बचपन में मुझे खिचड़ी खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। लेकिन मैं जब भी बीमार पड़ती थी मेरी मां मुझे सिर्फ खिचड़ी ही खाने के लिए देती थी। तब मैं लाख बहाने ढूंढती थी कि किस तरह खिचड़ी से बचा जाए, लेकिन थक हार कर मुझे खिचड़ी खानी ही पड़ती थी। तब मेरे मन में बस एक ही सवाल आता था कि आखिर मां मुझे खिचड़ी ही क्यों खाने के लिए देती हैं?
मुझे खिचड़ी पसंद आने लगे, इसके लिए मां खिचड़ी बनाने के नए-नए तरीके आजमाने लगती थी। लेकिन शायद खिचड़ी के नाम में ही कुछ ऐसा था कि मुझे खिचड़ी पसंद ही नहीं आती थी।
पर मां हैं कि एक के बाद एक, खिचड़ी के इतने फायदे बताती थीं कि मैं सोच में पड़ जाती थी। वे कभी इसे पेट के लिए अच्छा बताती तो कभी एनर्जी के लिए। आखिर एक दिन मैंने तय कर ही लिया कि खिचड़ी के फायदों को गूगल कर ही लिया जाए।
और जो हैरान करने वाली जानकारियां मुझे मिलीं, मैं वो सब आपके साथ साझा करने वाली हूं
कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, विटामिंस और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खिचड़ी असल में एक सुपरफूड है। आइए जानते हैं खिचड़ी के वे स्वास्थ्य लाभ, जिन्हें साइंस भी अपना समर्थन देता है-
मां के साथ-साथ साइंस भी यह बात मानता है कि खिचड़ी हमारे पेट के लिए अच्छी होती है। जब हम बीमार होते हैं, तब हमारे पेट की पाचन क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में खिचड़ी एकदम सही भोजन है। खिचड़ी जितनी पतली होगी, उतनी ही हमारे पेट और आंतों के लिए फायदेमंद होगी।
चावल और दाल से मिलकर बनी खिचड़ी कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती है। यूएसडीए नेशनल न्यूट्रिएंट्स डेटाबेस के अनुसार चावल विटामिन्स और मिनरल्स जैसे कि विटामिन-बी, पोटेशियम, फास्फोरस, फोलिक एसिड और मैंगनीज से भरपूर होता है, वहीं दूसरी ओर दालें प्रोटीन और कई अन्य मिनरल्स और विटामिन से भरी होती हैं।
खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाली दालें हमारे शरीर के शुगर के स्तर को कम करती है। 2018 में जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अगर हम अपने खाने के आधे हिस्से में सिर्फ दाल का सेवन करें, तो हमारे शरीर के शुगर के स्तर में 20% से अधिक कमी आ सकती है। साथ ही साथ हमारे शरीर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स में भी सुधार हो सकता है।
खिचड़ी एक आयुर्वेदिक आहार है। आयुर्वेद में भी यह कहा गया है कि इसमें तीनों दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित रखने की क्षमता होती है। इसी कारण से इसको त्रिदोषिक भोजन भी कहा जाता है। हमारे शरीर को डिटॉक्सिफाई करने के अलावा खिचड़ी हमारे शरीर को संतुलित ऊर्जा भी प्रदान करती है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि खिचड़ी ग्लूटेन फ्री होती है। जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है या फिर जो लोग सीलिएक (Celiac) बीमारी से ग्रस्त हैं, उनके लिए खिचड़ी सबसे बढ़िया आहार है। सीलिएक (Celiac) बीमारी से ग्रसित लोगों को डॉक्टर्स ग्लूटेन फ्री खाना जैसे कि खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं। ऐसे में खिचड़ी उनको वजन घटाने और दस्त जैसी बीमारियों से बचने में मदद करती है।
ताज़ा तैयार खिचड़ी आमतौर पर शुद्ध घी के साथ खाई जाती है। सेन्टर फ़ॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी, ऑहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए की एक रिसर्च स्टडी के अनुसार घी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
इसमें कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे कि प्रोटीन, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और फैट्स मौजूद होते है, जो हमारे मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के लिए बेहद जरूरी होते हैं। तो आप जब भी खिचड़ी खाएं उसमें घी मिलना न भूलें और अपनी पौष्टिक खिड़की को और भी पौष्टिक बना लें।
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