दर्द का अनुभव होता है। जिसके कारण अलग-अलग तरह की पेन किलर दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। परंतु ज्यादा पेन किलर लेना भी सेहत के लिए उचित नहीं है।
दालचीनी में मौजूद केमिकल (Cinnamaldehyde) जोड़ों के आसपास की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही बोन लॉस को धीमा कर देता है। साथ ही जॉइंट टिशु को डैमेज नहीं होने देता। एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर सुबह ब्रेकफास्ट के साथ ले सकती हैं।
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सालों से आयुर्वेद और मेडिकल साइंस दोनों में ही लौंग को दांतो के दर्द से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2006 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ज्यादातर दांतों के दर्द से राहत पाने वाले जेल में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही लौंग में एंटीऑक्सीडेंट, इन्फ्लेमेटरी, एंटीफंगल एंटीवायरल एक्टिविटी प्रॉपर्टी मौजूद होती है। साथ ही लौंग सिर दर्द और गठिया दर्द से राहत पाने में नेचुरल पेन रिलीवर के रूप में काम करता है।
दांत दर्द में सीधे लौंग को दांतों में दवा सकती हैं। साथ ही लौंग के तेल को कॉटन में डुबोकर लगाने से भी दांत दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही सिर दर्द और गठिया के दर्द में लौंग के तेल से मालिश कर सकती है।
काली मिर्च आसानी से सभी घरों में मौजूद होता है। इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में मसाले के तौर पर किया जाता है। काली मिर्च में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है। यदि आप स्पाइनल और ज्वाइंट पेन से पीड़ित हैं, तो ब्लैक पेपर ऑयल इससे निजात पाने में आपकी मदद कर सकता है। इसमें एंटी अर्थराइटिस प्रॉपर्टी पाई जाती है। यह ब्लड सरकुलेशन को बढ़ा देता है और फौरन दर्द से राहत पाने में मदद करता है। साथ ही यूरिक एसिड और टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। ऐसे में गठिया रोगियों के लिए दर्द से राहत पाने का एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय हो सकता है।
हल्दी एक आम मसाला है जो लगभग सभी व्यंजनों में इस्तेमाल होता है। वही इसे इसकी चिकित्सीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसका इस्तेमाल सालों से विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के प्राकृतिक इलाज के लिए होता चला आ रहा है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2014 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार हल्दी में मौजूद करक्यूमा कंपाउंड में दर्द निवारक क्षमता होती है। ऐसे में हल्दी का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द से राहत पाने में काफी असरदार माना जाता है। वहीं यह इन्फ्लेमेशन, सिर दर्द से लेकर गले के दर्द तक को कम करने में मदद करता है।
हल्दी को व्यंजनों के साथ डाइट में शामिल करने से लेकर इसके पेस्ट को जोड़ों के दर्द पर अप्लाई कर सकती हैं। वहीं गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन आपको सिर दर्द और गले के दर्द से राहत पाने में मदद करता है।
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चाय से लेकर अन्य प्रकार के व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही सालों से अदरक का इस्तेमाल सर्दी खांसी और गले के दर्द से निजात पाने के लिए होता चला आ रहा है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2015 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अदरक का सेवन एक्सरसाइज के कारण होने वाले मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने में मदद करता है। इसके साथ ही इसकी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी बॉडी इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करती हैं।
इसके साथ ही 2017 में इंटरनेशनल जनरल ऑफ एंडॉक्रिनलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार यह डायबिटीज को संतुलित रखता है क्योंकि असंतुलित डायबिटीज जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। इसके साथ ही इसका सेवन गले के दर्द से फौरन राहत देता।
अदरक को व्यंजनों में मिलाकर लेने के साथ ही इसके पानी का सेवन भी काफी असरदार होता है। अदरक के पानी को बनाने के लिए आपको पानी में अदरक, दालचीनी और हल्दी डालकर पानी को उबलने देना है और फिर इसे छानकर पी लें। इसके साथ ही जिंजर कैंडी और अदरक और शहद का कॉन्बिनेशन भी आपके लिए असरदार रहेगा।
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