दिन प्रति दिन डायबिटीज के आंकड़ें तेजी से बढ़ रहे हैं। स्थिति को देखते हुए भारत को डायबिटीज का कैपिटल कहा जाने लगा है। यदि इसपर नियंत्रण न पाया जयें तो कुछ साल में भारत डायबिटीज के सबसे अधिक मरीजों वाला देश बन जायेगा। ऐसे में सभी को खानपान की आदतों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। डायबिटीज उम्र देखकर आपको अपना शिकार नहीं बनाता, आजकल कम उम्र के युवाओं में भी डायबिटीज की स्थिति देखने को मिल रही है।
इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए आपको अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं है, आपके घर में मौजूद कुछ खास सामग्री इसमें आपकी मदद कर सकती हैं। कई ऐसे घरेलु ड्रिंक्स (anti diabetic drinks) हैं जिनका नियमित सेवन ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने में आपकी मदद कर सकता है। तो चलिए जानते हैं इन ड्रिंक्स को बनाने का तरीका साथ ही जानेंगे यह किस तरह काम करते हैं।
यह आपकी सेहत के लिए चमत्कार कर सकता है। खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। नीम की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर लेवल को सामन्य रहने में मदद करते हैं। यदि आपको डायबिटीज नहीं है फिर भी इसे पीना चाहिए ताकि आप डायबिटीज के दायरे में न आएं।
एक गिलास पानी में 10 से 12 नीम की पत्तियां डालें और इसमें 5 से 7 मिनट तक उबाल आने दें। आप चाहें तो इसमें दालचीनी की स्टिक ऐड कर सकती हैं। हालांकि, इसका स्वाद कड़वा और तीखा होगा, परन्तु यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद कमल का होता है।
अदरक के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। पब मेड सेंट्रल के अनुसार अदरक में जिंक की भरपूर मात्रा मौजूद होती है जो इंसुलिन के स्राव को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो इसे ब्लड शुगर लेवल को सामन्य रखने में मदद करती हैं। डायबिटीज की स्थिति में इसे जरूर पियें, वहीं प्रीडायबिटीज के शिकार हुए मरीजों को भी इसका सेवन करना चाहिए।
2 से 3 इंच अदरक के टुकड़े को क्रश कर ले इन्हे एक गिलास पानी में डालें और लगभग 7 से 10 मिनट तक इनमें उबाल आने दें। फिर इसे छानकर पीएं, यह मधुमेह रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
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तुलसी को धार्मिक पौधे के रूप में जाना जाता है, परन्तु इसकी गुणवत्ता इसे सेहत के लिए बेहद खास बना देती हैं। इसके हाइपोग्लाइकेमिक गुण शरीर में ब्लड शुगर लेवल के उचित स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार तुलसी पैंक्रिएटिक बीटा-सेल फ़ंक्शन और इंसुलिन सेकरेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
इसके लिए एक गिलास पानी में 8 से 10 तुलसी की पत्तियों को क्रश करके डालें। इसे लगभग 10 मिनट तक उबालें और इसे पिएं। जरुरी नहीं की आपको सुबह सुबह इसे लेना है, अपने अनुसार दिन में कभी भी इसका सेवन कर सकती हैं। हालांकि, सुबह के समय यह अधिक प्रभावी रूप से कार्य करता है।
आयुर्वेद में दालचीनी एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी मानी जाती है। दालचीनी अग्न्याशय को इंसुलिन जारी करने में मदद करती हैं, जो शरीर में ग्लूकोज प्रोसेसिंग को बढ़ावा देती है। खाने के बाद सामान्य रूप से आपके शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का स्तर और इन्फ्लेमेशन बढ़ता है। ऐसे में आपके शरीर के सेल्स के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है साथ ही यह क्रोनिक बिमारियों को बढ़ावा देता है।
एक चम्मच ताजा पिसा हुआ या ऑर्गैनिक दालचीनी पाउडर लें इसे रात भर के लिए एक गिलास पानी में भिगो कर छोड़ दें और अगली सुबह इसे पियें। यह अद्भुत ड्रिंक ब्लड शुगर लेवल को प्रबंधित करने के लिए एक अच्छा बिकल्प साबित होगा।
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