यह मौसम काफी ह्यूमिड और चिपचिपा है, वहीं इस समय बहुत सी महिलाएं यहां तक कि पुरुषों में भी यूटीआई की शिकायत देखने को मिलती है। यूटीआई एक प्रकार की वेजाइनल इंफेक्शन है। वहीं इस स्थिति में खुजली, जलन और दर्द का एहसास होता है। ऐसे में दवाइयों के सेवन से पहले आप इससे बचाव के लिए कुछ खास घरेलू उपचार अपना सकती हैं। आयुर्वेद में यूटीआई की स्थिति में लंबे समय से एक खास ड्रिंक को आजमाया जा रहा है। वहीं इस ड्रिंक के फायदे केवल इस संक्रमण को ट्रीट करने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एसिडिटी और पीरियड्स के हैवी फ्लो और दर्द को कम करने में भी कारगर होती हैं।
आयुर्वेदा एक्सपर्ट डॉ चैताली राठौड़ ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये यूटीआई, एसिडिटी को ट्रीट करने के लिए एक प्रभावी ड्रिंक के बारे में बताया है। आयुर्वेद के अनुसार चावल के पानी को तंडुलोदक कहा जाता है। चावल का पानी एक सफेद गाढ़ा तरल पदार्थ है जो चावल पकाने या उबालने से पहले चावल को धोने के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी से प्राप्त होता है। इसे आयुर्वेद में तंदुलोक के नाम से जाना जाता है (rice water ayurvedic drink)।
तो फिर बिना देर किए जानते हैं यूटीआई में तंदुलोक यानी कि चावल के पानी के फायदे। साथ ही जानेंगे इसे किस तरह बनाना है और इसकी कितनी मात्रा हमारे लिए उचित है।
एक भाग चावल और चार भाग पानी लें (उपयोग करने से पहले चावल धो लें)।
चावल को पानी में तब तक उबालें जब तक चावल पक न जाए।
फिर पानी को छान लें और इसे पीएं।
यह इसे तैयार करने का सबसे आसान तरीका है।
चावल का पानी बनाने का दूसरा तरीका है
10 ग्राम चावल लें (इस्तेमाल से पहले चावल को पानी से अच्छी तरह साफ कर लें) उसमें 60 या 80 मिलीलीटर पानी मिला लें।
इसे 2 से 6 घंटे के लिए मिट्टी के बर्तन में बंद करके रख दें।
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कस्टमाइज़ करेंफिर बाद में चावल को पानी में मसल लें और 20 से 25 मिनट तक छोड़ दें।
फिर इसे छानकर प्रयोग कर सकती हैं।
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किसी भी चावल का उपयोग करना ठीक है। टूटा हुआ चावल भी ठीक है। हालांकि, यदि लाल चावल उपलब्ध है तो यह सबसे अधिक प्रभावी हो सकता है। लगभग एक साल पुराना चावल बहुत अच्छा होता है और यह सेहत को कई फायदे प्रदान करता है। वहीं यदि सफेद चावल है तो उसका भी इस्तेमाल कर सकती हैं। चावल कच्चा होना चाहिए, अधिमानतः बिना पॉलिश किया हुआ, भाप में पकाया हुआ, छिलका निकाला हुआ नहीं होना चाहिए।
यह प्रकृति में शीतल होता है इसलिए यह पेशाब में जलन, दस्त, रक्तस्राव विकारों में मददगार होता है। इसके अलावा यह हथेलियों और तलवों में जलन को भी कम करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स इसे स्वास्थ्य समस्याओं के लिए खास बनाते हैं।
इतना ही नहीं चावल का पानी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही यह मॉइस्चराइजर के रूप में भी काम करता है। शरीर को इसके नियमित इस्तेमाल से कई चिकित्सीय लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
इसे आप आयुर्वेदिक वॉश के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं। प्राकृतिक बॉडी वॉश या योनि वॉश यहां तक कि वेजाइना के पीएच को बनाए रखने और संक्रमण को रोकने के लिए भी इसे फेमिनिन वॉश के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा, आप इसे अपने चेहरे और बालों को धोने के लिए भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
चावल के पानी को यूटीआई की स्थिति में कारगर माना जाता है।
चावल का पानी आपके यूट्रस के लिए अच्छा है।
यदि आपको अधिक व्हाइट डिस्चार्ज होता है तो इसका नियमित सेवन आपकी मदद कर सकता है।
चावल के पानी की तासीर ठंडी होती है, ऐसे में यह यूरिन पास करते हुए जलन को कम करता है।
डायरिया और हैवी पीरियड्स की स्थिति में भी यह कारगर होता है।
यदि आपको अक्सर हाथ और पैरों में जलन होती है तो नियमित रूप से चावल के पानी का सेवन कर सकती हैं।
चेहरे और बालों के लिए इसके सौंदर्य लाभ बेहद कमाल के हैं।
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