परांदी पर ढेरों लोकगीत सुनने को मिलते हैं, मगर क्या वाकई परांदी में कोई खास गुण है। दरअसल, लोहड़ी के मौके पर चेहरे के श्रृंगार के लिए जहां मेकअप प्रोडक्ट्स का प्रयोग किया जाता है, तो वहीं बालों का श्रृंगार खूबूसूरत परांदे के बिना अधूरा लगता है। चोटी पर लटकती रंग बिरंगी परांदी जहां बालों की खूबसूरती को बढ़ाती है और चेहरे की रौनक को बढ़ा देती हैं, तो वहीं इससे बालों (Paranda lagane ke fayde) को कई फायदे भी मिलते है।
दादी-नानी के समय में महिलाओं के बाल लंबे, घने और मज़बूत नज़र आते थे। मगर दिनों दिन हेयर स्टइलिंग टूल्स का इस्तेमाल और केमिकल्स का अंधाधुंध प्रयोग बालों की कमज़ोरी का कारण साबित हो रहा है। इससे बाल हल्के और कमज़ोर नज़र आने लगते हैं। जानते हैं परांदी से बालों (paranda lagane ke fayde) को मिलने वाले अद्भुत फायदे।
आमतौर पर पंजाब में लोहड़ी, बैसाखी और शादी समारोह में परांदी लगाने की रिवायत है। ड्रेस के साथ मेंचिंग या कंट्रास्ट परांदे पहने जाते हैं। इससे बालों की रूट्स मज़बूत होती है और हेयरग्रोथ में मदद मिलती है। वे लोग जिनका हेयर वॉल्यूम कम होता है और बालों के टूटने की समस्या बढ़ जाती है, उन्हें इसे अपने बालों को गूंथने के दौरान लगाना चाहिए। इससे बालों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट पायल सक्सेना से जानते हैं बालों में परांदी लगाने से कौन से फायदे मिलते हैं।
अक्सर देसी नुस्खों को दो मुंहे बालों को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कभी हवा की शुष्कता, तो कभी केमिकल्स के इस्तेमाल से स्पिल्ट एंडस का सामना करना पड़ता है। इससे हेयरग्रोथ में बाधा उत्पन्न होने लगती है और बालों का टूटना पड़ने लगता है। ऐसे में लंबी परांदी को बालों के साथ गूंथने से हेयर लेंथ प्रभावित होती है और बालों की रफनेस कम होती है। अब बाल एक समान होने लगते है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है।
वे लोग जो हेयरफॉल से परेशान है, उन्हें नियमित रूप से बालो में परांदी लगानी चाहिए। इससे हेयर फॉलिकल्स की मज़बूती बढ़ती है और बेबी हेयर की समस्या हल होने लगती है। दरअसल, इससे बालों की लंबाई एक समान दिखने लगती है और हेयरग्रोथ उत्तेजित होने लगती है। परांदी लगाने से बाल फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचे रहते हैं।
खुले बाल धूप, बारिश और सर्द हवाओं के नुकसान से ग्रस्त रहते है। ऐसे में बालों को बांधकर रखने से उनके टैक्सचर को नुकसान से बचाया जा सकता है। साथ ही बालों का वॉल्यूम बढ़ने लगता है। इसके लिए नियमित ऑयलिंग और परांदी का इज्ञतेमाल दोनों आवश्यक है। इससे बालों की संवेदनशीलता को कम किया जा सकता है और क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है।
बालों का झड़ना उसके पतलेपन का कारण बनने लगते हैं। ऐसे में बालों की डेंसिटी में सुधार लाने के लिए परांदी बेहद कारगर साबित होती है। इसे दिनभर बालों में बांधने से हेयर वॉल्यूम में बदलाव नज़र आता है और स्कैल्प सेल्स को मज़बूती मिलती है। साथ ही बालों का रूखापन कम होने लगता है।
रोज़ाना बालों को गूंथने से स्कैल्प का रूखापन कम होने लगता है और नमी बरकरार रहती है। इससे बालों को टूटने से बचाया जा सकता है और हेयर मॉइश्चर मेंटेन रहता है। बालों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए नेचुरल ऑयल को अप्लाई करके इसे बालों में गूंथ लें।
परांदी से बालों का स्वरूप अनूठा नज़र आने लगता है। इससे हेयर स्टाइलिंग में मदद मिलती है और केमिकल्स के इस्तेमाल से भी बचा जा सकता है। हेयर असेसरी के रूप में इस्तेमाल करने से बालों का लुक चेंज होता है और बालों का वॉल्यूम बढ़ने लगता है।
यह भी पढ़ें – बालों की फ्रिजीनेस को दूर करने के लिए इन होमेमेड हेयर ऑयल से करें चंपी, जानिए कैसे करने हैं तैयार
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।