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डियर न्यू मॉम्स, बेबी को कैसे और कब पिलाना है दूध, एक एक्सपर्ट शेयर कर रहीं हैं आपके लिए कंप्लीट ब्रेस्टफीडिंग गाइड

नन्हीं जान बहुत नाजुक होती है। ऐसे में जब आप पहली बार मां बनी होती हैं, तो यह समझ ही नहीं आता कि बेबी को कब और कैसे फीड करवाना है। आपकी मदद करने के लिए हेल्थ शॉट्स पर है एक कंप्लीट गाइड।
दूध निकालने में मदद के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाला स्तन पंप खरीद लें। चित्र : एडॉबीस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 23 Oct 2023, 09:09 am IST
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बच्चे के साथ-साथ एक मां का भी जन्म होता है। तभी हम उन्हें नई मां कहते हैं। वह भ्रूण जिसे आप पिछले 36 सप्ताह से अपने गर्भ में रखे हुए थीं, अब वह एक नाजुक शिशु के रूप में आपकी गोद में है। जब तक बेबी गर्भ में था, तब तक न तो आपको उसके सू-सू, पॉटी की टेंशन थी और न ही फीडिंग की। नवजात शिशु को ब्रेस्टफीड करवाना किसी भी मां के लिए चुनौतीपूर्ण टास्क हो सकता है। अगर आप भी हाल ही में मां बनीं हैं या बनने वाली हैं, तो जानिए क्या है बेबी को सही तरह से फीड करवाने का तरीका।

क्यों जरूरी है स्तनपान करवाना

प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और खनिजों से भरपूर मां का दूध बच्चों के लिए संपूर्ण आहार होता है। इसलिए डॉक्टर सुनीता जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान करवाने की सलाह देती हैं। यह न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है, बल्कि बेबी के संवेदनशील पेट के लिए इसे पचाना भी आसान है। मां से मिले मात्र सौ मिली दूध में बेबी को 65 प्रतिशत कैलोरी, 6.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट जो लैक्टोज का काम करता है, 3.8 ग्राम हेल्दी फैट और 1.3 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है।

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यहां जानिए बेबी को ब्रेस्टफीड करवाने का सही तरीका

1 कब पिलाना है दूध

डॉ सुनीता सिंह की मानें तो नए जन्मे बच्चे हर रोज़ लगभग 8 से 12 बार भोजन करते हैं। बच्चों का शरीर रात में प्रोलैक्टिन, लैक्टेशन हार्मोन का अधिक उत्पादन करता है। इसमें मां को नियमित, बार-बार दूध पिलाने से शरीर को पर्याप्त दूध का उत्पादन जारी रखने का संकेत मिलेगा।

हर समस्या का समाधान है मां का दूध, चित्र: शटरस्टॉक

2 ऐसे पिलाएं बच्चे को दूध

प्रसूताएं जिन्होंने हाल में ही बच्चों को जन्म दिया है, उनके वह पहले बच्चे की पहले ठुड्डी को आगे करें, फिर स्तन के पास लाएं। इसके बाद बच्चे की छाती और पेट मां अपने शरीर के पास करे। तब बच्चे की जीभ स्तन के नीचे होनी चाहिए, और बच्चे का मुंह स्तन से भरा होना चाहिए। ध्यान देने योग्य जो बात है वह न कि सिर्फ निप्पल होंठ बाहर निकले हुए होने चाहिए, बल्कि ठुड्डी स्तन के संपर्क में होनी चाहिए।

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3 हर स्तन को खाली करने में लगते हैं दस मिनट

स्तन से दूध पीने वाले बच्चे के लिए मां को समय-समय पर बच्चे को दूध पिलाना होता है। इस पर सबसे जरूरी बात है कि बच्चा दूध कितनी देर पीता है। डॉ सुनीता बताती हैं कि एक स्तन से दूध खाली होने में दस मिनट का समय लगता है, दोनों स्तनों से बीस मिनट में दूध खाली हो जाता है। डॉ सुनीता के अनुसार जो मां प्रत्येक सत्र में इससे कम अवधि के लिए बच्चे को स्तन से दूध पिलाती हैं, तो बच्चा भी भूखा रहता है और स्तन में किसी प्रकार के रोग की भी शुरूआत हो सकती है।

4- पोष्टिक आहार का ही सेवन करें

दूध का सेवन कराने से पहले मां को पोष्टिक खाना का सेवन करना होगा। जिससे मां के दूध की आपूर्ति कम न हो। जानकारी के लिए डॉक्टर की मानें तो एक दिन में पांच सौ कैलोरी के साथ, आयरन, फाइबर, कैल्शियम, प्रोटीन की आवश्यकता रहती है। जिससे पोष्टिक खाने से पूरा किया जा सकता है।

पोषक तत्वों से भरपूर भोजन खाना चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक

यदि मां इतना आहार नहीं लेती है, तो दूध की आपूर्ति एक हद तक कम हो सकती है। इसके लिए पतली दाल, हरी सब्जियाें, डेयरी, खजूर आदि का सेवन करना फायदेमंद होगा। और हां मां या सासू मां के बनाए हेल्दी लड्डू जरूर खाएं। ये आपके और बेबी दोनों के पोषण के लिए बहुत जरूरी हैं।

5 भरपूर नींद है जरूरी

बच्चे को दूध पिलाने वाली मां को भरपूर नींद लेनी चाहिए। ऐसा नहीं करने से मां को कई तरीके की बीमारी घेर सकती हैं। जैसे सर दर्द, आखों में सूजन, डार्क सर्कल, चेहरे पर झुर्रियां, ब्लड प्रेशर व मधुमेह बीमारी घेर सकती हैं। इससे बचाव के लिए भरपूर नींद लेना चाहिए।

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