पानी सिर्फ आपकी प्यास ही नहीं बुझाता, बल्कि यह बदलते तापमान में शरीर को सामंजस्य बैठाने में भी मदद करता है। यह पाचन को दुरुस्त रखने के साथ आपकी इम्युनिटी को भी बूस्ट करता है। यकीन नहीं आता? तो मेरी मम्मी की बात और साइंस के इन तथ्यों पर गौर कीजिए।
साल बदल गया पर वर्क फ्रॉम होम अब भी उसी तरह कायम है। बल्कि जैसे-जैसे हमें इसकी आदत हो रही है, हम और भी ज्यादा बिजी होते जा रहे हैं। सोने-जागने का समय तो प्रभावित हुआ ही, खानपान भी डिस्टर्ब हो गया। असल में मेरा ध्यान इस तरफ तब गया जब मम्मी ने पानी से भरे हुए जग को वापस मेरी टेबल से उठाया।
गड़बड़ पेट, हर समय की थकावट और कभी-कभी शरीर में अचानक हीट महसूस होना। सिर्फ इतना ही काफी नहीं था, कि धीरे-धीरे मेरी भूख भी कम होने लगी। मैं अकसर इन सब चीजों की शिकायत मम्मी से करती रहती थी। उन्होंने इसके लिए कई घरेलू नुस्खे ट्राय किए। पर कुछ भी काम नहीं आया। फिर उन्होंने हर रोज पानी का एक जग भरकर मेरी टेबल पर रखना शुरू कर दिया।
और मुझे उस दिन डांट पड़ी जब शाम को पूरा का पूरा भरा हुआ जग मम्मी ने मेरी टेबल से उठाया। उन्हें मेरी परेशानियों का सिरा मिल गया था। अब मेरी हर परेशानी के लिए उन्होंने मेरी कम पानी पीने के आदत को जिम्मेदार ठहराया।
भूख न लगने और पानी पीने का कनेक्शन मुझे कुछ समझ नहीं आया। क्या प्यास के अलावा भी पानी का हमारे शरीर से कोई और भी कनैक्शन है? बस मैंने यही जानने के लिए इस पर साइंटिफिक रिसर्च ढूंढनी शुरू की। वाकई यह गजब की सूचनाएं थीं। अब मैं वही आपके साथ भी साझा कर रही हूं।
जब हम कम पानी पीते हैं तो हमारे पाचन तंत्र को खाना पचाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। जिसके परिणामस्वरूप भूख कम लगती है और पेट संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। विशेषज्ञ भोजन के एक घंटे पहले और बाद में पानी पीने की सलाह देते हैं। जिससे आपका शरीर भोजन को आसानी से तोड़ने में मदद करेगा। यह आपको भोजन को अधिक प्रभावी ढंग से पचाने में मदद करेगा और आपके भोजन को पूरा इस्तेमाल करेगा।
सिर्फ फाइबर युक्त पदार्थ खाना ही कब्ज़ को रोकने का एक मात्रा उपाय नहीं है, बल्कि पानी आपके पाचन तंत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह मल त्याग को भी आसान बनाता है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी, मैग्नीशियम और फाइबर का सेवन नहीं करते हैं, तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है।
पानी हमारे शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है, जिससे त्वचा में रूखेपन की समस्या नहीं होती। पानी पीने से रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलते रहते हैं, जिससे त्वचा साफ़ होती है। इसलिए हर रोज़ आठ से दस गिलास पानी जरूर पिएं।
पानी लार का एक मुख्य घटक है। लार में इलेक्ट्रोलाइट्स, बलगम और एंजाइम की छोटी मात्रा भी शामिल है। ठोस भोजन को तोड़ने और अपने मुंह को स्वस्थ रखने के लिए यह आवश्यक है। आपके शरीर में आमतौर पर नियमित तरल पदार्थ के सेवन से पर्याप्त लार का उत्पादन होता है। जब आप पर्याप्त पानी पीती हैं, तब लार भी पर्याप्त मात्रा में बनती है और मुंह में सूखेपन की समस्या नहीं होती।
शरीर में पानी की कमी यानि डिहाइड्रेशन, सुनने में भले ही आम लगे पर यह कई गंभीर समस्याओं के लिए जिम्मेदार हो सकती है। डिहाइड्रेशन के कारण आपको किडनी की समस्या और यूरिन इन्फेक्शन आदि का भी सामना करना पड़ सकता है।
हर दिन यह मापना ज़रूरी है कि आप कितना पानी पी रहें है क्योंकि काफी लोग सिर्फ प्यास लगने पर ही पानी पीते हैं। जबकि बदलते मौसम में आपके शरीर को तापमान के साथ सामंजस्य बैठाने के लिए भी पानी की जरूरत होती है।
नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग और मेडिसिन के अनुसार, पुरुषों के लिए प्रत्येक दिन लगभग 15.5 कप पानी ज़रूरी बताया गया है। वहीँ, महिलाओं के लिए प्रतिदिन लगभग 11.5 कप पानी पीना ज़रूरी है। इसके अलावा, लोगों को अपने दैनिक पानी का लगभग 20 प्रतिशत भोजन से मिलता है। बाकी पानी और पेय पदार्थों पर निर्भर करता है।
तो, आदर्श रूप से पुरुष पेय पदार्थों से लगभग 100 औंस (3.0 लीटर) पानी लेते हैं और महिलाएं पेय पदार्थों से लगभग 73 औंस (2.12 लीटर)।
यदि आप एक्सरसाइज कर रही हैं, तो आपको और ज्यादा पानी पीने की ज़रुरत है, क्योंकि पसीने के रूप में भी शरीर से पानी निकल जाता है।
आपके शरीर में कितना पानी पहुंच रहा है इसका आकलन करने के लिए प्यास और आपके मूत्र का रंग शामिल है। बार-बार प्यास लगना यह बताता है कि आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। साथ ही मूत्र का गहरे रंग का होते जाना शरीर डिहायड्रेशन का संकेत है।
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