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मम्मी कहती हैं सेहत के लिए अच्छा नहीं हैं भोजन के साथ फल खाना, आयुर्वेद की भी है यही सलाह

क्या आपको भी खाने के साथ फ्रूट सलाद खाने की आदत है? यदि हां तो यह आदत आपके स्वास्थ्य पर कहर बरपा सकती है। जानिए खाने से साथ क्यों नहीं खाने चाहिए फल।
Updated On: 29 Oct 2023, 07:24 pm IST
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सेहत के लिए अच्छे हैं फल। चित्र : शटरस्टॉक

फल खाना सभी को पसंद होता है और इनका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है यह तो हम सभी जानते हैं। मगर हम में से कितने लोग यह जानते हैं कि, फलों को कब, कैसे, किस समय और किस तरह खाना चाहिए? अगर आप भी फल खाने के शौकीन हैं, तो इसके बारे में कुछ ज़रूरी बातें जान लें वरना यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

बीते दिनों, मैं बचा हुआ फ्रूट सैलड (Fruit Salad) खाने के साथ खा रही थी। मम्मी नें मुझे खाने से मना कर दिया! कहने लगी की खाने के साथ फल कभी नहीं खाते हैं। पूछने पर उन्होनें बताया कि ऐसा करने से पेट में दर्द हो सकता है। उस समय मुझे कुछ समझ नहीं आया। परंतु जब मैंने इसके बारे में अधिक जानने की कोशिश की तो मुझे पता चला कि आयुर्वेद (Ayurveda) के हिसाब से यह सही नहीं है।

आयुर्वेद के अनुसार खाने के साथ क्यूं नहीं खाने चाहिए फल

प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद के अनुसार, प्रत्येक भोजन को एक विशेष तरीके से और एक विशेष समय पर खाना चाहिए। फलों को डेयरी, सब्जियों या मांस के साथ मिलाना आपके शरीर के लिए कई तरह से हानिकारक होता है। दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों के साथ फल खाने से त्वचा की स्थिति जैसे मुंहासे (Acne), सोरायसिस (Psoriasis) और एक्जिमा (Eczema) हो सकते हैं।

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क्या आपको भी खाने के साथ फ्रूट सलाद खाने की आदत है? चित्र : शटरस्टॉक

फलों को इसे किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ मिलाने से शरीर में विषाक्त पदार्थों (Toxins) का निर्माण हो सकता है, जिसे अमा के नाम से जाना जाता है। अपने भोजन के साथ फलों को मिलाने से बचें, क्योंकि यह पाचन की प्रक्रिया को धीमा कर देगा। फल खाने के बाद आपको कम से कम एक या दो घंटे इंतजार करना चाहिए ताकि आपका शरीर उनमें से पोषक तत्वों को अवशोषित कर सके।

मम्मी कहती हैं फलों को पका कर भी नहीं खाना चाहिए

आपने आजकल पाइनएपल पिज्जा (Pineapple Pizza) या फ्रूट बार्बिक्यू (Fruit Barbecue) जैसी चीज़ें सुनी होंगी और शायद खाईं भी हों। मगर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फलों को पका कर खाना भी नुकसानदायक साबित हो सकता है।

फल आमतौर पर चमकीले रंग के होते हैं। फल का चमकीला रंग अग्नि से संबंधित ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। जब कच्चा खाया जाता है, तो फल पाचन अग्नि को उत्तेजित करने, आपके पाचन स्वास्थ्य को बढ़ाने और पेट को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार खाना पकाने से पाचन अग्नि और स्वस्थ पोषक तत्वों की हानि होती है। तो पके फल खाने से कोई फायदा नहीं होगा।

शाम के समय या रात को नहीं खाने चाहिए फल

शाम को फल खाने से नींद और पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए, आयुर्वेद शाम 4 बजे से पहले या सूर्यास्त से पहले फल खाने की सलाह देता है। फल सिम्पल कार्ब्स होते हैं जिसका अर्थ है कि वे जल्दी से टूट सकते हैं, रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत बढ़ा सकते हैं और तुरंत ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। सोने के समय शुगर लेवेल में स्पाइक आपकी नींद को बाधित कर सकती है। इसके अलावा, सूर्यास्त के बाद, हमारा चयापचय धीमा हो जाता है और पाचन तंत्र को कार्ब्स को पचाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, शाम को कार्ब का सेवन सीमित करना बेहतर है।

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फल कई पोषक तत्वों से भरे हुए हैं। चित्र-शटरस्टॉक।

तो क्या है फल खाने का सही समय?

आयुर्वेद के अनुसार फल खाने का सही समय सुबह खाली पेट है। यही वह समय है जब आपका पेट फलों से अधिकतम पोषक तत्वों को अवशोषित कर सकता है। इसके अलावा, साधारण कार्ब्स का सेवन सुबह और कसरत से पहले और बाद में करना सबसे अच्छा है। सूर्यास्त के बाद वसा, प्रोटीन और कम जटिल कार्ब्स का सेवन करना सबसे अच्छा है।

आप अपनी भूख को कम करने के लिए इसे अपने भोजन के बीच में नाश्ते के रूप में भी ले सकते हैं। भोजन के बीच फल खाने से आपको आवश्यक विटामिन और खनिज मिल सकते हैं। फल खाने का सबसे अच्छा समय सुबह 11 बजे या शाम 4 बजे है। अगर आपने अपना नाश्ता और दोपहर का भोजन देर से किया तो फल खाने के लिए 30 से 40 मिनट तक प्रतीक्षा करें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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