कॉन्स्टिपेशन यानी की कब्ज की समस्या आपके पूरे दिनचर्या को प्रभावित कर देती है। इसके कारण ब्लोटिंग, पेट दर्द, गैस, इत्यादि का अनुभव होता है और इसकी वजह से आप किसी अन्य कार्य पर ध्यान केंद्रित नहीं रख पाती। कब्ज की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कम मात्रा में पानी पीना, खानपान की गलत आदत, शारीरिक स्थिरता इत्यादि। हालांकि, यह समस्या जितनी जिद्दी है इससे छुटकारा पाना भी उतना ही आसान है। इसके लिए आपको दवाइयों पर खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। घर में मौजूद पोषक तत्वों से भरपूर घी (ghee for constipation ) इसमें आपकी मदद कर सकती है। सालों से आयुर्वेद में कब्ज से राहत पाने के लिए घी का इस्तेमाल होता चला आ रहा है।
1. डिहाइड्रेशन के कारण कॉन्स्टिपेशन की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। कम पानी पीने से शरीर डिहाइड्रेटेड हो जाता है, जिसकी वजह से मल को बाहर आने में परेशानी होती है।
2. खानपान की आदत भी कॉन्स्टिपेशन का एक महत्वपूर्ण कारण है। फाइबर रहित खाद्य पदार्थों का सेवन, जरूरत से ज्यादा जंक फूड इसके साथ ही अनियमित खानपान कब्ज को बढ़ावा देते हैं।
3. स्ट्रेस, एंग्जाइटी, ओवरथिंकिंग कब्ज का कारण बन सकती हैं। क्योंकि आपका दिमाग और शरीर दोनों ही इंटरकनेक्टेड होता है।
4. शारीरिक रूप से स्थिर रहना और खाने के बाद सीधा लेट जाना, कॉन्स्टिपेशन और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
5. डायबिटीज, हाइपोथाइरॉएड और अन्य मेटाबॉलिक डिसऑर्डर कॉन्स्टिपेशन का कारण बन सकते हैं।
6. प्रेग्नेंट महिलाओं को आमतौर पर कॉन्स्टिपेशन का सामना करना पड़ता है।
यह भी पढ़ें : क्या खाने के बाद ब्लोटिंग हो जाती है, इसका कारण हो सकते हैं यह 6 फ़ूड कॉम्बिनेशन
असल मे जीवन शैली की कुछ गलतियों के कारण मैं भी अक्सर कॉन्स्टिपेशन से पीड़ित रहती थी। ऐसी स्थिति में मेरी मम्मी अक्सर एक चम्मच घी और गर्म पानी दिया करती थीं और यह कब्ज की स्थिति में मेरे लिए काफी कारगर साबित हुआ।
वहीं अपनी नियमित आदतों में सुधार करने के साथ ही मैंने घी को अपने नियमित डाइट का हिस्सा बना लिया। एक उचित मात्रा में गाय के घी का सेवन आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। वहीं वेट गेन की चिंता बिल्कुल भी न करें, क्योंकि एक सीमित मात्रा में गाय के घी का सेवन वेट गेन का कारण नहीं होता।
चलिए जानते हैं, कब्ज में घी किस तरह कारगर है, साथ ही जानेंगे इसे डाइट में शामिल करने के कुछ तरीके।
हर बार कॉन्स्टिपेशन होने के बाद मेरे पेट में काफी ज्यादा ऐंठन महसूस होती थी। साथ ही ब्लोटिंग, गैस और पेट दर्द इत्यादि से मैं काफी ज्यादा परेशान हो जाती थी। तब मम्मी के बताएं इस नुस्खे ने मेरा साथ दिया। घी को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मुझे फौरन राहत मिलती थी और कुछ देर बाद आराम से स्टूल बाहर निकल जाता था। हालांकि, कई बार मुझे एक से डेढ़ घंटे के अंतराल पर दो बार भी घी और पानी का सेवन करना पढ़ता था परंतु इस नुस्खे ने मुझे कभी निराश नहीं किया।
घी डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को लुब्रिकेट करते हुए बॉवेल मूवमेंट को आसान बना देता है। साथ ही साथ जब हम इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर लेते हैं, तो यह जमे हुए कड़े मल को मुलायम बनाता है और इसे बाहर आने में मदद करता है। घी के साथ साथ गर्म पानी भी शरीर से वेस्ट मटेरियल को बाहर आने में मदद करते हैं। ऐसे में इसके लाभ को देखते हुए मैंने इस पर रिसर्च किया और एक्सपर्ट से भी बातचीत की। उन्होंने इसका समर्थन करते हुए, इस बारे में और भी बहुत सी चीजें बताई हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
यह भी पढ़ें : पोषक तत्वों का खजाना है अनार, इन 6 फायदों के लिए आप भी करें पोस्ट ब्रेकफास्ट मील में शामिल
इस विषय पर हेल्थ शॉट्स ने प्रणा हेल्थ केयर सेंटर की फाउंडर और आयुर्वेदिक हेल्थ कोच डिंपल जांगड़ा से बातचीत की। उनके अनुसार घी एक प्रकार का नेचुरल लैक्सेटिव है वहीं इसका टेक्चर ऑइली होता है ऐसे में घी बॉडी को लुब्रिकेट करता है और इंटेस्टाइनल ट्रैक को पूरी तरह से साफ कर देता है। वहीं सर्कुलेशन इंप्रूव होता है और मल को बाहर आने में मदद मिलती है। ऐसे में कब्ज की समस्या नहीं होती।
इसके साथ ही प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार घी ब्यूटीरिक एसिड का एक अच्छा स्रोत है। ऐसे में ब्यूटीरिक एसिड का सेवन आंतों की मेटाबॉलिज्म को बढ़ा देता है, जो मल को बाहर आने में मदद करती हैं। साथ ही इसे पेट दर्द और ब्लोटिंग की समस्या में भी काफी कारगर माना जाता है। ये दोनों ही समस्याएं कॉन्स्टिपेशन के लक्षण हैं।
गुड और घी को एक साथ मिलाकर डेजर्ट के रूप में ले सकती हैं। यह कॉन्स्टिपेशन का एक उचित उपाय है। घी में मौजूद एसेंशियल फैट और गुड में मौजूद आयरन एक साथ मिलकर काफी प्रभावी रूप से काम करते हैं। हालांकि, 2 से 3 चम्मच गुड़ में 1 से 1/2 चम्मच देसी घी मिलाएं इससे ज्यादा इसका सेवन न करें।
गर्म दूध में घी मिलाकर पीने से मल को आसानी से बाहर आने में मदद मिलती है। यह आंतों में जमे मल को मुलायम बनाता है और इसे बाहर निकालता है।
घी और कैफीन का कॉन्बिनेशन कॉन्स्टिपेशन की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में यदि आप कब्ज से परेशान रहती हैं, या कब्ज को अवॉयड करना चाहती हैं, तो अपनी कॉपी के साथ एक चम्मच घी मिलाकर ले सकती हैं।
अपने नियमित व्यंजनों को बनाने में अन्य तेल की जगह घी का इस्तेमाल करना अधिक फायदेमंद होता है। इसके साथ ही ये कॉन्स्टिपेशन की स्थिति को पैदा नहीं होने देता, परंतु यदि आप पहले से ही कब्ज से पीड़ित हैं, तो अपने नियमित दाल, सब्जी इत्यादि में घी डालना न भूलें।