सर्दियों में पाचन संबंधित समस्याएं जैसे की कब्ज लोगों को परेशानी में डाल देती हैं। ऐसे में खानपान के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है। कब्ज की समस्या केवल आपके पाचन क्रिया पर असर डालती है बल्कि आपके पूरे दिन चर्या को प्रभावित कर सकती है। इस दौरान आपको किसी भी कार्य पर ध्यान केंद्रित रखने में बहुत परेशानी होती है और आप पूरे दिन विचलित रह सकती हैं। हालांकि, परेशानी की बात नही है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुदको हाइड्रेटेड रखने के अलावा भी कुछ ऐसे खास खाद्य स्रोत (foods to ease constipation) हैं जो कब्ज से राहत पाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
सर्दियों में बढ़ती कॉन्स्टिपेशन की समस्या को लेकर हमने न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकेडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा से बातचीत की। उन्होंने इससे निजात पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों के नाम बताए हैं, तो चलिए जानते हैं किस तरह काम करते हैं यह खाद्य स्रोत।
सर्दियों में आमतौर पर लोग पर आलसी और सुस्त हो जाते हैं। शारीरिक स्थिरता के कारण भी पाचन संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं। वहीं गिरते तापमान में लंबे समय तक रहने की वजह से आपकी मेटाबॉलिज्म भी धीमी हो जाते हैं। साथ ही सर्दियों में प्यास भी बहुत कम लगती है, ऐसे में हम सामान्य रूप से कम पानी कंज्यूमर करते हैं। यह दोनों कब्ज की समस्या का एक गंभीर कारण हो सकते हैं।
आलूबुखारा को आमतौर पर बैर के नाम से जाना जाता है। वहीं सूखे हुए आलूबुखारे को पानी मे फुला कर खाने से कब्ज की समस्या से राहत पाने में मदद मिलती है। यदि आप चाहे तो इसे जूस के तौर पर भी ले सकती हैं। यह पेट को साफ रखता है और डाइजेस्टिव मसल्स को भी रिलेक्स करता है। जिस वजह से कॉन्स्टिपेशन, इत्यादि जैसी समस्याएं आपको प्रभावित नहीं करती। इसके साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व आंतों के कैंसर, डायबिटीज, मोटापे और दिल से जुड़ी बीमारियों में भी फायदेमंद माने जाते हैं।
पंपकिन सीड्स में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। ऐसे में इनका सेवन ब्लोटिंग, कब्ज और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं में काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए आप पंपकिन सीड्स को रोस्ट करके ले सकती है। वहीं इन्हें पानी में फुलाकर स्मूदी के साथ ब्लेंड करके लेना भी फायदेमंद रहेगा।
पपीता में पपाइन एंजॉय मौजूद होते हैं जो पाचन क्रिया को संतुलित रखने में मदद करता हैं। इसके साथ ही इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए यह कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। यदि आप कॉन्स्टिपेशन से परेशान रहती हैं तो पपीता का सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
सत्तू में पर्याप्त मात्रा में इनसोल्युबल फाइबर मौजूद होता है। जिसे आंतो की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह आतों को साफ करता है और पेट को डिटॉक्सिफाई करता है। इसके साथ ही इसे कब्ज और एसिडिटी की समस्या में कारगर माना जाता है।
त्रिफला चूर्ण भूरे रंग का पाउडर है जिसे तीन महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है। इन जड़ी बूटियों में शामिल है आंवला, हरीतकी और बहेड़ा। यह सभी कब्ज की समस्या में एक प्रभावी नुस्खे के तौर पर काम करते हैं। आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को कॉन्स्टिपेशन का एक सबसे उचित इलाज माना जाता है। आप इसके चूर्ण को पानी के सहारे घोंट सकती हैं। साथ ही इसे दूध और जूस इत्यादि में मिलाकर लेना भी फायदेमंद रहेगा।
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