हम सभी के घर में अक्सर मां और दादी कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से पहले पानी में भिगोकर कुछ देर तक छोड़ देती हैं। तो क्या आपने कभी इसके पीछे के तथ्य को जानने की कोशिश की है? सालों से मां और दादी द्वारा आजमाए जा रहे इस नुस्खे से मेडिकल साइंस और बड़े-बड़े न्यूट्रीशनिस्ट भी सहमत हैं। दरअसल कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें खाने से पहले भिगोना (soak before cooking ) बहुत जरूरी है। ऐसा करने से इनकी गुणवत्ता बढ़ जाती है और यह अधिक पौष्टिक हो जाते हैं।
यदि आप ऐसा नहीं करती हैं, तो इस लेख के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे आखिर क्यों कुछ खास खाद्य पदार्थों को भिगोना जरूरी है।
हमने मां द्वारा सालों से कुछ खास खाद्य पदार्थों को भिगोकर खाने के नुस्खे पर हेल्थशेक की फाउंडर और न्यूट्रीशनिस्ट प्रितिका बेदी से सलाह ली। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर खास खाद्य पदार्थों के नाम सुझाए हैं, जिन्हें भिगोने से इनकी गुणवत्ता अधिक हो जाती है। तो चलिए जानते हैं आखिर किन खाद्य पदार्थों को भिगोना है। साथ ही जानेंगे कैसे बढ़ जाती है इनकी गुणवत्ता (Benefits of soaking foods)।
मेथी के दानों का सेवन करने से पहले इन्हें भिगोने की सलाह दी जाती है। इन्हें पानी में भिगोने से इनमें मौजूद फाइबर की गुणवत्ता बढ़ जाती है। साथ ही पाचन में आसानी होती है और हमारा पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। मेथी को रात भर के लिए पानी में भिगोकर छोड़ दें फिर सुबह इसे खाएं साथ ही इसका पानी भी पिएं।
सभी प्रकार के फल और सब्जी में थर्मोजेनिक प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इस प्रभाव को कम करने के लिए एक्सपर्ट किसी भी प्रकार के फल और सब्जी का सेवन करने से पहले इसे कुछ देर के लिए पानी में भिगोकर छोड़ने की सलाह देते हैं। इस प्रोसेस से फल के ऊपरी परत पर जमे बैक्टीरिया बाहर निकल आते हैं। भिगोए हुए फल का सेवन पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होता है। साथ ही त्वचा स्वस्थ रहती है और सिरदर्द और डायरिया का खतरा नहीं होता।
ज्यादातर सीड्स में एंजाइम अवरोधक मौजूद होता है। इसलिए इन बीजों को डाइट में शामिल करने से पहले इन्हें भिगोनो की सलाह दी जाती है। इन्हें गर्म पानी में भिगोकर छोड़ देने से इनमें मौजूद अवरोधक न्यूट्रलाइज हो जाते हैं। साथ ही बीजों को भिगोने से कई अन्य फायदेमंद एंजाइम भी प्रोड्यूस होते हैं, जो सेहत के लिए अधिक फायदेमंद माने जाते हैं।
एक्सपर्ट की माने तो इन्हें भिगोने से सीड्स में मौजूद विटामिन और मिनरल्स की गुणवत्ता बढ़ जाती है। सीड्स में ग्लूटेन और प्रोटीन मौजूद होता है। आमतौर पर इन्हें पचाना थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे में इन्हें भिगोने से यह टूट जाते हैं और पाचन आसान हो जाती है।
पानी में भिगोई हुई किशमिश में आयरन की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। इनका सेवन शरीर में आयरन की कमी की पूर्ति करता है। पानी में भिगोकर किशमिश का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर की गुणवत्ता बढ़ जाती है। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती और बवासीर पीड़ितों को भी राहत प्रदान करता है।
ड्राई फ्रूट्स को भिगोने से इनकी ऊपरी सतह पर मौजूद सल्फाइड को रिमूव किया जा सकता है। इसलिए किशमिश खाने से पहले इसे भिगोना बहुत महत्वपूर्ण है।
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चावल को डाइट में शामिल करने से पहले कुछ देर भिगोकर छोड़ना जरूरी है। ऐसा करने से इसमें मौजूद आर्सेनिक का प्रभाव कम हो जाता है। आर्सेनिक एक प्रकार का केमिकल है, जो प्राकृतिक रूप से कई मिनरल में मौजूद होता है खास कर सल्फर और मेटल्स पर। शरीर मे बढ़ती आर्सेनिक की मात्रा हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कैंसर के खतरे को बढ़ावा देती हैं।
इतना ही नहीं चावल को भिगोकर इसका सेवन करने से इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स की गुणवत्ता बढ़ जाती है और शरीर इन्हें पूरी तरह से अवशोषित कर पाता है। इसके साथ ही पाचन तंत्र के लिए इन्हें पचाना आसान हो जाता है।
एक्सपर्ट के अनुसार रात भर बादाम को पानी मे भिगोने के बाद इसका सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है। वह कहते हैं कि भिगोने से बादाम अधिक पौष्टिक हो जाते हैं। जिससे उच्च रक्तचाप और खराब कोलेस्ट्रॉल से राहत मिलती है। साथ ही भीगे हुए बादाम खाने से याददाश्त तेज होती है और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है।