दूध अपने आप में एक कंप्लीट मील है और उसमें अपनी एक अलग मिठास मौजूद होती है। मगर फिर भी गिलास में दूध डालने से पहले अधिकतर लोग 1 से 2 चम्मच चीनी डालना नहीं भूलते हैं। स्वाद को बढ़ाने के लिए शुगर इनटेक बढ़ा लेना कई शारीरिक समस्याओं के बढ़ने का कारण साबित होता है। अतिरिक्त कैलोरीज़ को बढ़ाने के अलावा चीनी से शरीर में कई समस्याएं पनपने लगती है। वहीं रात को सोने से पहले जो लोग दूध में चीनी घोलकर पीते है, उनके शरीर में इन समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है (sugar in milk)।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि दूध में चीनी मिलाकर पीने से सबसे पहले शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज स्टोर होने लगती हैं, जिससे वेटगेन (weight gain) का सामना करना पड़ता है। वज़न का लगातार बढ़ता मेटाबॉलिक डिसऑर्डर (metabolic disorder) और हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) की समस्या का कारण बनने लगते हैं। चीनी का नियमित सेवन शरीर में ब्लड शुगर को बढ़ाने लगता है और डायबिटीज़ (diabetes) का जोखिम बढ़ा देता है। ज्यादा मात्रा में चीनी प्रयोग करने से लिवर संबधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं।
जामा इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित 2014 के एक रिसर्च के अनुसार हाई शुगर डाइट हृदय रोग से मौत के खतरे को बढ़ा देता है। 15 साल तक हुई एक स्टडी में पाया गया कि वे लोग जो 17 से 21 फीसदी कैलोरीज़ चीनी से प्राप्त करते हैं, उनमें हृदय रोग से मरने का जोखिम 38 फीसदी तक बढ़ जाता है।
अमेरिकन हार्ट इंस्टीट्यूट के अनुसार एक महिला को दिनभर में 6 चम्मच यानि 24 ग्राम और पुरूष को 9 चम्मच यानि 36 ग्राम से ज्यादा शुगर इनटेक नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दूध में चीनी मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है। चीनी में मौजूद हाई कैलोरीज़ से शरीर में फैट डिपॉज़िट बढ़ने लगता है और वेटगेन का सामना करना पड़ता है। चीनी के नियमित सेवन से शरीर में कैलोरीज़ की मात्रा एकत्रित होने लगती है, जिससे शरीर में चर्बी जमा होने लगती है।
चीनी का सेवन ब्लड प्रेशर को प्रभावित करने लगता है। ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करने से नाइट्रिक ऑक्साइड का लेवल बढ़ने लगता है, जिससे ब्लड वेसल्स के कार्य पर उसका असर पड़ता है। शरीर में होने वाले वैसोकन्स्ट्रिक्शन से हाई ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है। चीनी का ज्यादा सेवन करने से सेल्स के इन्नर वॉल्स में प्लाक बनने लगता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
दूध में चीनी मिलाकर पीने से न केवल स्वाद बढ़ता है बल्कि उससे शरीर में शुगर के स्तर में बढ़ोतरी होने लगती है। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार शुगर से भरपूर पेय पदार्थों का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ने लगता है। हाई कैलोरी डाइट से ब्लड शुगर स्पाइक का खतरा बढ़ जाता है।
यूएसडीए के अनुसार 1 चम्मच चीनी में 60 कैलोरीज़ पाई जाती है और उसे एक गिलास दूध में मिलाने से कैलोरीज़ की मात्रा 150 हो जाती है। इससे लिवर सरफेस पर फैट मॉलीक्यूल्स बढ़ने लगते है, जिससे फैटी लिवर का सामना करना पड़ता है। फैटी लिवर से लिवर संबधी रोगों का सामना करना पड़ता है और वेटगेन की समस्या बढ़ जाती है। इस समस्या के चलते लिवर अपना कार्य उचित प्रकार से नहीं कर पाता है।
ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करने से कैविटी का खतरा बना रहता है। दरअसल, मुंह में बैक्टीरिया बढ़ने से दांतों पर प्लाक की थिन लेयर बन जाती है। इससे मुंह में मौजूद एसिड दांतों को धीरे धीरे नुकसान पहुंचाने लगता है और दांतों में कैबिटी बढ़ने लगती है। अधिकतर बच्चों को दूध में चीनी मिलाकर देने से उनके दांतों में दर्द की शिकायत बढ़ जाती है।
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