कोविड-19 महामारी , लॉकडाउन और एक-दूसरे से अलग-थलग पड़े हम सब। हर रोज एक नए तनाव का सामना कर रहे हैं। यकीनन दवा और डॉक्टरों की जगह कोई नहीं ले सकता। इस समय भी स्वास्थ्य कर्मी पूरी हिम्मत के साथ डटे हुए हैं। पर एक डॉक्टर है जो बचपन से हमारे साथ रही है। कभी मीठी शाबाशियों में तो कभी दवा जैसी कड़वी डांट में। आज उसी मां को विशेष महत्व देने का दिन है। तो मैंने सोचा क्यों न मदर्स डे (Mothers Day) के अवसर पर मैं आप सबके साथ मां के बताए वे अचूक उपाय साझा करूं, जो मुझे आज भी चुस्त-दुरुस्त बनाए हुए हैं।
फिनलैंड स्थित आउल यूनिवर्सिटी के अध्ययन में शोधकर्ताओं के मुताबिक सूरज की पहली किरण के साथ बिस्तर छोड़ देने वाले लोग दिन भर ज्यादा तरोताजा और तनाव मुक्त महसूस करते हैं। इससे वे शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय तो रह ही पाते हैं, साथ ही उनमें स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का उत्पादन भी घटता है। और ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहता है।
खिचड़ी को आयुर्वेद में सुपाच्य भोजन कहा गया है। इसकी तुलना औषधि से की गई है। असल में खिचड़ी कफ, फीवर, वीकनेस होने पर खिचड़ी खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है और बॉडी को जल्दी हील कर पाती है। खिचड़ी बॉडी को डिटॉक्स करने का काम भी करती है। ये आपके शुगर लेवल कंट्रोल में रखता है और पेट की समस्या, कमजोरी और कमर के आसपास जमा चर्बी को कम करता है।
स्किन संबंधी हर समस्या के लिए मम्मी मुझे फैंसी प्रोडक्ट के लिए दौड़ने की सलाह नहीं देतीं। बल्कि उनके खजाने से कुछ खास चीजें निकल कर आती हैं। इन्हीं में से एक है बेसन और दूध का फेस मास्क।
बेसन में एक्सफोलिएटिंग गुण होते हैं जो त्वचा से मृत त्वचा कोशिकाओं और अन्य अशुद्धियों को हटाते हैं। यह त्वचा पर अतिरिक्त तेल को अवशोषित कर सकता है। दूध में लैक्टिक एसिड होता है, जो फेस मास्क के एक्सफ़ोलीएटिंग गुणों को जोड़ सकता है।
हेयर फॉल, सिर दर्द, ड्राई-डैमेज हेयर या फिर थकी हुई आंखें मम्मी सबके लिए चम्पी करने की सलाह देती है।
नारियल तेल स्कैल्प मसाज के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें एक अच्छी खुशबु होती है और ये अच्छी तरह से काम करता है। खासकर उन लोगों के लिए जिनके बाल सूखे और बेजान हैं। ये बालों को मज़बूती प्रदान करता है और उनमे में चमक भी देता है।
जब मैं छोटी थी तो मेरी मां हमेशा जल्दी सोने को कहा करती थी क्योंकि मुझे स्कूल जाना होता था और फिर जब मेरा स्कूल पूरा हुआ उसके बाद भी मेरी मां मुझे जल्दी सोने को कहती थी और तब मुझे बहुत गुस्सा भी आता था पर अब मुझे समझ आ रहा है कि सही कहती थी।
अध्ययन कहता है कि जो लोग रात में पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं, वो लोग वायरस के संपर्क जल्दी आते हैं। सोते समय आपका इम्यून सिस्टम साइटोकिन्स नामक प्रोटीन छोड़ता है। ये प्रोटीन आपकी नींद को बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही ये संक्रमण, सूजन और तनाव में राहत दिलाता है। इसलिए जल्दी सोये और पर्याप्त नींद लें।
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