मूली गाजर अचार की ये रेसिपी है स्वाद और सेहत का कॉम्बो, ट्राई करें ये ट्रेडिशनल तरीका
गाजर और मूली दो ऐसी सब्जियां हैं, जिन्हें कच्चे सलाद की प्राथमिक सामग्री माना जाता है। वहीं सर्दियों में पोषक तत्वों से भरपूर गाजर और मूली से तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। खासतौर से मूली गाजर अचार तो बहुत ही ज्यादा पसंद किया जाता है।
सर्दी कई खास फल एवं सब्जियों का मौसम है। इस मौसम दो खास रूट वेजिटेबल गाजर और मूली को हार्वेस्ट किया जाता है। गाजर और मूली में कई विशेषताएं हैं, जो आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं। यह दोनों ही सब्जियां अपने अंदर कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता बटोरे होती हैं। वहीं इनका स्वाद भी कमाल का है, और लोग भी इन्हें बेहद पसंद करते हैं। गाजर और मूली दो ऐसी सब्जियां हैं, जिन्हें कच्चे सलाद की प्राथमिक सामग्री माना जाता है। वहीं सर्दियों में पोषक तत्वों से भरपूर गाजर और मूली से तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और इनका मिक्स जूस (Carrot and radish juice) को भी बेहद पसंद किया जाता है।
मेरी दादी गाजर और मूली की बहुत बड़ी फैन हैं, और हर सर्दी वे इनसे कई प्रकार के व्यंजन बनाती हैं। उनके बनाए गए सभी व्यंजनों में से मेरा पसंदीदा है “मूली गाजर अचार” (Carrot and radish pickle)। रोटी, चावल, पराठे आदि के साथ गाजर और मूली के अचार का कंबीनेशन बेहद स्वादिष्ट लगता है।
मैं खास कर मूली गाजर अचार के लिए सर्दियों का इंतजार करती हूं। यह केवल स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा है। इसलिए मैंने सोचा क्यों नहीं इसकी रेसिपी को आप सभी के साथ शेयर किया जाए। तो चलिए जानते हैं, दादी मां की स्पेशल मूली गाजर अचार की रेसिपी (how to make gajar aur muli ka Achar)।
जानें कैसे बनाना है मूली गाजर अचार (Step by step Mooli Gajar achar recipe)
मूली, गाजर, हरी मिर्च और अदरक को धो कर अच्छी तरह सुखा लें। अब मूली और गाजर को 2 इंच के टुकड़ों में काटकर एक प्याले में रख लें।
अदरक को 1 से 1.25 इंच के लंबे और पतले टुकड़ों और हरी मिर्च को बीच से पतला पतला काट लें, इसे भी उसी प्याले में रखें।
इसमें 2 चम्मच नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसके बाद सारी सामग्री को किसी कांच के जार में बंद करके 24 घंटे के लिए रख देना है।
10 से 12 घंटे बाद इसे हिलाकर मिलाएं या चम्मच से चला लें। अगले दिन अचार का रस प्याले में छान लें। रस को अच्छी तरह से छानने के लिए इसे 10 मिनट के लिए रख दें।
10 मिनट बाद जब रस निकल जाए तो इसे ट्रे में फैलाकर पंखे या धूप में सुखा लें। जब मूली-गाजर सूख जाएं, तो इसमें दुबारा से नमक डालें और हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, ताजी और दरदरी पिसी काली मिर्च, अजवायन और 6 चम्मच दरदरी पिसी राई डालकर अच्छी तरह मिला लें।
इधर एक पैन को गर्म करें और इसमें 1/2 कप सरसों का तेल डालें, जब तक कि धुआं न निकलने लगे।
फिर गैस बंद कर दें, और तेल को ठंडा होने दें। जब तेल ठंडा हो जाए तो इसमें हींग डाल दें। अब हींग के स्वाद वाले तेल को अचार में डाल दें।
सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिलाएं और अचार में 2 बड़े चम्मच सिरका डालें।
इन सभी सामग्री को उसी कांच के जार में डाल दें। अचार को 3 दिनों तक धूप में रखें और बीच बीच में हिलाती रहें।
आपका आचार बनकर तैयार है, अब आप इसे सामान्य रूम टेंपरेचर पर किचेन में रख सकती हैं। इस अचार को आराम से 3 से 4 महीने तक खाया जा सकता है।
कुछ टिप्स का ध्यान रखें:
अगर गाजर अंदर से पीली है और आपको यह पसंद नहीं है, तो आप इसका इस्तेमाल न करें।
आप बिना गर्म किए कच्चे सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आपको इसका कच्चा स्वाद पसंद नहीं है, तो इसे गर्म करके इस्तेमाल करें।
अचार में इस्तेमाल होने वाला सिरका इसका स्वाद बढ़ाता है, और शेल्फ लाइफ भी बढ़ा देता है, इसलिए सिरका ऐड करने का सुझाव दिया जाता है।
अचार की सेल्फ लाइफ बढ़ानी है तो इसे खाते वक्त बाहर निकालने के लिए साफ और सूखे चम्मच का इस्तेमाल करें।
अब जानते हैं मूली गाजर अचार के फायदे
गाजर और मूली दोनों ही कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इसके अलावा अचार बनाने के दौरान यह फर्मेंट हो जाती है, जिससे कि इनमें प्रोबायोटिक की गुणवत्ता भी जुड़ जाती है। इस प्रकार इनका सेवन सर्दियों में पाचन क्रिया को नियमित रहने में मदद करता है ।
गाजर और मूली दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट के एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो इन्हें इम्यूनिटी बूस्टिंग बनती हैं। इनका नियमित सेवन सर्दियों में इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है, जिससे कि संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
गाजर और मूली के पोषक तत्व सहित अचार की प्रोबायोटिक गुणवत्ता मेटाबॉलिज्म बूस्ट करती है, और इंसुलिन के स्तर को नियमित रखती है। जिससे कि यह डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहतर खाद्य विकल्प साबित हो सकते हैं। इतना ही नहीं इसमें फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर मैनेजमेंट में आपकी मदद कर सकता है।
गाजर और मूली की गुणवत्ता ब्लड वेसल्स को मजबूत बनाती है और इन्हें सही मात्रा में डाइट में शामिल करने से ब्लड प्रेशर भी नियमित रहता है। इस प्रकार ये हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती हैं।