हम में से बहुत से लोग तकिये के बिना सो नहीं सकते हैं, सच कहू तो मैं भी उनमें से एक हूं। असल में, मैं जब भी मैं बाहर घूमने जाती थी तो अपनी आरामदायक नींद के लिए यात्रा करते समय अपना तकिया बैग में ले जाया करती थी। कुछ महीने पहले, मुझे गर्दन में दर्द हुआ और उसके बाद आराम से सोना मेरे लिए एक सपना बन कर रह गया।
दर्द कम करने के लिए, मैंने दवा लेना शुरू कर दिया, लेकिन ये एक अस्थायी समाधान है। शुक्र है, मेरी मां ने मुझे सुझाव दिया कि मैं सोते समय तकिए का उपयोग करना बंद कर दूं, जैसा कि कई साल पहले ये तरीका उनके लिए काम करता था।
मैंने उनकी सलाह को माना और बिना तकिये के सोना शुरू कर दिया। हालांकि शुरुआत में ये मेरे लिए एक कठिन बदलाव था, लेकिन आखिरकार मुझे इसके फायदों का एहसास हुआ और अब मैं तकिए के बिना भी अच्छी नींद ले पाती हूं।
क्या आप भी सुबह गले में खराश के साथ उठती हैं? या शायद एक भयानक पीठ दर्द के साथ? अगर हां, तो आपको भी सोते समय तकिए का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। इससे मुझे गर्दन के दर्द, पीठ दर्द को कम करने में मदद मिली।
मैं पहले सुबह चक्कर या हल्के सिर दर्द के साथ उठती थी। फिर बिना तकिये के सोने से मुझे तरोताजा महसूस होने लगा और मेरा सिरदर्द भी काफी कम हो गया।
तकिए के साथ सोने से मुंहासे या झुर्रियां पड़ सकती हैं, क्योंकि पिलोकेस में समय के साथ गंदगी और तेल जमा हो जाता है, जो त्वचा के अंदर जा सकता है। इससे रोम छिद्र बंद हो सकते हैं और दाग-धब्बे भी हो सकते हैं।
तकिये के बिना सोने से व्यक्ति को प्राकृतिक स्थिति में रहने की अनुमति मिलती है और रीढ़, गर्दन और पीठ को शरीर के प्राकृतिक वक्रों के साथ समान रूप से आराम करने में मदद मिलती है। जबकि, एक तकिया आपके शरीर के ढांचे को बदलता है और नींद में खलल डाल सकता है।
बिना तकिये के सोने से शरीर को प्राकृतिक स्थिति में आराम मिलता है, जिससे गर्दन और पीठ का दर्द कम होता है। इससे तनाव का स्तर कम होता है और बेहतर नींद आती है।
तो, आप इन बताए गए तरीके को आजमाएं और देखें कि ये कैसे आपकी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को अपने आप खत्म कर देता है।
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