बचपन में मम्मी हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कई सारे घरेलू नुस्खों का सहारा लिया करती थीं – जिनमें से एक था नाभि में तेल लगाना। यह एक ऐसा नुस्खा है जिसे हर माता – पिता नें कभी न कभी अपने बेबी पर ज़रूर आजमाया होगा। नाभि में हींग लगाने के कई फायदे हैं, लेकिन नेवल ऑयलिंग (navel poling) के आयुर्वेद में भी कई मायने हैं।
आयुर्वेद में इसे नाभि चिकित्सा का नाम दिया गया है। जिसमें यह माना जाता है कि तेल से नाभि की देखभाल और उसे साफ रखने से कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार नाभि ही वह स्थान है जहां से जीवन की शुरुआत होती है। यह वह सेतु है जो मां को गर्भ (womb) में पल रहे बच्चे से जोड़ता है। साथ ही, नाभि (navel) शरीर में विभिन्न अंगों तक पहुंचने वाली कई नसों का एक कनेक्टिंग चैंबर है।
बीते दिनों में भी पेट में दर्द हो रहा था, तभी मेरी मम्मी नें भी मेरी नाभि में तेल लगाया। उनका मानना था कि मुझे ठंड लग गयी है, इसलिए मेरा पेट दुख रहा है, जिस वजह से उन्होनें मेरी नाभि में हींग का तेल लगाया और गर्म कपड़े से सिकाई करने को कहा। वाकई में यह उपाय करने से मेरा पेट का दर्द सही हो गया। इसके अलावा, जब भी पेट में दर्द होता है, तभी मम्मी हींग (hing) खिलाती है।
इसलिए इस बारे में जब मैंने ऑनलाइन पढ़ने की कोशिश की तो मुझे काफी कुछ जानने को मिला जो मैं आप सभी से इस लेख के माध्यम से साझा कर रही हूं।
एनसीबीआई के ऑनलाइन जर्नल के अनुसार – हींग में मौजूद घटकों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-स्पस्मोडिक, रेचक, एंटी-फ्लैटुलेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), पेट फूलना और पेट खराब होने जैसी समस्याओं से निपटने में मदद करते हैं। जब भी आपको पेट में दर्द महसूस हो तो हींग के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बच्चों को मौखिक तौर से हींग खिलाना सही नहीं होता। साथ ही, यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है और अभी तक मां का दूध ही पीता है, तो बेबी को हींग नहीं खिलाई जा सकती। ऐसे में नाभि में हींग लगाना पेट की किसी भी समस्या से बचने का एक अच्छा उपाय हो सकता है।
कभी – कभी बच्चे दिन भर लेटे रहते हैं, जिसकी वजह से उन्हें पेट में गैस बनने लगती है। ऐसे में उनकी समस्या का इलाज करने के लिए नाभि में हींग का तेल लगाना सबसे सही है। इससे सभी पाचन संबंधी विकार दूर रहते हैं।
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यदि आप कई दिनों से बाहर का खाना खा रही हैं और आपको इस वजह से भारीपन की समस्या हो रही है और भूख नहीं लग रही है, तो आपके लिए हींग का तेल सबसे ज़्यादा सही है। यह आपकी गट हेल्थ को दुरुस्त रखने में मदद कर सकता है और भूख बढ़ाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हींग प्रकृति कामोद्दीपक होती है। इसलिए ये हार्मोनल गतिविधि को उत्तेजित करती है और शरीर में ऊर्जा और रक्त प्रवाह को बढ़ाती है। यह यौन उत्तेजक के रूप में भी कार्य करती है। हिंग का सेवन महिलाओं में हार्मोन प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को उत्तेजित करता है।
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कस्टमाइज़ करेंहींग का तेल बनाना बहुत ही आसान है। असल में अन्य तेलों से अलग यह हींग से निकाला गया तेल नहीं है, बल्कि सरसों के तेल में हींग मिलाकर हींग वाला तेल बनाया जाता है। इसके लिए आपको सरसों का तेल गर्म करना है। जब तेल गर्म होने लगे तो उसमें एक चुटकी गीली हींग या हींग का पाडर डालें। फिर गैस बंद कर दें।
तेल की गर्मी हींग के सत्व को अपने में सोख लेगी और इस तरह आपका हींग वाला तेल तैयार हो जाएगा। अब आप इसका इस्तेमाल विभिन्न समस्याओं से निजात पाने में कर सकती हैं। अच्छी बात यह कि हींग के तेल का इस्तेमाल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पर किया जा सकता है।
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