पर्व त्योहार प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने के लिए किये जाते हैं। दरअसल, हमारा पोषण पूरी तरह प्रकृति से मिलने वाले फल, फूल, सब्जियों, पत्तों और बीजों पर टिका हुआ है। हरतालिका तीज का त्योहार (Hartalika Teej 2023) भी पेड़-पौधों के प्रति प्रेम और आभार प्रकट करने का संदेश देता है। इस दिन महिलाए निराहार रहकर व्रत करती हैं। उसके अगले दिन तीज का पारण (Hartalika Teej Paran par kya khaye) किया जाता है और इस अवसर पर कद्दू या काशीफल जरूर खाया जाता है। आखिर क्या है इसकी वजह (Pumpkin recipe for Teej) और इसे कैसे आहार में शामिल किया जाता है, आइए जानते हैं।
पूरे दिन बिना अन्न-जल के उपवास करने के बाद कद्दू से बने व्यंजन खाने का विधान है। असल में 1 दिन के व्रत के बाद स्वादिष्ट और पौष्टिक तरीके से पकाया गया कद्दू पाचन तंत्र को मजबूत करता है। पानी, फाइबर और पेक्टिन से भरपूर कद्दू शरीर को हायड्रेट कर बोवेल मूवमेंट में मदद करता है। फायदों और रेसिपी जानने से पहले जानते हैं कद्दू के पोषक तत्वों के बारे में।
बिहार में कोंहड़ा के नाम से प्रसिद्ध कद्दू, सीताफल या काशीफल विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी6, और विटामिन सी से भरपूर होता है। इसमें कॉपर, फाइबर, फोलेट और मैंगनीज मौजूद होते हैं। कद्दू कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम भी प्रदान करता है। यह दिल की धड़कन को नियमित रखने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। एंटी ओक्सिडेंट से भरपूर कद्दू फ्री रेडिकल्स को खत्म कर पूरे शरीर की लॉगेविटी (Pumpkin for Longevity) भी बढ़ाता है। इसलिए तीज के पारण के अवसर पर पूरे परिवार की लंबी आयु (lambi umra ke liye kaddu ke fayde) की कामना के लिए कद्दू और काला चना की सब्जी तैयार की जाती है।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, फाइबर और पेक्टिन से भरपूर कद्दू (Pumpkin Benefits) का गूदा पाचन में सहायता करता है। पेक्टिन एक प्राकृतिक प्रीबायोटिक है, जो आंत स्वास्थ्य (Pumpkin for intestinal health) में सुधार के अलावा, हार्ट (Pumpkin benefits for heart) और मेटाबोलिज्म को सक्रिय (Pumpkin for active metabolism) करने में मदद करता है।
कद्दू में पोटैशियम हाई लेवल में मौजूद होता है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। यह हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है। पोटैशियम से भरपूर आहार हाई बीपी से ग्रस्त लोगों में ब्लड प्रेशर (Pumpkin to lower blood pressure) को कम करने में मदद करता है। इससे किडनी अतिरिक्त सोडियम उत्सर्जित कर देते हैं। कद्दू में बीता केरोटिन के रूप में मौजूद विटामिन ए आंखों के स्वास्थ्य को भी ठीक करता है। विटामिन ई से भरपूर कद्दू, कद्दू के बीज, कद्दू के पत्ते स्किन और हेयर हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हैं।
छोटे टुकड़ों में कटा कद्दू (आधा किलो), एक कटोरी रात भर भिगोया काला चना, 1 बारीक कटी प्याज, 2-3 कली लहसुन, तेजपत्ता, हींग, हल्दी-नमक, एक बारीक कटी हरी मिर्च, एक चौथाई चम्मच जीरा, एक स्पून सरसों तेल, बारीक कटी धनिया पत्ती, एक स्पून लेमन जूस।
सबसे पहले काला चना (Black Gram) को अच्छी तरह धोकर उबाल लें।
एक कुकर में तेल डालें। जीरा, हींग, तेज पत्ता और हरी मिर्च का तड़का लगायें। बारीक कटी 1 प्याज डाल दें। नमक डाल दें।
फिर लहसुन (Garlic Benefits) को घिसकर डाल दें। हल्दी भी डालें। जब भुनने लगे, तो कद्दू के पीसेज डाल दें। थोड़ी देर बाद उबले चने भी डालें। इन सभी प्रक्रिया के दौरान फ्लेम मीडियम ही रहने दें। कोई सब्जी मसाला डालना चाहती हैं, तो डाल दें।
कद्दू के नरम होने पर एक बाउल पानी डालकर लो फ्लेम पर 1 सीटी लगा दें। जब स्टीम खत्म हो जाए, तो बारीक कटी धनिया पत्ती और लेमन जूस डाल दें।
खुद भी खाएं और परिवार के सदस्यों को भी खिलाएं कद्दू और काला चना की सब्जी (Kaddu Recipe in Hindi)। कद्दू से निकले बीज को फेंके नहीं। घी-नमक और काली मिर्च पाउडर के साथ बीज भूनकर खा लें।
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