मुझे बरसात का मौसम बहुत पसंद है, मैं इस मौसम में खूब एन्जॉय करना चाहती हूं पर मेरी मम्माद हैं कि मुझे हरदम हिदायते देती रहती हैं। हम दोनों बस ऐसे ही हैं।
पर एक बात कहूं, मम्मी की हिदायत देने की आदत भले ही बुरी लगती हो, पर उनके नुस्खे हमेशा कमाल के होते हैं।
आज हम आपके लिए लाए हैं मां का रामबाण इलाज-गिलोय का पानी, और यह भी जानते हैं कि वैज्ञानिक इस नुस्खे पर क्या कहते हैं।
गिलोय की बेल हमारे गार्डन में ज़रूर होती है और इसकी पहचान होती है इसकी दिल शेप की पत्तियां। हल्के से इन्फेक्शन पर ही मम्मी इसकी डंडियों को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाती हैं और दो हफ्तों तक हर दिन आपको पिलातीं हैं। और इस घरेलू इलाज से न केवल आपकी तबियत ठीक हो जाती है, बल्कि ज़ुकाम लौट कर भी नहीं आता।
एनशिएंट साइंस ऑफ लाइफ नामक जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने भी गिलोय की इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता को माना है। इसमें मौजूद एक्वस, इथेनॉल और प्राकृतिक क्लोरोफॉर्म इसे एक बेहतरीन एंटीबैक्टीरियल औषधि बनाते हैं।
इतना ही नहीं गिलोय की लकड़ी के गुणों को कई हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है। टायफॉइड, डायरिया, मेनिनजाइटिस और UTI इंफेक्शन जैसी बीमारियों के इलाज के लिए भी गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है।
जर्नल ऑफ इम्यूनोलॉजी रिसर्च में प्रकाशित 2017 की एक स्टडी में पाया गया कि गिलोय को स्किन और आंख के इन्फेक्शन के इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
इतना ही नहीं गिलोय के पानी को नियमित रूप से पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और सर्दी खांसी जैसी बीमारियां आपसे कोसों दूर बनी रहती हैं।
इसलिए अगली बार जब भी मम्मी आपको गिलोय का कड़वा काढ़ा पिलायें तो चुपचाप पी जाएं।
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