पंचमेल दाल, मम्मी की टेस्टी, हेल्दी और ट्रेडिशनल रेसिपी में से एक है, जो उनको उनकी मम्मी ने सिखाई है। बचपन में जब हम दाल खाते थे, तो हमें इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था कि ये सेहत के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है। बचपन से हमें दाल खाने की आदत डाली जाती है। क्योंकि दाल प्रोटीन व अन्य पौष्टिक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं।
थाली गुजरात की हो या महाराष्ट्र की, दाल की कटोरी के बिना वह अधूरी है। जब दाल की बात होती है तो इस बात में कोई दो राय नहीं कि यह भारतीयों के लिए थाली का एक अनिवार्य हिस्सा है। हमारे देश में कई प्रकार की दालें उपलब्ध हैं।
यहां इतनी वैरायटी में दाल मौजूद है कि आप हर दिन अलग दाल बनाएं, तो भी सप्ताह भर तक दालें खत्म नहीं होंगी।
शायद इसलिए मेरी मम्मी बचपन से हमें पांच दालें एक साथ बनाकर खिलाती आ रहीं हैं। तो आइए जानते हैं क्यों उनकी फेवरिट है पंचमेल दाल।
पंचमेल दाल में पांच दालें बराबर मात्रा में ली जाती हैं। जिसमें अरहर, चना, मूंग, मसूर और उड़द की दाल होती है। इसी कारण इस दल को पंचमेल दाल या पंचरत्न दाल के नाम से जाना जाता है। दरअसल एक दाल खाने से आपको उतने फायदे नहीं मिलते, जितने पंचमेल दाल खाने से मिल सकते हैं।
पंचरत्न दाल में प्रोटीन के साथ केल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम एवं अन्य खनिज लवण भी प्राप्त हो जाते हैं। जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करते है और आपके शरीर में पोषक तत्वों की जरूरत को भी पूरा करते हैं।
यह प्रोटीन के सबसे समृद्ध शाकाहारी स्रोतों में से एक है। इसमें कॉपर, मैंगनीज जैसे खनिज भी होते हैं। इस दाल को खाने से मधुमेह को दूर रखने में मदद मिलती है।
यह एक डाइट फ्रेंडली दाल है। इस दाल में न्यूनतम कैलोरी होती है और यह आयरन और पोटेशियम का एक समृद्ध स्रोत है। आयुर्वेद में खराब पाचन के दौरान मूंग दाल खाने की सलाह दी जाती है।
पित्त भाटा ( bile reflux) से पीड़ित लोगों के लिए मसूर की दाल बहुत फायदेमंद मानी जाती है। यह शरीर में रक्त परिसंचरण में भी सुधार करती है।
अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं और आपकी उम्र बढ़ रहीं हैं, तो प्रोटीन की बढ़ी हुई आवश्यकता को पूरा करने के लिए आपको अपने आहार में उड़द की दाल को जरूर शामिल करना चाहिए। यह दाल प्रोटीन और विटामिन बी के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है।
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कस्टमाइज़ करेंतूअर दाल भारत में खाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय दालों में से एक है। इस दाल में भारी मात्रा में फाइबर होते हैं, जो मल त्याग को नियमित करने में मदद करते हैं। यकीनन प्रोटीन की खुराक तो इसमें मौजूद रहती ही है।
सारी दालों को अच्छी तरह पानी से धो लें।
साफ पानी में थोड़ी देर के लिए दाल को भिगो दें, दाल का ज्यादा पानी बाहर कर दें। अतिरिक्त पानी हटाने के बाद इसे कुकर में चढ़ा दें।
इसमें सामग्री अनुसार पानी मिलाएं और स्वादानुसार नमक डाल कर चार सीटी तक पकने दें।
गैस बंद कर दें और कुकर को ठंडा होने दें। जब कुकर ठंडा हो जाए तो दाल को चमचे की मदद से मैश कर ले।
एक पैन में देसी घी गर्म करें। उसमें जीरा, लाल मिर्च, इलायची,अदरक,हरी मिर्च, हींग व अन्य मसाले डालें और 30 से 40 सेकंड तक पकने दें।
पैन में बारीक कटा हुआ टमाटर शामिल करें और मुलायम होने तक पकने दें।
जब टमाटर गलने लगे तो उसमें अमचूर पाउडर,धनिया पाउडर, हल्दी व लाल मिर्च डालें ।
अब उबली हुई दाल को पैन में डालें और 7 से 8 मिनट तक पकने दें। यदि आप की दाल ज्यादा गाढ़ी हो तो आप थोड़ा पानी भी इस समय डाल सकती हैं।
लीजिए तैयार है ढेर सारे पौष्टिक गुणाों वाली पंचमेल दाल। बस अब अपनी पौष्टिक थाली तैयार कीजिए और इसका आनंद लीजिए।
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