आज मैंने मम्मा से पूछा, खाने में क्या है, और जवाब मिला, मैथी के परांठे और मेरे मुंह का स्वाद बिगड़ गया। आलू और गोभी के क्यो नहीं? और फिर हर बार की तरह उन्होंने कड़वी सब्जियों के गुणगान करना शुरू कर दिया, कि ये हमारे शरीर से विषैले पदार्थ निकालने में कितनी सक्षम हैं। तो मैंने सोचा क्यों न इसके पीछे का विज्ञान जानने की कोशिश की जाए? और मुझे कई हैरान कर देने वाले तथ्य मिले..
आयुर्वेद में कड़वी सब्जियों को विशेष स्थान दिया गया है। इनमें मेथी, करेला और नीम शामिल हैं। इन सभी का काम शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना है। आधुनिक चिकित्सा शास्त्र के अनुसार कड़वे भोजन में कई अमीनो एसिड, विटामिन और मिनरल होते हैं, जो दिमाग को तरोताजा रखते हैं। कड़वे खाद्य पदार्थ शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर पेट को हल्का रखते हैं। कडवी सब्जियां खाने से लीवर दुरुस्त रहता है। साथ ही, इससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
आजकल मार्किट में कई तरह के महंगे नेचुरल बॉडी डिटॉक्स मिलने लगें हैं। जो ये दावा करते हैं कि आपकी बॉडी को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करेंगे। परन्तु इन्हें लंबे समय तक प्रीजर्व करके रखा जाता है। जिसकी वजह से इसमें कई हार्मफुल केमिकल्स भी शामिल हो जाते हैं।
इन महंगे डिटॉक्स का प्रयोग करने से अच्छा है क्यों न हम अपनी किचन में रखी सब्जियों का उपयोग करें। जो नेचुरल तो हैं ही, साथ में हानिरहित भी हैं।
अब बात करतें हैं, एसी ही कुछ डिटॉक्स करने वाली सब्जियों के बारे में.. जो शायद आपको मेरी तरह खाने में पसंद न हों। पर मैं यह दावा कर सकती हूं कि, इनके गुणों को जानने के बाद, आप इनका इस्तेमाल करने से खुद को रोक नही पाएंगी!
ज्यादातर लोगों को पेट संबंधी समस्याएं परेशान करती हैं, जिनमें कब्ज और गैस भी शामिल है। मेथी को खाने से आपका पाचन तंत्र सुचारू रूप से चलता है और कब्ज व गैस की समस्या भी नहीं आती हैं।
घर के बड़े बुजुर्गों को आपने सर्दियों में मेथी और मेवे के लड्डू खाते जरूर देखा होगा। इसका प्रमुख कारण है, कि मेथी का सेवन आपको जोड़ों के दर्द की परेशानी से भी मुक्ति दिलाता है। इसके बीज हों या फिर पत्तियां, दोनों ही जोड़ों के दर्द में बहुत फ़ायदेमंद हैं।
पेट में कीड़े होने पर भी मेथी आपके लिए एक सटीक उपचार है। ज़्यादातर बच्चों में यह समस्या होती है। ऐसे मेथी की पत्तियों का रस निकालकर, बच्चे को एक चम्मच प्रतिदिन पिलाने पर इस परेशानी से निजात मिल सकती हैं|
कड़वे स्वाद वाला करेला सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद है। यदि पाचन शक्ति कमजोर हो तो किसी भी प्रकार से करेले का नित्य सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। करेला बड़ी ही आसानी से शरीर में पच जाता है। यह शरीर में वायु को बढ़ाकर पाचन क्रिया को तेज करता है और पेट को भी साफ रखता है।
गठिया या जोड़ों के दर्द में करेले की सब्जी खाने और दर्द वाली जगह पर करेले की पत्तों के रस से मालिश करने से आराम मिलता है। साथ ही करेले व तिल के तेल की मालिश करने से गठिया तथा अन्य जोड़ों के रोगों में लाभ होता है|
करेले का रस और एक नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर में उत्पन्न टॉक्सिन्स और अनावश्यक वसा कम होती है और मोटापा दूर होता है। साथ ही एक करेले में कार्बोहाइडेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन भी भरपूर मात्रा में होते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंमूली में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित कर ब्लड प्रेशर को मेन्टेन करने में मदद करते है। वहीँ, इसमें मौजूद कई विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट बॉडी को डिटॉक्स करते हैं।
मूली में काफी मात्रा में फाइबर होता है जो, इन्सुलिन लेवल को नियंत्रित करने का काम करते हैं और रोज़ इसका सेवन करने से मधुमेह पीड़ितों को लाभ होता है।
मूली में anti-congestive गुण होते हैं, जो कफ को खत्म करने में मदद करते हैं। साथ ही मूली का सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।