इमली का खट्ठा मीठा स्वाद जहां व्यंजनों में स्वाद और खटास को घोलने में मदद करता है, तो वहीं इसके सेवन से हृदय रोगों का खतरा भी कम हो जाता है। पोटेशियम और मैगनीशियम से भरपूर इस फूड के सेवन से शरीर में ब्लड प्रेशर का स्तर नियमित बना रहता है, जिससे हृदय रोगों के खतरे से बचा जा सकता है। अधिकतर लोग इमली को चटनी बनाने के लिए इस्तेमाल करते है। मगर और भी कई तरह से इसका इस्तेमाल करके कोलेस्ट्रॉल के सतर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जानते हैं कैसे इमली को आहार में शामिल करके कोलेस्ट्रॉल को कम (Imli to control cholesterol) किया जा सकता है और इसका सेवन कैसे किया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इमली में पॉलीफेनॉल्स की मात्रा पाई जाती हैं, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती हैं। इसके अलावा इमली का जूस पीने से शरीर में बढ़ने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल से भी बचा जा सकता है, जिससे हृदय रोगों के जोखिम से बचा जा सकता है। इमली का सेवन करने से शरीर में मैग्नीशियम और बीटा कैरोटीन की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके चलते शरीर में रक्त का प्रवाह नियंत्रित बना रहता है। साथ ही छाती में भारीपन और सांस लेने में तकलीफ की समस्या हल हो जाती है। इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल से जानते है इमली स्वास्थ्य को कैसे पहुंचाती है फायदा।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इसमें पॉलीफेनॉल्स की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इमली के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से शरीर में बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद मिलती सकते हैं, जो हृदय रोग का प्रमुख कारण साबित होता है।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इमली के अर्क में नेचुरल कंपाउड पाए जाते है, जिससे शरीर में बैक्टीरिया का खतरा कम हो जाता है। रिसर्च के मुताबिक इसमें एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर को ल्यूपोल कंपाउड की प्राप्ति होती है, जिससे शरीर में वायरस और पैरासाइटस के खतरे से बचा जा सकता है।
इमली में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे इंसुलिन सेंसिटीविटी को इंप्रूव करके ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर को पोटेशियम और पॉलीफेनोलिक सबस्टांस की प्राप्ति होती है।
इसमें आयरन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे शरीर में रेड ब्लड सेल्स का स्तर बढ़ने लगता है। इमली का सेवन करने से शरीर में बढ़ने वाली थकान और कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। विटामन सी से भरपूर इस खाद्य पदार्थ से शरीर दिनभर एक्टिव रहता है और त्वचा को भी फायदा मिलता है।
फाइबर से भरपूर इमली में हाइड्रोक्सी साइट्रिक एसिड पाया जाता है। इसका रस इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है। इसे तैयार करने के लिए इमली के बीज निकालकर उसमें 1 गिलास पानी एड कर दें। अब इसे कुछ देर उबालें। ठंडा होन पर पानी को डालकर उसमें शहद और पुदीन की पत्तियों को मिलाकर उसका सेवन करें।
फैट स्टोरेज को रोकने में मदद करने वाली इमली को चटनी के तौर पर खाया जा सकता है। इसे तैयार करने के लिए इमली को रातभर भिगोकर रखें। अब उसका पल्प निकालकर छान लें। पैन में 1 गिलास पानी गर्म करके उसमें इमली का रस मिलाएं और साथ में मेल्ट किया हुआ गुड़ एड कर दें। इसके अलावा स्वादानुसार सौंठ, नमक और लाल मिर्च व काली मिर्च को मिलाएं। कुछ देर पकने के बाद इसे ठंडा करके फ्रिज़ में स्टोर कर लें।
इमली में गैलेक्टोज कंपाउंड पाए जाते है, जो गट हेल्थ को बूस्ट करते है। इसके लिए मिक्स वेजिटेबल सूप के स्वाद को बढ़ाने के लिए इमली का पल्प निकाल लें और उसे सूप में एड कर दें। कुछ देर पकने के बाद उसका सेवन करें। इसके अलावा सांबर तैयार करने के दौरान उसकी खटास बढ़ाने के लिए भी इसका प्रयोग करें।
पाचनतंत्र को मज़बूती प्रदान करने के लिए इमली की चाय का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए इमली को पानी में उबाल लें और उस पानी को छालकर उसमें नींबू और शहद को मिलाकर उसका सेवन करें। इससे मौसमी संक्रमण के खतरे से बचा जा सकता है।