गर्मियों के बाद हल्का ठंडा – ठंडा बरसात का मौसम हम सभी को बहुत पसंद आता है। मगर इस मौसम में होने वाली समस्याओं से हम सभी परेशान हो जाते हैं। सर्दी – खांसी – बुखार – जुकाम, तो कभी स्किन एलर्जी। इन सब से हम कितना भी पीछा छुड़ाने की कोशिश कर लें, लेकिन फिर भी इनसे पार पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। पर असल में ये इतना भी मुश्किल नहीं है। मेरी मम्मी के होम रेमेडीज वाले पिटारे में कुछ ऐसे उपाय भी हैं, जो आपको बरसात में होने वाली खुजली (Home remedy for itchy skin) से निजात दिला सकते हैं।
मानसून के मौसम में त्वचा संबंधी कई समस्याएं होती हैं। त्वचा के पसीने या बारिश के पानी के संपर्क में आने पर खुजली और रैशेज होना आम समस्या है। दरअसल, मानसून में जब वातावरण में नमी अधिक होती है और लोगों को गर्मी के कारण पसीना आता है, तो इससे त्वचा पर बैक्टीरिया का विकास होता है जिसके परिणामस्वरूप खुजली होती है।
ऐसे में अगर आप बाजार में मिलने वाले हीट पाउडर का इस्तेमाल करते हैं तो इससे तुरंत आराम मिलता है लेकिन समस्या फिर खड़ी हो जाती है। ये पाउडर त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देते हैं जिससे पसीना आना बंद हो जाता है और समस्या और भी बढ़ जाती है।
नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा संबंधी समस्याओं में काफी मददगार होते हैं। इसका उपयोग खुजली के उपचार में भी किया जा सकता है। आप नीम की पत्तियों को पीसकर प्रभावित जगह पर लगा सकती हैं या नीम के पानी नहा सकती हैं।
अगर आपको खुजली हो रही है तो आप नहाते समय दो चम्मच बेकिंग सोडा और एक चम्मच नींबू पानी से बना पेस्ट अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं। इसे पांच से दस मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। ऐसा रोजाना करें, इससे आपकी खुजली की समस्या दूर हो जाएगी।
चंदन त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। बाजार में मिलने वाले चंदन के पाउडर को लेकर खुजली वाली जगह पर लगाएं। आप इसमें गुलाब जल मिलाकर इसका पेस्ट भी लगा सकती हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नारियल के तेल में सूजन-रोधी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा को पोषण देता है और त्वचा के संक्रमण को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। अगर आप खुजली की समस्या का सामना कर रही हैं तो आप प्रभावित क्षेत्रों पर नारियल के तेल से मैसेज कर सकती हैं।
त्वचा को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज करना ज़रूरी है। इस मौसम में क्रीम बेस्ड मॉइश्चराइज़र की तुलना में लोशन बेस्ड मॉइश्चराइज़र बेहतर होते हैं।
कॉस्मेटिक मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसकी सुगंध और कलर एजेंट एलर्जी के बढ़ने के सबसे सामान्य कारणों में से एक हैं।
धूल, गंदगी, पराग और जानवरों के फर आदि चीजों से दूर रहें।
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