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पेट खराब भी कर सकता है त्रिफला का ज्यादा सेवन, जानिए इस आयुर्वेदिक चूर्ण के साइड इफेक्ट

तीन फलों की बराबर मात्रा लेकर तैयार किए जाने वाले इस चूरन में लेक्सेटिव, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ढे़रों गुणों से भरपूर त्रिफला पाउडर का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है।
Updated On: 28 Jan 2025, 04:30 pm IST
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Triphala ke nuksaan
तीन फलों की बराबर मात्रा लेकर तैयार किए जाने वाले इस चूरन में लेक्सेटिव, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

आयुर्वेद की दृष्टि में त्रिफला एक कारगर औषधी है, जिसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसे तैयार करने के लिए तीन फलों का प्रयोग किया जाता है। आमला, बिभीतकी और हरड़ को मिलाकर इस औषधी को तैयार किया जाता है। इसके सेवन से जहां पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है, तो वहीं वेटलॉस में भी फासदेमंद साबित होता है। ढे़रों गुणों से भरपूर इस पाउडर का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकता है। जानते हैं त्रिफला किस तरह से स्वास्थ्य के लिए नुकसान का कारण साबित हो सकती है (Side effects of triphala)।

त्रिफला है गुणों से भरपूर (Triphala benefits)

इस बारे में डायटीशियन श्वेता शाह बताती हैं कि शरीर का डिटॉक करने से लेकर डाइजेशन को बूस्ट करने तक त्रिफला का प्रयोग किया जाता है। आम्ला, बिभीतकी और हरड़ से तैयार होने वाले इस पाउडर का आहार में नियमित मात्रा से ज्यादा इस्तेमाल वात संतुलन को नुकसान पहुंचाता है। इसके चलते शरीर में शुष्कता बढ़ने लगती है और डाइजेशन कमज़ोर हो जाता है। ऐसे में शरीर में कमज़ोरी, ब्लोटिंग और डायरिया का सामना करना पड़ता है। जानते हैं, त्रिफला  के नुकसान

रिसर्चगेट के अनुसार त्रिफला में बायोलॉजिकल कंपाउंड पाए जाते हैं। इसमें टैनिन, गैलिक एसिड, चेबुलजिक एसिड और चेबुलिनिक एसिड पाया जाता हैं। चेबुलजिक एसिड एक एंटीऑक्सीडेंट है, जिसे बेंजोपायरन टैनिन पाया जाता है। त्रिफला का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी की भी प्राप्ति होती है। तीन फलों की बराबर मात्रा लेकर तैयार किए जाने वाले इस चूरन में लेक्सेटिव, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।

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त्रिफला का आहार में नियमित मात्रा से ज्यादा इस्तेमाल वात संतुलन को नुकसान पहुंचाता है।। चित्र : एडोब स्टॉक

जानते हैं त्रिफला चूरन की ओवरडोज़ किस तरह से स्वास्थ्य को पहुंचाती है नुकसान (Side effects of triphala)

1. इनडाइजेशन को बढ़ाएं

त्रिफला में माइल्ड लेक्सेटिव प्रॉपर्टीज़ पाई जाती है जो गैस की समस्या का कारण साबित हो सकता है। इसका नियमित सेवन करने से दस्त, ब्लोटिंग, कमज़ोरी और पेट दर्द की समस्या बनी रहती है। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। पाचनतंत्र को सुचारू बनाए रखने के लिए एक्सपर्ट की सलाह से ही इसका सेवन करें।

2. डिहाइड्रेशन की समस्या

अधिक मात्रा में त्रिफला का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी बढ़ने लगती है, जो इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस का कारण साबित होता है। इससे शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या बनी रहती है, जो पेट में दर्द, सिरदर्द, कमज़ोरी, दस्ते और थकान को बढ़ा देता है। सीमित मात्रा में इसका सेवन शरीर को हेल्दी और दिनभर एनर्जी से भरपूर बनाए रखता है।

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अधिक मात्रा में त्रिफला का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी बढ़ने लगती है। चित्र : शटरस्टॉक

3. गर्भवती महिलाओं को पहुंचाए नुकसान

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार गर्भावस्था के दौरान हर्ब्स का इस्तेमाल शरीर में ब्लड थिनिंग का कारण बनता है, जिससे बच्चे की ग्रोथ प्रभावित होती है और मिसकैरेज का खतरा बना रहता है। स्टडी के अनुसार गर्भवती और लेक्टेटिंग मदर्स को भी औषधियों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

4. एलर्जी का खतरा

नेचुरल हर्ब्स से तैयार त्रिफला को सेवन करने से एलर्जी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते त्वचा पर लालिमा, रैशेज और सांस लेने में तकलीफ की समस्या बढ़ जाती है। वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशील है, उन्हें खुजली और जलन की समस्या बनी रहती है।

5. लो ब्लड प्रेशर की शिकायत

त्रिफला का सेवन करने से शरीर में सोर्बिटोल और टैनिन जैसे कंपाउड की मात्रा बढ़ जाती है। वे लोग जो पहले से लो ब्लड प्रेशर का शिकार रहते है, उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके चलते शरीर में थकान बनी रहती है।

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त्रिफला का सेवन करने से शरीर में सोर्बिटोल और टैनिन जैसे कंपाउड की मात्रा बढ़ जाती है। चित्र :शटरकॉक

कितनी मात्रा में करें त्रिफला का सेवन

शरीर को पोषण प्रदान करने वाले इस चूरन का सेवन रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ करें। 1 चम्मच त्रिफला का चूरन स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाता है। इसे नियमित रूप से लेने की जगह सप्ताह में 2 से 3 बार लें। वे लोग जो पाचन संबधी समस्याओं से ग्रस्त है, उन्हें रोज़ाना इसके सेवन से बचना चाहिए।

इसके अलावा वे लोग जो शरीर को डिटॉकस करने के लिए इसे खाते है। उन्हें इस औषधी को शहद या गर्म घी में मिलाकर खाने से भी फायदा मिलता है।

यह भी पढ़ें- Harad : त्रिफला चूरण में सबसे खास है हरड़, प्राकृतिक चिकित्सक बता रहे हैं इसके बारे में सब कुछ

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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