शादी के सीजन में खुद को डिटॉक्स करने के लिए फॉलो करें ये 6 टिप्स, न बढ़ेगा वजन, न होंगी झुर्रियां

जब आप हर दिन एक पार्टी में शामिल हो रहे होते हैं, तब आपको अपनी फिटनेस और एनर्जी बनाए रखने के लिए कुछ खास चीजों पर ध्यान देना जरूरी होता है।
wedding season me detox karna jaroori hai.
शादी से कम से कम 4 से 6 हफ्ते पहले डिटॉक्स शुरू कर दें। इसे शादी के दिन के बहुत करीब शुरू न करें। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 12 Feb 2024, 06:02 pm IST
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मेडिकली रिव्यूड

इंडिया में शादी जिंदगी के सबसे बड़े सेलिब्रेशन्स में से एक है। जिसकी शादी है, सिर्फ उसके लिए ही नहीं, बल्कि उसके दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए भी। क्या आपने भी इस शादी के सीजन में अपनी किसी खास दोस्त या रिश्तेदार की शादी में शामिल होने की तैयारियां कर ली हैं? मेहंदी, हल्दी, संगीत के साथ वेडिंग डे तक, हर दिन खूब सारी मस्ती और व्यंजनों से भरा होता है। ऐसे में आपकी फिटनेस और एनर्जी लेवल बना रहे, इसके लिए जरूरी है प्री और पोस्ट वेडिंग डिटॉक्स। यहां आपकी मदद के लिए कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं।

कब शुरू करें डिटॉक्स करना (When to start detox body)

शादी से कम से कम 4 से 6 हफ्ते पहले डिटॉक्स शुरू कर दें। इसे शादी के दिन के बहुत करीब शुरू न करें। इससे शरीर पर दबाव पड़ सकता है। त्वचा, आंत के स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ठीक इसी तरह शादी के तुरंत बाद नहीं, बल्कि कुछ हफ्तों के बाद डिटॉक्स करें।

क्यों जरूरी है वेडिंग सीजन में शरीर को डिटॉक्स करना (What is detoxifying body)

शादियाें के मौसम में हम सोने, जागने और खाने-पीने सभी के साथ लिबर्टी ले लेते हैं। उत्साह और मस्ती में भले ही उस दौरान यह सब महसूस न हो, पर शरीर पर इनका असर पड़ता है।

डिटॉक्स प्रोग्राम में आमतौर पर फिक्स किये गए आहार और लाइफ्स्टाइल में चेंज शामिल हो सकता है। इसका उद्देश्य शरीर के डिटॉक्स तंत्र में सुधार करना है। विशेषज्ञ ऐसे कई डिटॉक्स आहार बताते हैं, जिनमें विटामिन, मिनरल, एंटीबायोटिक्स, लैक्सेटिव, हर्बल टी के अलावा अन्य कई खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। इनमें आंतों की सफाई की विशेषता होती है।

यहां हैं शादी से पहले और शादी के बाद डिटॉक्सीफाई करने के टिप्स (6 Tips to detoxifying body)

1 फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन (Fiber and antioxidant to detox body)

डिटॉक्स पीरियड के दौरान भोजन को रोकें या छोड़ें नहीं। पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ संतुलित भोजन लेना सुनिश्चित करें। ताजे फल, सब्जियां, बेरी जैसे फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ये वजन को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं। ये आंत के स्वास्थ्य और त्वचा की बनावट में सुधार करने में भी मदद करते हैं।

2 . हाइड्रेशन लेवल बनाए रखें (Hydration level to detox body)

पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और जॉइंट्स को चिकनाई देता है। पोषक तत्वों के अवशोषण और पाचन में सुधार करता है। यह शरीर को विषमुक्त करता है। प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए कोशिकाओं को भोजन में पोषक तत्वों का उपयोग जरूरी ऊर्जा में परिवर्तित करना चाहिए। पानी यूरीन और पसीने के माध्यम से अपशिष्ट को बाहर निकालने में मदद करता है। प्रतिदिन कम से कम तीन लीटर पानी पीने की आदत बनाएं। यह मात्रा आहार और डेली एक्सरसाइज की मात्रा के आधार पर घट-बढ़ सकती है।

3 . आहार में प्याज, लहसुन और ब्रोकोली शामिल करें (onion garlic and broccoli to detox body)

प्याज, लहसुन और ब्रोकोली जैसे सल्फर युक्त खाद्य पदार्थ भारी धातुओं के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। वे ग्लूटाथियोन के समुचित कार्य में भी सहायता करते हैं। यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है, जो टॉक्सिन निकालने में मदद करता है। धनिया और धनिया पत्ती शामिल करें, जो शरीर से कीटनाशकों और फ़ेथलेट को हटाने में मदद करता है। टॉक्सिन्स बाहर निकालने के लिए आंत का स्वस्थ होना जरूरी है।

onion garlic aur froccoli shreer ko detox karte hain.
प्याज, लहसुन और ब्रोकोली जैसे सल्फर युक्त खाद्य पदार्थ भारी धातुओं के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। चित्र :अडॉबी स्टॉक

इसके लिए, टमाटर, शतावरी, केले, ओट्स, प्याज और लहसुन जैसे प्रीबायोटिक खाद्य पदार्थ खाएं। ये लाभकारी इंटेस्टाइन बैक्टीरिया को पोषण देते हैं, जिससे उन्हें हेल्दी फैटी एसिड बनाने में मदद मिलती है।

4 . चीनी और जंक फूड का सेवन कम करें (exclude sugar and junk food to detox body)

अत्यधिक चीनी और जंक फूड का सेवन हृदय संबंधी समस्याओं का मुख्य कारण है। मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर सभी इससे संबंधित हैं। ये सभी बीमारियां शरीर के डीटॉक्सीफिकेशन में बाधा डालती हैं। इससे किडनी और लिवर जैसे अंगों को चोट पहुंचती है। चीनी युक्त पेय और जंक फूड फैटी लीवर का कारण बनते हैं। इससे डीटॉक्सीफिकेशन अधिक कठिन हो जाता है।

ज्यादा मात्रा में चीनी या जंक फूड का सेवन कर रहे हैं या नहीं, ट्राइग्लिसराइड स्तर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है। यदि यह 150 मिलीग्राम/डीएल से अधिक है, तो जंक फूड खाना बंद करने का समय आ गया है। उन्हें पौष्टिक विकल्पों जैसे कि साबुत अनाज और फाइबर युक्त फलों और सब्जियों से बदलें।

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5 शराब पीने से बचें (No to alcohol to detox body)

उपभोग की जाने वाली 90% से अधिक शराब लिवर में संसाधित होती है। शराब का सेवन वसा को जमा करने, सूजन पैदा करने और लीवर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाकर लीवर को डैमेज करता है। यह लीवर को पूरी क्षमता से काम करने से रोकता है, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने की क्षमता सीमित हो जाती है। यदि आप चाहती हैं कि शरीर की डीटॉक्सीफिकेशन प्रणाली ठीक से काम करे, तो शराब के सेवन से बचें।

6 अपनी नींद बढ़ाएं (sound sleep to detox)

शरीर की डीटॉक्सीफिकेशन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रति रात आठ घंटे की नींद जरूरी (Pre & post wedding detox) है। नींद मस्तिष्क को संभावित हानिकारक पदार्थों को पुनर्जीवित करने और हटाने में मदद करती है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेती हैं, तो शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने का समय नहीं मिलता है। इसके कई बुरे परिणाम होते हैं।

Neend ki samasya dur karne ke liye inn tips ko follow karein
शरीर की डीटॉक्सीफिकेशन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रति रात आठ घंटे की नींद जरूरी है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

शोध में नींद की कमी को चिंता, तनाव, मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मोटापे से जोड़ा गया है। यदि सोने में कठिनाई हो रही है, तो सख्त दिनचर्या का पालन करें। सोने से कम से कम आधे घंटे पहले कंप्यूटर स्क्रीन और मोबाइल गैजेट्स की नीली रोशनी से बचें।

अंत में

यदि आप डिटॉक्स आहार लेना (Pre & post wedding detox) चाहती हैं, तो पहले अपने डॉक्टर या प्राकृतिक चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। हर किसी का बीएमआई, दैनिक दिनचर्या और चयापचय दर अलग-अलग होती है। कोई भी आहार संशोधन करने से पहले इन सभी तत्वों पर विचार कर लेना चाहिए।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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