बचपन में जब भी हम किसी पूजा-अनुष्ठान, खासतौर पर जन्माष्टमी उत्सव में शामिल होते, तो मैं पंजीरी की अपेक्षा पंचामृत पीना पसंद करती थी। इसका सौंधा – सौंधा स्वाद न जाने क्यों मुझे बहुत अच्छा लगता था। जैसे – जैसे मैं बड़ी होती गयी मेरी रूचि को देखकर मम्मी मेरे लिए अलग से पंचामृत बचाकर रख देती थी।
छोटे – मोटे व्रत हों या त्योहार मुझे इस शीतल पेय का इंतज़ार रहता है। खासतौर से जन्माष्टमी पर तो मम्मी विशेषतौर पर पंचामृत तैयार करती हैं। उनका मानना है कि इसमें शामिल पांचों सामग्रियां वास्तव में हमारी सेहत के लिए अमृत हैं। पर क्या वाकई ऐसा है? आइए विज्ञान के हिसाब से चैक करते हैं।
किसी भी पूजा या त्यौहार में पंचामृत विशेष तौर पर बनाया जाता है। यह एक पारंपरिक भारतीय प्रसाद है, जिसमें पांच बेहद पौष्टिक फूड्स को शामिल किया जाता है। शायद आप नहीं जानती होंगी कि ये आपकी सेहत के लिए कैसे काम करता है।
एक दिन मैंने मम्मी से पूछा कि इसे पंचामृत क्यों कहते हैं? तब उन्होंने बताया कि यह पांच चीज़ों के मिश्रण (पांच अमृत) से बनता है इसलिए इसे पंचामृत कहते हैं। इसमें मुख्य तौर पर दूध, दही, चीनी, शहद और घी पड़ता है। जब इसमें तुलसी के पत्ते, मखाने और अन्य मेवा भी शामिल हो जाती हैं तो यह और भी पौष्टिक हो जाता है।
चरणामृत में दूध और दही मिलाया जाता है, जो मस्तिष्क को शांत करते हैं और ठंडक पहुंचाते हैं। साथ ही इसमें चीनी और शहद हैं जो मन में मिठास घोलने के साथ – साथ ताकत भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा, घी और तुलसी साथ मिलकर सभी बीमारियों को शरीर से दूर रखते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, जब इन पांच अवयवों को एक साथ मिलाया जाता है, तो ये एक-दूसरे के गुणों (अच्छे गुणों) में सुधार और वृद्धि करते हैं। पंचामृत में सप्त धातु (सात शरीर के ऊतकों) को पोषण देने की क्षमता है जो मुख्य रूप से हमारे स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। आयुर्वेद का मानना है कि पंचामृत शीतल, पौष्टिक और कफ नाशक होता है।
इसमें तुलसी के पत्ते डालने से इसकी रोग नाशक क्षमता बढ़ जाती है। पंचामृत ग्रहण करने से बुद्धि और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
1. दूध
दूध उन बहुत थोड़े से सुपरफूड्स में से एक है जिसमें विटामिन डी भी पाया जाता है। पंचामृत पारंपरिक रूप से गाय के दूध से बनाया जाता था। आयुर्वेद के अनुसार गाय के दूध का हमारे शरीर और दिमाग पर ठंडक का प्रभाव पड़ता है। यह ओजस को बढ़ाता है, जो लंबे स्वस्थ जीवन, शक्ति, प्रतिरक्षा और अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए जिम्मेदार है।
2. दही
यह एकमात्र फर्मेंटेड फूड है। यह एक प्रोबायोटिक है और पाचन में सुधार करता है और वात दोष को संतुलित करता है। यह आपकी गट हेल्थ को बूस्ट करने में मददगार है।
3. शहद
शहद में सभी आवश्यक एंजाइम होते हैं। यह पाचन में सुधार करता है, रंग साफ करता है और त्वचा को चिकना बनाता है। यह आसानी से पचने योग्य होता है और सेवन करने पर तुरंत रक्त-धारा में आत्मसात हो जाता है।
4. शक्कर
मूलत: पंचामृत में रिफाइंड शुगर की बजाए शक्कर यानी देसी खांड मिलाई जाती है। शक्कर मिठास और आनंद का प्रतीक है। देसी खांड अथवा शक्कर उन लोगों के लिए मिठास का एक बेहतरीन विकल्प है जो डायबिटीज के डर से अपने आहार में से चीनी में कटौती करना चाहते हैं। इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक औषधीय चूर्ण में भी किया जाता है।
5. घी
आपके बाल, आपकी त्वचा, गट हेल्थ और ब्रेन सभी के लिए घी सुपरफूड है। आयुर्वेद में घी के फायदों का उल्लेखनीय वर्णन है। यह एंटीऑक्सीडेंट के साथ विटामिन A और E का एक अच्छा स्रोत जो औषधीय लाभ प्रदान करते हैं। सेलिब्रिटी डायटीशियन रुजुता दिवेकर हर रोज कम से कम एक चम्मच देसी घी दाल या सब्जी में डाल कर खाने की सिफारिश करती हैं।
तो लेडीज इन पांच सुपरफूड्स यानी पंचामृत को अपनी डेली डाइट में जरूर शामिल करें। ये वास्तव में आपकी सेहत को नेक्स्ट लेवल पर ले जा सकते हैं।
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