गर्मियों का मौसम कुछ प्रकार की बीमारियों को साथ लेकर आता है इन्हीं में से एक है डेंगू (Dengue)। हालांकि डेंगू का मौसम से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन गर्मियों के मौसम में अक्सर डेंगू मच्छर जन्म लेते हैं। जो काफी तेजी से डेंगू बुखार फैलाते हैं। यह बुखार मामूली से खतरनाक भी हो सकता है। ऐसे में इसके बारे में जागरूक होना और सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। डेंगू फीवर (Dengue fever) के बारे में विस्तार से समझने के लिए हमने ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित मणिपाल अस्पताल की संक्रामक रोग सलाहकार डॉ नेहा मिश्रा से संपर्क किया। चलिए पहले डेंगू के बारे में समझते हैं।
हां! ऐसे कई घरेलू नुस्खे (Home remedies) हैं, जो आपके प्लेटलेट्स के काउंट को बढ़ा सकते हैं। साथ ही आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट सकते हैं। ताकि आप डेंगू से बेहतर तरीके से लड़ सके।
डॉ नेहा मिश्रा बताती हैं,”डेंगू का बुखार चार प्रकार के वायरस के कारण होता है जो एडीज एजिप्टी मच्छर द्वारा फैलता है। ज्यादातर डेंगू एक स्व-सीमित बीमारी है, जिसमें मरीजों को आमतौर पर ज्वर का चरण आता है और फिर यह 3-7 दिनों के बाद अपने आप ठीक हो जाता है।” जब आप एक बार किसी डेंगू वायरस के संपर्क में आ जाते हैं, तो आपका शरीर जीवन भर उस वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है।
हालांकि एक वायरस कि एंटीबॉडी बनने के बाद आप अन्य तीन वायरस के संपर्क में आने से आप संक्रमित हो सकते हैं। सेंटर ऑफ़ डिजीज कंट्रोल के डाटा के अनुसार दुनिया भर में हर साल डेंगू के करीब 400 मिलियन मामले सामने आते हैं। जिसमें अधिकांश मामले ट्रॉपिकल रीजन के होते हैं। भारत भी इन देशों की सूची में शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार जब आप डेंगू वायरस के संपर्क में आते हैं तो प्रारंभिक लक्षण दिखने में 4 से 10 दिन का वक्त लग सकता है। कई मामलों में लक्षण हल्के होते हैं और कई मामलों में प्लेटलेट्स काफी डाउन हो जाती है। हल्के लक्षणों को फ्लू समझने की गलती भारी पड़ सकती है। CDC के अनुसार डेंगू में कुछ समान्य और भयानक लक्षण :
कोरोना वायरस महामारी के दौरान हम सभी गिलोय से अच्छी तरह परिचित हो चुके हैं। यह है डेंगू के इलाज में भी काफी ज्यादा उपयोगी है। आयुर्वेद में गिलोय को एक अहम स्थान दिया गया है दरअसल गिलोय चयापचय में सुधार करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। डेंगू के मरीजों की अक्सर प्लेटलेट्स गिरने लगती है हालांकि गिलोय का रस इसमें तेजी से सुधार करने में सहायता दे सकता है।
गिलोय की डंडियों को पानी में उबाल लें और इसे रोगी को घुट घुट पिलाते रहें। इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए यह मरीज की प्लेटलेट पर निर्भर करता है। कोशिश करें कि दिन में 3 से 4 बार इसे मरीज को दें।
प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ाने और डेंगू के अन्य लक्षणों को काबू करने में पपीते के पत्ते का रस भी बहुत उपयोगी है। यह आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है जो डेंगू के वायरस से लड़ने में आपको सक्षम बनाता है।
पपीते के कुछ पत्ते लें और उन्हें पीसकर उनका रस अलग कर ले। शुरू में थोड़ी ही मात्रा मरीज को दें और यदि परिणाम अच्छे देखने को मिल रहे हो तो मात्रा बढ़ा दे। आप इसके लिए अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
मेथी का दाना कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो आपको डेंगू के बुखार को नियंत्रित करने में आपकी सहायता दे सकता है। हालांकि इसका सेवन सावधानी से और एक्सपर्ट की राय लेने के बाद ही करना चाहिए। डेंगू में इसका उपयोग गर्म पानी में भिगोकर किया जाता है।
सबसे पहले मेथी के दानों को पानी में डालकर पानी गर्म कर ले। अब उस पानी को रूम टेंपरेचर पर ठंडा होने वाले और दिन में 2 बार पिए। यह विटामिन सी, के और फाइबर से भरपूर होता है। मेथी का पानी बुखार को कम करेगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा।
डॉ नेहा मिश्रा कहती है कि डेंगू से बचाव और सावधानियां बहुत जरूरी है। हमें खुश चीजों को सावधानियों के तौर पर देखना चाहिए जैसे घर में मच्छर पनपने से रोकना, किसी भी प्रकार के जलभराव से बचना, घर को साफ रखना बहुत जरूरी है।
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