गर्मी आ चुकी है। हममें से कई लोगों को तेज़ धूप के कारण पसीना भी खूब आता है। कुछ लोगों की पाचन प्रक्रिया भी प्रभावित होने लगती है। ऐसी स्थिति में दूध वाली चाय या ब्लैक टी से न सिर्फ पसीना अधिक आने लगता है, बल्कि डाइजेस्टिव सिस्टम में भी गडबडी होने लगती है। आइसक्रीम या डिब्बाबंद ठंडे पेय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए हम ऐसी चाय लेना चाहते हैं, जिनका कूलिंग इफेक्ट होता है। इससे खुद को ठंडा रखना आसान हो जाता है। कुछ हर्बल चाय शरीर को ठंडा रखने में मदद कर सकते (Herbal Tea for cooling effect) हैं।
अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टिट्यूट के अनुसार, लेमन ग्रास विटामिन सी से भरपूर होती हैं। यह शरीर के तापमान को कम करने में मदद कर सकता है। यह शरीर को मॉइस्चराइज़ और ऑक्सीजनेट भी कर सकता है। इससे शरीर की ऊर्जा संतुलित होती है और गर्मियों के दौरान ताज़ा महसूस करने में मदद मिलती है। यदि आप एक कप लेमनग्रास पीती हैं, तो पेट ख़राब होने पर, स्टमक क्रेम्प्स और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए यह कारगर हो सकता है।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, शरीर की गर्मी को कम करने में मददगार हो सकता है सौंफ। कूलिंग इफेक्ट हाई होने के कारण यह गर्मी के मौसम में बहुत उपयोगी होता है। यह विटामिन सी से भी भरपूर होता है। इसलिए गर्मी के कारण शरीर में होने वाली सूजन को कम कर सकता है। यह मेटाबोलिज्म को सक्रिय कर सकता है। यह डायजेस्टिव सिस्टम के लिए भी मददगार है।
प्लांट मेडिका जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, पुदीना में मेन्थॉल होता है, जो मुंह में ठंड के प्रति संवेदनशील रिसेप्टर्स के साथ संपर्क करता है। इसके कारण मुंह में ताज़गी और ठंडक की अनुभूति होती है। मौसम बदलने के कारण यदि नाक बंद हो गयी है, तो पुदीने की चाय नाक खोलने में आराम सकती है। पुदीना गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों जैसे कि डाइजेस्टिव सिस्टम की परेशानी, दस्त, कब्ज आदि से भी राहत पहुंचाता है। यह उलटी को कम करने में भी मदद कर सकता है। आहार में इसे एड करने पर भी इसके कुलिंग इफ़ेक्ट का लाभ उठाया जा सकता है।
फायटोथेरेपी रिसर्च जर्नल के अनुसार, हिबिस्कस एंथोसायनिन एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी से भरपूर होता है। इसका स्वाद तीखा और खट्टा होता है। यह पाचन तंत्र को हाइड्रेट करता है। यह शरीर को डीटोक्स करके शरीर के टेम्प्रेचर को कूल करता (Herbal Tea for cooling effect) है। यह डाययूरेटिक के रूप में कार्य करता है, जो अतिरिक्त गर्मी पैदा करने वाले अवरोधों को दूर करता है। यह सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लडप्रेशर को कम करता है और मेटाबोलिज्म सक्रिय हो पाती है। यह ब्लड लिपिड में सुधार कर लिवर को हेल्दी बनाता है।
इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ आयुर्वेद रिसर्च के अनुसार, गुलाब की चाय को बैलेसिंग, कूलिंग और सूदिंग इफेक्ट वाला माना जाता है। पारंपरिक चीनी चिकित्सा में भी गुलाब की चाय का प्रयोग किया जाता है।
कूलिंग इफेक्ट के कारण ही गुलाब की पंखुड़ियों के एक्सट्रेक्ट को गुलाब जल में प्रयोग किया जाता है।
प्लांट मेडिका जर्नल के अनुसार, आप चाहें तो हर्ब की पत्तियों को स्लो फ्लेम पर पानी में उबालकर चाय का मजा ले सकती हैं। बाज़ार में ज्यादातर हर्बल टी उपलब्ध हैं। इन्हें भी गर्म पानी के साथ भी लिया जा सकता है।
चाय पीने का सबसे अच्छा समय नाश्ते या दोपहर के भोजन के एक घंटे बाद हो सकता है। शाम के समय कुछ स्नैक्स के साथ भी इसे लिया जा सकता है। यदि आप डायबिटीज की पेशेंट नहीं हैं, तो दिन की शुरुआत शहद के साथ कर सकती हैं। नींबू या सादा गर्म पानी के साथ हर्बल टी लेना सबसे अच्छा होता है। वेट लॉस के लिए भी हर्बल चाय ले सकती (Herbal Tea for Weight Loss) हैं।
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