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पेट की गड़बड़ी से छुटकारा दिला सकती है आयुर्वेिदक हर्ब्स की तिकड़ी, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल

पीरियड क्रैंप्स हों या साधारण बदहजमी, पेट का दर्द वाकई परेशान कर देता है। पर जब मैं इसके लिए दवा लेने लगती हूं, तो मेरी मम्मी रसोई की सामग्रियों से बनी चाय पिलाती हैं।
Published On: 24 Nov 2022, 07:25 pm IST
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Ayurvedic upay gas aur kabj ki smsya se raht dila skti hai
आयुर्वेदिक उपाय गैस और कब्ज की समस्या से राहत दिला सकते हैं। चित्र शटरस्टॉक

पेट (stomach) हमारी बॉडी का बेहद जरूरी पार्ट है। यदि इसमें हल्की-फुल्की सी भी कोई परेशानी होती है। तो इससे हमारे समग्र स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल पर असर होता है। हालांकि पेट में संबंधित कई समस्याएं हमारी वर्तमान लाइफस्टाइल की वजह से भी होती है। ब्लोटिंग, अपच, आंतों में सूजन और दर्द होना काफी आम परेशानी हो गयी है। और यदि आप इन समस्याओं से निजात पाने के लिए कोई आयुर्वेदिक उपाय की तलाश में हैं, तो आज हेल्थ शॉट्स पर आपके लिए लाए हैं एक ऐसी चाय (Ayurvedic tea for gut health) जिसके नियमित सेवन से आप कई परेशानियों से राहत पा सकती हैं।

डॉक्टर दीक्सा भावसार सावलिया, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट कहती हैं कि जीरा, धनिया और सौंफ (Cumin, Coriander and Fennel) की चाय पीने से पाचन को कई अद्भुत लाभ होते हैं। इन तीनों मसालों को पाचन उत्तेजक के रूप में जाना जाता है। यह चाय सूजन, अपच, मतली, सिरदर्द से लेकर मासिक धर्म में ऐंठन तक, पेट की सभी समस्याओं में काम करती है।

gut health aur air pollution
वायु प्रदूषण आपके पेट के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

आयुर्वेदिक चिकित्सा में, इस तिकड़ी का उपयोग आपकी पाचन अग्नि को शांत करने के लिए किया जाता है। जब पाचन तंत्र स्वस्थ होता है, तो शरीर भोजन से पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित और उपयोग करने में सक्षम होता है।

पहले जानते हैं इस आयुर्वेदिक हर्ब्स की तिकड़ी के स्वास्थ्य लाभ

  • सूजन से राहत दिलाती है।
  • पेट फूलना कम करें।
  • आंत में ऐंठन शांत करें।
  • पेट दर्द कम करें।
  • भूख को उत्तेजित करने में लाभकारी।
  • मतली और उल्टी को कम करें।
  • मासिक धर्म की ऐंठन शांत करें।
  • ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करें।
  • सूजन कम करता है।
  • फोकस को बढ़ाता है।

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आपके पाचन और पीरियड क्रैम्प्स में भी राहत दिलाती हैं ये 3 हर्ब्स

1. जीरा (Cumin)

जीरा एक प्रकार का मसाला होता है जिसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है। यह व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही डाइजेस्टिव एंजाइम सक्रिय को सक्रिय करता है। सही समय पर भोजन न करने पर और अधिक जंक फ़ूड खाने से अक्सर अपच की परेशानी होती है। ऐसे में यदि डाइट में जीरे को शामिल कर लिया जाए तो यह आहार को पचाने में मदद करता है।

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की साइट पर पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, पाचन संबंधी समस्याओं, अपच, गैस, पेट फूलने और डायरिया जैसी पेट संबंधित परेशानियों को कम करने के लिए कई वर्षों से किया जाता रहा है।

2. सौंफ (Fennel)

पाचन संबंधी परेशानियों से राहत पाने के लिए सौंफ का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पाए जाने वाले कार्मिनेटिव (एक प्रकार की दवा, जो पेट फूलने या गैस बनने से रोकती है) और एंटीस्पास्मोडिक (पेट और आंत में ऐंठन दूर करने में मददगार) गुण इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी पेट की गंभीर परेशानियों से राहत दिलाने के लाभदायक हैं। इसके अलावा सौंफ का सेवन, यह पेट में सूजन, अल्सर, दस्त, पेट दर्द, गैस और कब्ज जैसी जैसी परेशानियों से निजात दिलाने में भी कारगर है।

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धनिया और धनिया का पानी पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। चित्र : शटरस्टॉक

3. धनिया (Coriander Seeds)

पुराने समय से ही धनिये का सेवन को पाचन को बढ़ावा देने के लिए किया जाता रहा है। असल में, इसके सेवन से बाइल एसिड बनता है, जो पाचन में अहम भूमिका निभाता है। धनिया में कार्मिनेटिव गुण शामिल होते हैं, जो गैस की परेशानी से भी निजात दिलाता है। इसके अतिरिक्त, धनिये का सेवन छोटी आंत में मौजूद प्रोटीन को तोड़कर भोजन को हजम करने वाले एंजाइम को भी बढ़ाता है।

जीरा, धनिया और सौंफ की चाय बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और विधि

  • पानी- 1 गिलास
  • जीरा- 1 चम्मच
  • सौंफ- 1 चम्मच
  • धनिया- 1 चम्मच

 

  • सबसे पहले एक बर्तन में पानी डालें और फिर इसमें सभी सामग्रियों को डालें।
  • करीब 5 से 7 मिनट तक उबालें।
  • फिर इसे छानकर, इसका सेवन करें।

सेवन का सबसे अच्छा समय

सुबह खाली पेट और भोजन के 1 घंटे बाद इस चाय का सेवन किया जा सकता है।

सावधानी- गर्भावस्था के दौरान इस चाय के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि सौंफ के बीज मासिक धर्म के प्रवाह को उत्तेजित कर सकते हैं या रक्त के थक्के जमने की क्षमता को बाधित कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
निशा कपूर
निशा कपूर

देसी फूड, देसी स्टाइल, प्रोग्रेसिव सोच, खूब घूमना और सफर में कुछ अच्छी किताबें पढ़ना, यही है निशा का स्वैग।

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