कोरोना काल के बाद से हम सभी अपने घरों में बंद होकर रह गए हैं, भले ही अब जन – जीवन वापस पटरी पर लौट आया आया है, लेकिन हम अपना आलस छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में शारीरिक गतिविधि की कमी (lack of physical activity), धूप न लेना (lack of sunlight), बैठे रहना (Sitting for long hours) – यह सब न सिर्फ हमारा शरीर खराब कर सकता है बल्कि बच्चों की ग्रोथ पर असर डाल सकता है।
धूप न मिलने, एक्सरसाइज़ न करने और ज़्यादा जंक फूड का सेवन करने से बच्चों की बोन हेल्थ और ग्रोथ पर काफी असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं, इन सब की वजह से उन्हें रिकेट्स जैसी समस्या भी हो सकती है।
हाल ही में, मशहूर टीवी रेयलिटी शो बिग बॉस 16 (big boss 16) की शुरुआत हो चुकी है। इस बार कुछ सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर भी इस शो पर आएं हैं, जिनमें 19 वर्षीय अब्दू रोजिक चर्चा का विषय बने हुए हैं।
अब्दू रोज़िक (abdul rozic) एक तजाकिस्तानी गायक, संगीतकार, ब्लॉगर और बॉक्सर हैं और सोशल मीडिया पर काफी फेमस हैं। उनके नाम दुनिया के सबसे छोटे गायक होने का रिकॉर्ड है। जी हां… उनका कद सिर्फ 3 फीट 1 इंच है और वे सबके पसंदीदा हैं। अपनी मेडिकल कंडिशन के बारे में बात करते हुए अब्दू नें बताया कि 5 साल की उम्र में उन्हें रिकेट्स (rickets) हुई, जिसकी वजह से उनकी ग्रोथ रुक गई।
रिकेट्स विटामिन डी की कमी के कारण (Rickets causes) बच्चों को होने वाली एक बीमारी है। इसमें हड्डियों का कैल्सीफिकेशन बहुत छोटी उम्र से शुरू हो जाता है जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर होकर मुड़ने लग जाती हैं। जब हड्डियां सही तरह से विटामिन डी (Vitamin D) को अवशेषित नहीं कर पाती हैं तो कैशियम और फोस्फोरस जैसे मिनरल्स भी हड्डी तक नहीं पहुंच पाते हैं जिसकी वजह से रिकेट्स होता है।
हाइट रुक जाना
मांसपेशी में कमज़ोरी
पैरों का मुड़ना
नॉक नीस
रीढ़, श्रोणि और पैरों में दर्द
सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर आपके बच्चे की त्वचा विटामिन डी का उत्पादन करती है। लेकिन विकसित देशों में बच्चे बाहर कम समय बिताते हैं। वे सनस्क्रीन (Sunscreen) का उपयोग करते हैं, जो सूर्य की किरणों को अवरुद्ध करता है और त्वचा में विटामिन डी के उत्पादन को ट्रिगर कर सकता है।
बचपन में सही पोषण न मिलने से भी रिकेट्स हो सकता है। मछली के तेल, अंडे की जर्दी और वसायुक्त मछली जैसे सैल्मन और मैकेरल में विटामिन डी होता है। कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों जैसे दूध, अनाज और कुछ फलों के रस में भी विटामिन डी पाया जाता है। इन्हें अपने आहर में शामिल करना ज़रूरी है।
मोबाइल फोन की इस दुनिया में बच्चों का खेलना – कूदना रुक गया है, जिसकी वजह से उनकी ग्रोथ पर बहुत असर पड़ सकता है। खेलने से हड्डियां मजबूत होती हैं, बाहर की धूप मिलती है, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होती है।
बच्चों को रिकेट्स जैसी पोषण संबंधी बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें सही और संतुलित खानपान देना बहुत ज़रूरी है। हरी सब्जियां, फल, दूध, दही, अंडे, अनाज – यह सब बच्चों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी हैं। यह सब उनकी डेली डाइट का हिस्सा होना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंविटामिन डी के लिए बच्चों का न सिर्फ धूप में खेलना ज़रूरी है, बल्कि उन्हें सही विटामिन डी सपलीमेंट दें। फिर चाहे वे सपलीमेंट के रूप में हो या फूड सोर्स की मदद से। खानपान में आप रागी, मशरूम, सभी तरह के अनाज शामिल कर सकती हैं – इन सब में विटामिन डी की अच्छी मात्रा होती है।
बढ़ते बच्चों के लिए साल में एक बार फूल चेक अप करवाना सबसे सही है। ताकि समय रहते यह पता चल सके कि उनकी ग्रोथ उनके शरीर के मुक़ाबले सही है या नहीं या उनके हॉरमोन में कोई भारी उतार चढ़ाव तो नहीं है।
यदि आपको बच्चे में कोई भी अजीब लक्षण देखने को मिले तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं और जांच कराएं। देखें कि कहीं बच्चा लंगड़ा कर तो नहीं चल रहा है, सही से खा रहा है या नहीं, वज़न ठीक है या नहीं, उम्र के हिसाब से हाइट कैसे है आदि।
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