जब फ्रिज नहीं था, एसी नहीं था, तब भी लोग गर्मी का मुकाबला करते ही थे। मौसम अनुकूल खानपान इसमें अहम भूमिका निभाता है। दिल्ली और एनसीआर गर्म और उमस भरे मौसम के लिए कुख्यात है। दोपहर के समय गर्मी और उमस इतनी बढ़ जाती है कि इसे सहन करना मुश्किल-सा लगता है। हीट वेव्स की शुरुआत होने पर फ्रिज में रखे चिल्ड ड्रिंक्स भी शरीर को कूल करने में नाकामयाब होते हैं। ऐसी स्थिति में दादी-नानी के आजमाए जा रहे कूलिंग मेथड ही सबसे अधिक कारगर होते हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ कूलिंग ड्रिंक को (traditional cooling drinks)।
दरअसल यह कूलिंग मेथड पारंपरिक भारतीय चिकित्सा से प्रेरित हैं। इसलिए इन पर हम गर्मी को मात देने के लिए भरोसा कर सकते हैं। गर्मी में सबसे अधिक जरूरी होता है शरीर के तापमान को नियंत्रित रखना। ऐसी स्थिति में मां की बताई पारम्परिक रेसिपीज ही काम आती हैं।
सोडियम, फाइबर, विटामिन डी से भरपूर सुपरफ़ूड गोंद कतीरा कूलिंग इफेक्ट वाला होता है। यह जोड़ों को लुब्रिकेट करने में मदद करता है और पीठ दर्द को कम करने में भी मदद करता है। गर्मी के मौसम में शरीर के तापमान को कम कर ठंडा रखने के लिए इसका प्रयोग सदियों से किया जाता रहा है। यह अत्यधिक गर्मी के कारण नाक से खून बहने को भी नियंत्रित करता है। यह बोवेल मूवमेंट में मदद कर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
कैसे बनाएं गोंद कतीरा शरबत (gond katira Drink recipe in Hindi)
1 टीस्पून गोंद कतीरा को पानी में भिगो दें। जब यह जेली में बदल जाए तो इसमें 1 कप ठंडा दही, 1 कप ठंडा पानी और 1 टी स्पून ब्राउन शुगर मिलाएं। यह शरबत न सिर्फ पेट भरेगा, बल्कि चिलचिलाती धूप से भी राहत दिलाएगा।
पानी में भिगोये 1 टी स्पून गोंद कतीरा में पुदीना की कूटी हुई पत्तियों और एक टी स्पून नींबू का रस मिलाएं। इसे एक ग्लास पानी के साथ मिक्स कर लें। शहद, काला नमक डालकर पीयें। यह कूल करने के साथ वेट लॉस (weight loss drink) में भी मदद करेगा।
लस्सी प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन बी से भरपूर होती है। दही स्वस्थ बैक्टीरिया (lactobacillus) का भी स्रोत है। भोजन के बाद इसका सेवन करने पर यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है और पाचन में मदद करता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
कैसे बनाएं ठंडी लस्सी (how to make Lassi in hindi)
एक बड़े बाउल में दही और चीनी को अच्छी तरह फेंट लें।
दही चिकना होने पर गुलाब जल और इलायची पाउडर डालें।
ठंडा पानी मिलाएं। इसे खूब फेंटें। झाग आने पर इसे पीयें और खुद को तरोताज़ा करें।
बेल में विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, थायमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, नियासिन और फास्फोरस मौजूद होता है। यह पाचन तंत्र के लिए अच्छा है। यह गर्मी में बैक्टीरिया के कारण होने वाले डायरिया को दूर करने में मदद करता (traditional cooling drinks) है। कोलेस्ट्रॉल कम करता है। गर्मी का यह कूलिंग एजेंट (cooling agent) कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंकैसे बनाएं बेल शरबत (how to make bael Drink)
बेल के गूदे को मैश कर लें। इसे ठंडे पानी में डाल दें।
कुछ देर बाद मैश किये हुये गूदे को छलनी में डालकर बीज और रेशे को छान लें।
चीनी डाल कर पीयें।
सुपरफ़ूड सौंफ लो कैलोरी वाला होता है। यह पोटैशियम, सोडियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल का स्रोत है। इसके मजबूत एस्ट्रोजेनिक गुण एस्ट्रोजन हार्मोन के समान कार्य करते हैं। सौंफ (traditional cooling drinks) पेट दर्द को दूर कर शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है।
कैसे तैयार करें सौंफ का शरबत (how to make Fennel Drink)
1 टेबल स्पून सौंफ को रात में पानी में भिगो दें।
सुबह मिक्सी में पेस्ट तैयार कर लें। इसमें एक ग्लास ठंडा पानी डालें।
एक टी स्पून नींबू का रस मिलाएं।
छानकर 1 टी स्पून चीनी घोल लें। इस तरह से तैयार सौंफ का शरबत कूलिंग इफेक्ट वाला होगा।
ये चारों ड्रिंक शरीर को कूल रखने के साथ-साथ वजन घटाने में भी मदद करते हैं। डायबिटीज पेशेंट चीनी की बजाय शुगरफ्री का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही, डायबिटीज के पेशेंट (Warning for diabetes patient) पके बेल की शरबत अधिक नहीं पीयें। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
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