हर तरह की बेरी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। यह पूरे शरीर को पोषण देकर स्वस्थ रखती है। इन दिनों एक और बेरी को स्वास्थ्यवर्धक माना जा रहा है। ये है सी बेरी। इसे लद्दाख बेरी, वंडर बेरी, लेह बेरी भी कहा जाता है। यह लाहौल के स्पीति गांव में खूब फलता है। यह बहुत ठंडे स्थान पर फलता है। लाहौल स्पीति बहुत ऊंचाई पर स्थित है। यहां ज्यादातर महीनों में बर्फ जमी रहती है। जब ठंढ के दिनों में लाहौल स्पीति का संपर्क शेष देश से कट जाता है, तो पोषक तत्वों से भरपूर सी बेरी या लद्दाख बेरी को खाया जाता है। पारम्परिक रूप से इसका इस्तेमाल उम्र घटाने वाले फल के रूप में किया जाता है। इसके अलावा यह फल पूरे शरीर की देखभाल करता (anti aging Sea Berry for overall health) है।
इन दिनों हार्ट हेल्थ के लिए देश भर में सी बेरी की मांग है।यह फल शून्य से भी कम तापमान पर फल सकता है। साथ ही, तेज गर्मी में भी इसके पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचता है। हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस फल को गुणवान फल कहा था। दरअसल, शेष दुनिया में सी-बक थॉर्ण ( हिमाचल में ड्रिल्बू, चारमा) के नाम से प्रसिद्ध सी बेरी के पेड़ की जड़, तना, पत्तियां, कांटें, फूल भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसकी पत्तियों की चाय माइंड बूस्टर के साथ-साथ वेट लॉस में भी कारगर है। इसलिए इस फल का उपयोग आयुर्वेदिक, होम्योपेथिक दवाओं और सप्लीमेंट तैयार करने में भी किया जाता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ एनवायरनमेंटल रीसर्च एंड पब्लिक हेल्थ के अनुसार सी बेरी फल फ़्लव्नोइडस, ओमेगा 3, ओमेगा 6, ओमेगा 9 फैटी एसिड का स्रोत है। यह फाइबर, पोली अनसैचुरेटेड और मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी 1, विटामिन बी 2, विटामिन बी 6 और विटामिन सी से भरपूर होता है। सोडियम, आयरन, मैग्नीशियम, एस्कोर्बिक एसिड जैसे मिनरल्स से यह भरपूर होता है। इसका इस्तेमाल स्मूदी, सलाद के रूप में किया जा सकता है। इसे दही और दलिया में मिलाकर और पाउडर के रूप में भी लिया जा सकता है।
जर्नल ऑफ़ फंक्शनल फ़ूड में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार सी बेरी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले सेल डैमेज से बचाव करता है। यह डैमेज ही कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, स्ट्रोक और कैंसर जैसे रोगों का कारण बनता है।
कई क्लिनिकल स्टडी इस बात पर जोर देते हैं कि इसमें मौजूद क्वेरसेटिन, केम्पफेरोल जैसे एंटी ऑक्सीडेंट साईटोटॉक्सिक रेस्पोंस देते हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल कैंसर थेरेपी में भी किया जाता है। गामा लिनोलेनिक एसिड और ओमेगा 6 फैटी एसिड के कारण इसका उपयोग एंटी एजिंग एजेंट के रूप में होता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, सी बकथॉर्ण से तैयार तेल (Sea Buckthorn Oil) ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी बैलेंस करता है। यह ब्लड क्लॉट होने से भी बचाव करता है। इसमें मौजूद एंटीओक्सीडेंट फ्लेवनोइड्स कंपाउंड लिपिड मार्कर को सर्कुलेट करने में मदद करता है। इसके कारण यह हृदय रोगियों के लिए उत्तम फल है। हृदय रोगी प्रतिदिन 20 ग्राम फल या 300 एमएल जूस ले सकते हैं।
जर्नल ऑफ़ फंक्शनल फ़ूड में प्रकाशित शोध आलेख में शोधकर्ता मीरा कौर और उनकी टीम इस बात की चेतावनी देती है कि कंट्रोलड क्लिनिकल ट्रायल के निष्कर्ष में यह पाया गया है हार्ट पेशेंट को यदि हार्ट बीट रिद्म की शिकायत है, तो वे सी बेरी का सेवन रोजाना नहीं करें।
साथ ही लेक्टेटिंग मदर, प्रेगनेंट महिला, गैस्ट्रोइंटेस्टिनल प्रॉब्लम से जूझ रहे व्यक्ति, ऑटो इम्यून डिजीज के मरीज इसका सेवन नहीं करें।
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