मौसम बदलते ही हम सभी की डाइट (healthy diet) और लाइफस्टाइल (lifestyle) में बदलाव होने लगता है। यह जरूरी भी है। लेकिन क्या आप अपने बच्चों के साथ भी यही करते हैं? छोटे बच्चों को हेल्दी फूड (healthy food) और लाइफस्टाइल में ढालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है।
इसके लिए मेरी मम्मी के पास है एक बेहद कारगर उपाय। जी हां, भले आप बच्चों को उबला बेस्वाद खाना नहीं खिला सकते, लेकिन मौसमी बदलाव के संक्रमण और बीमारी से बचाने के लिए उनकी डाइट में कुछ विशेष खाद्य पदार्थ जोड़ सकते हैं।
बच्चों की इम्यूनिटी (immunity) कमजोर होने की वजह से वह सर्दी-जुखाम, बुखार और अन्य संक्रमणों का शिकार बन सकते हैं। ऐसे में आप मॉम्स को लगातार चिंता लगी रहती है। अब इस चिंता को दूर करने का समय आ गया हैं! अपने लाडले बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए आप मेरी मम्मी का नुस्खा अपना सकते है। जी हां, वह बदलते मौसम में आंवला का सेवन करने में विश्वास करती है। जानिए कैसे यह छोटा-खट्टा फल आपके नन्हे बच्चों को संक्रमण से बचा सकता है।
प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार आंवला सर्वगुण सम्पन्न फलों में से एक है। खासतौर से बदलते मौसम में इसे अपने आहार में शामिल करने से आप मौसमी संक्रमण से बचे रह सकते हैं।
मम्मी अक्सर कहती हैं, ‘आंवला एक, उसके फायदे अनेक’! यह एक औषधीय फल है जो पौष्टिक गुणों का भंडार है। इसके सेवन से आपके बच्चें बदलते मौसम में भी तंदूरस्त रहेंगे। जानिए आंवला आपके बच्चों को कैसे स्वस्त रखता है।
विटामिन सी (vitamin C) युक्त आंवला आपके बच्चों की इम्यूनिटी (immunity) को मजबूत बनाता है। यह बैक्टीरीया और फंगल इन्फेक्शन से बचने की ताकत देता है। इसकी मदद से आपके बच्चे बदलते मौसम के संक्रमण से सुरक्षित रह सकते है। आंवला के सेवन से शरीर के टॉक्सिक पदार्थ (toxic substance) बाहर निकलते है जिससे सर्दी-जुखाम और पेट के इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।
आंवला आपके बच्चों की डाइट में फ़ाइबर की जरूरत को पूरा कर सकता है। मेरी मम्मी का मानना है कि फ़ाइबर युक्त आहार बच्चों के पाचन को स्वस्थ रखता है। बेहतर पाचन की वजह से आपके बच्चें किसी भी संक्रमण या बीमारी के जोखिम से बच सकते है। आंवला से खाना आसानी से पाच जाता है और अपच (indigestion) या कब्ज (constipation) जैसी समस्या नहीं होती है।
आंवला में मौजूद विटामिन ए (vitamin A) और विटामिन सी (vitamin C) आपके बच्चों के आंखों को स्वस्थ रखता है। यह एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुणों से भरपूर है जो आंखों के रेटिना (eye retina) के लिए फायदेमंद होता है। लंबे समय तक फोन, टीवी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजिट (electronic gadget) देखने की वजह से बच्चों की आंखों में जलन और कमजोर नजर (blur vision) की शिकायत हो सकती है। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए मेरी मम्मी सुझाव देती है कि बच्चों के आहार में आंवला (gooseberry) जरूर शामिल करें।
यह मान्यता है कि अगर आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाकर खाया जाये तो सारे रोग दूर हो जाते हैं। लेकिन इस आधुनिक दुनिया में ऐस करना संभव नहीं हो सकता। इसलिए आयुर्वेद मानता है कि मानसिक श्रम करने वाले व्यक्ति को नियमित रूप से आंवले का सेवन करना चाहिए। यह आपके दिमाग को तेज बनाता है।
यदि आपके शरीर में खून की कमी (blood deficiency)है, तो आयुर्वेद कहता है कि आंवला का सेवन एक प्रभावी उपाय है। यह रक्त में हीमोग्लोबिन (haemoglobin) की कमी को दूर करता है। प्रतिदिन आंवले के रस का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) के निर्माण में सहायक होता है, और खून की कमी नहीं होने देता।
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कस्टमाइज़ करेंइसके सेवन से लंबे समय तक बाल काले और घने बने रहते हैं। यह स्वास्थ्य लाभों के साथ आपकी त्वचा और बालों की खूबसूरती को भी बरकरार रखता है। यदि आप कमजोर और टूटते बालों से परेशान है तो जल्दी आंवला का इस्तेमाल करे। यह घरेलू और प्राकृतिक उपचार है जिसका कोई दुष्परिणाम नहीं होता है।
यकीनन आंवला स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। पर बच्चों की डाइट में किसी भी चीज को शामिल करना इतना आसान नहीं है। उस पर आंवले का स्वाद थोड़ा सा तेज होता है। इसलिए बच्चों की डाइट में शामिल करने के लिए आपको इसे टेस्टी ट्विस्ट देना होगा।
आप आंवले का मुरब्बा, आंवला कैंडी, आंवला की खट्टी-मीठी चटनी, आंवला जूस और आंवले का अचार के रूप में आंवले को स्पाइसी या मिठास के साथ बच्चों को सर्व कर सकती हैं।
ये सारे व्यंजन आपके बच्चों को बहुत पसंद आएंगे। स्वाद के साथ उनके सेहत को भी फायदा पहुंचा सकता है आंवला। तो डियर मॉम्स, अगर आपको इस बदलते मौसम में अपने बच्चें को स्वस्थ और सुरक्षित देखना है तो जल्दी मेरी मम्मी के फेवरिट फल आंवला को उनकी डाइट का हिस्सा बनायें।
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