सिरदर्द की समस्या अधिकतर लोगों में देखने को मिलती है। जहां कुछ लोग थकान और कमज़ोर दृष्टि के चलते सिरदर्द की शिकायत करते हैं, तो वहीं कुछ लोगों में ये दर्द माइग्रेन के रूप में गंभीरता से बढ़ने लगता है। पुरूषों के अलावा महिलाओं में आमतौर पर ये समस्या देखने को मिलती है। आमतौर पर लोगों को ऐसी स्थिति में आधे सिर में दर्द की शिकायत का सामना करन पड़ता है। कुछ लोग इससे राहत पाने के लिए जहां दवाओं की मदद लेते है, तो कुछ प्राकृतिक तरीके से समस्या को हल करने की कोशिश करते है। अगर आप भी प्राकृतिक उपायों की मदद से माइग्रेन की समस्या (Migraine Relief) हल करना चाहती है, तो इन टिप्स को करें फॉलो।
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसके चलते दर्दनाक सिरदर्द (Migraine Relief), उल्टी और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। हांलाकि माइग्रेन के दर्द की तीव्रता और बार बार होने वाली समस्या को कम करने के लिए विभिन्न तकनीकें उपलब्ध हैं। आमतौर पर माइग्रेन का इलाज दवाओं से किया जाता है। लेकिन प्राकृतिक तरीकों की मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।
हार्मोनल परिवर्तन, तनाव, पर्यावरणीय कारक, नींद की समस्या और चॉकलेट व पनीर समेत कई खाद्य पदार्थों का सेवन इस समस्या को बढ़ा देता है। इस स्थिति के उपचार में मुख्य रूप से दवाएँ और जीवनशैली में बदलाव करना ज़रूरी है। अधिकतर लोग नेचुरल तरीके से इस समस्या (Migraine Relief) को हल करना चाहते हैं।
इस बारे में नेचुरोपैथ अनिल बंसल बताते हैं कि शरीर में गैस, कब्ज और तनाव का बढ़ता स्तर माइग्रेन का कारण साबित होता है। इस समस्या को हल करने के लिए सबसे पहले ट्रिगर्स की पहचान करना आवश्यक है। इसके लिए समय पर आहार लें और कुछ वक्त व्यायाम के लिए भी निकालें। इसके अलावा अधिक मात्रा में दवाएं लेने से बचें। इसमें दर्द बहुत तेज़ होने लगता है जिसके लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार धारा स्नान भी फायदेमंद साबित होता है।
नियमित रूप से पैष्टिक आहार लेने से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है, जिससे पेट में गैस और एसिडिटी का जोखिम कम होने लगता है। साथ ही बॉवल मूवमेंट नियमित बनी रहती है। ऐसे में रोज़ाना हेल्दी मील लेने से शरीर को उचित मात्रा में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और फाइबर की प्रापित होती है। इससे शरीर हेल्दी और एक्टिव रहता है।
वे लोग जिन्हें तेज सिरदर्द, चक्कर और तनाव की समस्या बनी रहती है। उनके लिए घरा स्नाना फाश्देमंद है। इसे करने के लिए लेट जाएं और आंखों पर पट्टी रख लें। अब पहले सिर पर धीरे धीरे पानी डालें। उसके बाद आंखों में भी पानी डालें। इससे रक्त का संचार नियमित होता है और नींद भी बेहतर होने लगती है।
शरीर में पानी की कमी निर्जलीकरण को बढ़ा देती है, जो माइग्रेन को ट्रिगर करता है। ऐसे में दिनभर में पानी भरपूर मात्रा में पीएं। इससे शरीर में इलैक्ट्रोलाइट का बैलेंस मेंटेन रहता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर उच्च रहता है, जिससे बॉडी फंक्शनिंग नियमित बनी रहती है।
देर तक काम में मसरूफ रहना और अधिकतर समय गैजेट में बिताने से ब्लू लाइट एक्सपोज़र बढ़ने लगता है, जिससे आंखों की दृष्टि प्रभावित होती है। साथ ही मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है। इससे दर्द का सामना करना पड़ता है। नेचुरोपैथ के अुनसार भरपूर नींद लें और ब्रेन को रिलैकस रखने के लिए मेडिटेशन भी ज़रूरी करें।
एएएनएमसी की रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी माइग्रेन के मामले तनाव के कारण बढ़ने लगते हैं। ऐसे में तनाव दूर करने के लिए दिनभर खुद को किसी न किसी कार्य में एगेंज कर लें। इसके अलावा मसाज, प्राणायाम, काउंसलिंग और संगीत की मदद ली जा सकती है। इससे ब्रेन रिलैक्स हो जाता है और दर्द कम होने लगता है।
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