दिनों दिन खाद्य पदार्थों में स्वीटनर्स का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है। ऐसे में मीठा खाने की क्रेविंग के चलते अनहेल्दी डेजर्टस लोगों को खूब भाते है। कार्ब्स और आर्टिफिशल स्वीटनर्स (artificial sweeteners) से तैयार इन प्रोसेस्ड फूड्स (Processed food) के चलते शरीर में मोटापे, डायबिटीज़ और हृदय रोगों की आंशका बढ़ रही है। ऐसे में सूजी के हलवे को अनहेल्दी डेजर्ट (unhealthy desert) से रिप्लेस करके शरीर को कई प्रकार के फायदे मिलते है। सूजी में विटामिन और मिनरल के अलावा प्रोटीन और फाइबर की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि सूजी का हलवा है कब और किस प्रकार स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद (Suji halwa benefits)।
इस बारे में बातचीत करते हुए डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर को हेल्दी फैटस (healthy fats) की प्राप्ति होती है। इसे ऑल पर्पस फ्लोर भी कहा जाता है। इसके सेवन से शरीर को इंस्टेंट ऊर्जा (instant energy) की प्राप्ति होती है। सूजी से मीठे और नमकीन सभी प्रकार के व्यंजनों को तैयार किया जा सकता है। वे लोग जिन्हें बार बार मीठा खाने के लिए मन उतावला रहता है, ये फूड उनके लिए खासतौर से फायदेमंद है।
प्रेगनेंसी में महिलाओं को मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ने लगती है। ऐसे में सूजी का हलवा खाने से शरीर को फॉलिक एसिड की प्राप्ति होती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडैक्ट भी लो होता है। सूजी का हलवा बनाने के लिए देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें सेचुरेटिड फैट्स की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे मां और बच्चे दोनों को फायदा मिलता है। इसके सेवन से बच्चे की हड्डियों को मज़बूती मिलती है।
सूजी के हलवे को देसी मिठाई भी कहा जाता है। इसके सेवन से प्रेगनेंसी के दौरान बढ़ने वाली खांसी जुकाम की समस्या की रोकथाम में भी मदद मिलती है। इसकी कंसिसटेंसी अपने अनुसार सेट कर सकते हैं।
सूजी पोषण से भरपूर ऐसा सुपरफूड है, जिससे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। इसमें मौजूद घी बच्चे को ताकत प्रदान करते है। इसके अलावा सूजी से जहां शरीर को कार्ब्स और फाइबर मिलता है, तो वहीं प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए तीन हिस्से सूजी और एक हिस्सा बेसन का मिलाएं।
इसके अलावा काजू, बादाम और सीड्स को मिलाए, जिससे शरीर को हेल्दी फैट्स व मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इस तरह तैयार किया गया हलवा बच्चे को उच्च पोषण प्रदान करता है। बच्चे का स्वाद हर सप्ताह बदलने लगता है। ऐसे में सूजी को कभी हलवे, कभी उपमा, तो कभी इडली की फॉर्म में भी दे सकते है।
वे लोग जो वज़न बढ़ाना चाहते हैं। उन्हें सूजी के हलवे में मौजूद हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है। इसके अलावा हलवा बनाने के लिए सूजी और शक्कर के अलावा केले और दूध का भी प्रयोग करें। इसके अलावा ड्राई फ्रूटस को भी शामिल करें। इससे शरीर में मौजूद कमज़ोरी को दूर करके शरीर को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।
वे लोग वो मधुमेह से ग्रस्त है, उनके लिए सूजी फायदेमंद है। दरअसल, सूजी का ग्लाइसेमिक इंडैक्स लो है। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने से रोकी जा सकती है। हांलाकि सूजी के हलवे में मौजूद शक्कर के चलते हलवे का ज्यादा सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में डाइट में बैलेंस मेंटेन रखें। अगर ब्रेकफास्ट में आप सूजी का हलवा खा रही हैं, तो उसके बाद दिनभर आहार में गेंहू के आटे के सेवन से बचें। साथ ही करेले का जूस और हाई फाइबर डाइट लें।
दिन की पहली मील यानि ब्रेकफास्ट में सूजी का हलवा खाने से तन और मन हेलदी बना रहता है। जहां इसमें मौजूद घी, सूजी और शक्कर से शरीर को एनर्जी मिलती है, तो वहीं मीठा खाने से मीठे की क्रेविंग भी शांत रहती है। इसके अलावा अर्ली डिनर के बाद भी सूजी का हलवा खा सकते है। इससे नींद अच्दी आती है और शरीर हेलदी रहता है। चाहे गर्भवती महिलाएं हों या बच्चे सभी को इसके पोषण का लाभ उठाने के लिए फ्रेश हलवे का सेवन करना चाहिए।
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