सर्दियों की शुरूआत के साथ जोड़ों में दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा त्वचा का रूखापन भी बढ़ने लगता है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करना आवश्यक है। ऐसे में स्नैकिंग के लिए प्रोसेस्ड फूड की जगह प्रोटीन, आमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर से भरपूर चॉकलेटी एनर्जी बॉल्स एक बेहतरीन विकल्प है। इसे खाने से जहां शरीर को पोषण मिलता है, तो वहीं इसे बनाना भी बेहद आसान है। ठंड में स्वास्थ्य की देखभाल के लिए चॉकलेट एनर्जी बॉल्स (chocolate energy balls recipe) से शरीर को कई फायदे मिलते है। जानते हैं इसे बनाने की विधि और इससे मिलने वाले फायदे भी।
डायटीशियन अंजलि मुखर्जी बताती हैं कि ओमेगा 3 फैटी एसिड के तीन प्रकार होते हैं अल्फा लिनोलेनिक एसिड यानि एएलए, दूसरा है ईकोसापेंटेनोइक एसिड यानि ईपीए और तीसरा है डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड यानि डीएचए। अखरोट, अलसी के बीज और चिया सीड्स समेत कई फूड्स में मौजूद ये फैटी एसिड स्वास्थ्य को मज़बूती प्रदान करता है। इससे तनाव दूर होता है और हृदय रोगों को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चों में पाई जाने वाली अटेंशन.डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर को दूर करने में भी मदद मिलती है।
आहार में फ्लैक्स सीड्स को शामिल करने से शरीर को अल्फा लिनोलेनिक एसिड की प्राप्ति होती है। पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसमें मौजूद सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर की मात्रा डाइजेशन को बूस्ट करने में मदद करती है। इसमें मौजूद पॉलीअनसेचुरेटिड और मोनोअनसेचुरेटिड फैट्स की मात्रा कैलेरीज़ के स्टोरज को कम करके हेल्दी वेट मैनेजमें।ट में मदद करती है। साथ ही इसे आहार में शामिल करने से ब्रेन हेल्थ भी बूस्ट होती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अखरोट में मौजूद पॉलीफेनॉल कंपाउड की मात्रा से ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को दूर करने में मदद मिलती हैं। पॉलीफेनॉल के समूह को एलागिटैनिन कहा जाता है। अखरोट का सेवन करने से पेट में मौजूद गुड बैक्टीरिया एलागिटैनिन को यूरोलिथिन कंपाउड में बदल देते हैं, जिससे सूजन को कम किया जा सकात हैं। इसके सेवन से शरीर को ओमेगा 3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम और अमीनो एसिड आर्जिनिन की प्राप्ति होती हैं।
ओमेगा 3 से भरपूर कद्दू के बीज के सेवन से शरीर को ग्नीशियम, आयरन, फाइबर और प्रोटीन की प्राप्ति होती हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पंपकिन सीड्स का सेवन करने से शरीर को पॉलीअनसेचुरेटिड फैट्स मिलते हैं। इससे शरीर को गुड फैट्स की प्राप्ति होती है। इसे बेक करेक, रोस्ट करके और सोक करके खाया जा सकता है। इसके अलावा कद्दू के बीज में फाइटिक एसिड पाया जाता हैं, जो पाचन तंत्र में पोषक तत्वों को बाइंड करके अवशोषित करने में मदद करते हैं।
पिस्ता में अल्फा लिनोलेइक एसिड पाया जाता है। इससे शरीर में बढ़ने वाली बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके सेवन से शरीर को प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल की प्रापित होती है। इसे खाने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी बचा जा सकता है। इसे छीलने के बाद हल्की गुलाबी परत को हटाने की जगह उसके समेत खाने से शरीर को फाइबर की उच्च मात्रा की प्राप्ति होती है।
अलसी के बीज 1/2 कप
अखरोट 1/2 कप
बादाम 1/4 कप
पंपकिन सीड्स 1/4 कप
सीडलेस खजूर 8 से 10
पिस्ता 1/2 कप
गुड़ 1 कप
कोकोआ पाउडर 1/2 कप