स्किन एजिंग एक नेचुरल प्रोसेस है, मगर कई बार त्वचा का ख्याल न रख पाने के कारण अर्ली एजिंग साइंस का सामना करना पड़ता है। हांलाकि उम्र के साथ शरीर में आने वाले हार्मोनल बदलाव के चलते त्वचा धीरे धीरे अपनी लोच खोने लगती है। इस प्रक्रिया को इलास्टोसिस कहा जाता है। इसके चलते त्वचा पर झुर्रियाँ, सूखापन और डलनेस दिखने लगती है। अधिक समय धूप में रहने से भी महीन रेखाएं नज़र आने लगती हैं। अगर आप ऐसी स्थिति से निपटने के लिए घरेलू उपायों को खोज रहने है, तो प्राकृतिक फेस मास्क की मदद से इस समस्या को हल किया जा सकता है। जानते हैं स्किन एजिंग को रोकने के लिए नेचुरल फेस मास्क (Anti-aging face mask) कैसे फायेदमंद साबित होते हैं और इन्हें तैयार करने का तरीका भी।
डर्माटोलॉजिस्ट डॉ रिंकी कपूर बताती हैं कि उम्र बढ़ने से त्वचा में बदलाव आना पूरी तरह से नेचुरल है। इन बदलावों के चलते त्वचा से कोलेजन और इलास्टिन खत्म होने लगता है। इसके अलावा त्वचा का रूखापन बढ़ जाता है और हायलूरोनिक एसिड के स्तर में कमी आने लगती है। इसके चलते माथे, आंखें के नजदीक और गालों पर महीन रेखाएं और झुर्रियाँ नज़र आने लगती हैं।
एजिंग (Anti-aging face mask) के प्रोसेस को धीमा करने के लिए स्किनकेयर ट्रीटमेंट आवश्यक है। इसके लिए त्वचा पर होमेमेड एंटी एजिंग फेस मास्क लगाने से स्किन को फायदा मिलता है। इससे त्वचा को गहरा पोषण मिलता है और डीप क्लींजिंग में भी मदद मिल जाती है। इससे सिकन सेल्स् को रिपेयर करने और त्वचा पर बढ़ने वाला फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम होने लगता है। इसकी मदद से त्वचा में हाइड्रेशन बनी रहती है। साथ ही स्किन को एक्सफ़ोलीएट करने में भी मदद मिलती है।
अधिकतर लोगों को चेहरे पर ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है। इससे एजिंग (Anti-aging face mask) और त्वचा पर बढ़ने वाली सूजन को भी कम किया जा सकता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिसर्च इन आयुर्वेद एंड फ़ार्मेसी की रिपोर्ट के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर प्राकृतिक उत्पादों से त्वचा बनावट, स्किन टोन और ग्लारे बरकरार रहता है।
एंटी एजिंग फेस मास्क (Anti-aging face mask) त्वचा की देखभाल के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं। इससे न केवल स्किन की नमी को बनाए रखने में मदद मिलती है बल्कि स्किन सेल्स बूस्ट होते हैं। इसकी मदद से महीन झुर्रियों, असमान रंगत और खराब टैक्सचर को दूर किया जा सकता हैं। जर्नल ऑफ़ कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी के अनुसार पॉल्यूटेंटस के बढ़ने प्रभाव को फेस मास्क की मदद से दूर किया जा सकता है। इससे त्वचा की बनावट और लचीलेपन में सुधार आने लगता है।
त्वचा की इलास्टीसिटी को मेंटेन करने (Anti-aging face mask) के लिए दूध बेहद फायदेमंद विकल्प है। इसके लिए ओटमील पाउडर में चावल का आटा और दूध मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। 10 मिनट तक चेहरे पर लगाएं रखने के बाद उंगलियों से मसाज करें और फिर चेहरे को धो दें।
स्किन के रूखेपन को दूर करके नमी को रीस्टोर करने में एलोवेरा जेल बेहद कारगर उपाय है। इसके लिए 2 चम्मच एलोवेरा जेल में एक चौथाई चम्मच फिटकरी को मिलाकर चेहरे पर अप्लाई करें। इससे स्किन के रूखेपन से राहत मिलती है और महीन रेखाओं (Anti-aging face mask) की समसस्या भी हल हो जाती है। सप्ताह में 2 से 3 बार चेहरे पर लगाए रखने से फायदा मिलता है।
विटामिन और मैग्नीशियम से भरपूर केले से त्वचा की चिकनाहट बरकरार रहती है। वहीं दही को चेहरे पर लगाने से जिंक की प्राप्ति होती है। इससे न केवल मॉइश्चर रीस्टोर होता है बल्कि महीन रेखाओं को भी रोका जा सकता है। इसे बनाने के लिए केले को मैश करके उसमें दही और एक चम्मच शहद का मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। 10 से 15 मिनट के बाद चेहरे को धो दें।
त्वचा की कसाव को बढ़ाने के लिए मुल्तानी मिट्टी में चावल का पानी मिलाकर मिक्स कर लें। अब इसे चेहरे पर लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद चेहरे पर हल्का पानी लेकर मसाज करें और फिर चेहरे को सामान्य पानी से धोएं। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की लोच बढ़ जाती है।
स्किन के ग्लो को मेंटेन रखने के लिए चंदन के पाउडर में संतरे के छिलके का पाउडर मिलाएं और चुटकी भर कच्ची हल्दी डालकर मास्क तैयार कर लें। इसमें आवश्यकतानुसार रोज़ वॉटर डालकर मिलाएं और तैयार लेप को चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। इससे स्किन पर मौजूद डस्ट पार्टिकल्स को बूर करने में मदद मिलती है और त्वचा का लचीलापन बना रहता है।
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