मां कहती हैं, भृंगराज तेल की चम्पी बालों की हर समस्या का समाधान है

सखियों, मेरे बाल जब भी रूखे या उलझे हुए होते थे, तो मां जबरदस्ती पकड़कर भृंगराज तेल की मालिश कर दिया करती थी, अब वैज्ञानिक बता रहे हैं इसके फायदे –
अगर आप अपने बालों को रेशमी और खूबसूरत बनाना चाहती हैं तो मां और भृंगराज ऑयल की चंपी को न भूलें। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 26 Apr 2022, 08:56 am IST
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अगर आप अपने बालों को रेशमी और खूबसूरत बनाना चाहती हैं तो अपनी मां की बात जरूर सुनें
वो मालिश वाला गीत मुझे एकदम से याद है, जो मम्मा गाने लगती थीं। जब भी मैं उनसे अपने टूटते, बेजान बालों की शिकायत करती। वे अपना चम्पी वाला भृंगराज तेल लेकर मेरे बालों की खूब अच्छे से मालिश किया करती थीं। हालांकि उस तेल की वो अजीब सी गंध और चिपचिप बुरी तो लगती थी पर बाल धोने के बाद जैसे सिल्की और आकर्षक होते थे, वह वाकई कमाल है।

वक्त गुजरते, मेरी जिंदगी इतनी फास्ट हो गई कि अब चम्पी के लिए टाइम मिलना मुश्किल हो गया। रूखे बाल जब टूटकर कंघी और बाथरूम में नजर आने लगे तब अपने रेशमी और मजबूत बालों को फि‍र से पाने के लिए मैंने उन विज्ञापनों की ओर रुख किया जो बालों को फि‍र से आकर्षक बनाने का दावा करते थे। फैंसी बॉटल्स में ढेर सारे कैमिकल वाले इन प्रोडक्ट्स पर भरोसा करने के अलावा और किया ही क्या जा सकता था।

और फि‍र एक दिन मां ने मुझे जबरदस्ती पकड़ लिया बालों में तेल डालने के लिए और अपना वही पुराना चम्पी गीत गाने लगीं।

नियमित रूप से अपने बालों की मालिश करने से आपके स्कैल्प हेल्‍दी रहतेे हैंं। चित्र सौजन्य: शटरस्टॉक

मन ही मन मुस्कुकराते हुए, उन्होंने मुझे फि‍र से अपने पास बैठा लिया और मेरे बालों में भृंगराज तेल डालना शुरू कर दिया। पर इस बार मैं भी उनके साथ वह चम्पी गीत गा रही थी और सच कहूं भृंगराज तेल की वह गंध इस बार मुझे अद्भुत लग रही थी और चिप-चिप भी इस बार मुझे परेशान नहीं कर रही थी।

काफी वक्त तक परेशान रहने के बाद मैंने ध्यान दिया कि इस बार जब बाल धोने के लिए मैंने उन्हें कं‍घी किया तो वे पहले से कम टूटे। लगातार कई सप्ताह तक यह खास चम्पी करवाने के बाद मेरे बाल फि‍र से घने और मजबूत महसूस होने लगे। सच कहूं तो बचपन वाले वे खूबसूरत बाल एक बार फि‍र से लौट आए।

पर यह कैसे हुआ ?

भृंगराज या जिसे आमतौर पर ‘फाल्स डेजी’ भी कहा जाता है, एक तरह की जंगली घास होती है। जो आमतौर पर ब्राजील, भारत और चीन में पाई जाती है। खास बात यह कि इस तेल का मुख्य घटक भृंगराज है पर इसके अलावा और भी बहुत सारी औषधीय वनस्पतियां इसमें मिलाई जाती हैं। जिनमें आंवला, ब्राह्मी, नारियल तेल, सेंटेला, मुलेठी, अजा दुग्ध और गो दुग्ध शामिल हैं। इन सभी जड़ी बूटियों को मिलाकर एक महीन पाउडर बनाया जाता है और फिर इन्हें गर्म नारियल तेल या तिल के तेल में मिलाया जाता है।

भृंगराज तेल के औषधीय गुण जब अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिलते हैं, तो यह बालों के लिए चमत्कारिक लाभ देते हैं। आयुर्वेद के अनुसार कुछ खास जड़ी-बूटियां शरीर को भीतर तक पोषण देती हैं। भृंगराज तेल बालों की ग्रोथ, मजबूती और उन्हें डैंड्रफ से बचाने के काम आता है। और यही तो हम सब को चाहिए होता है।

क्या आप भी अपने कमजोर और टूटते बालों से परेशान हैं और डर लगता है कि कहीं ये पूरी तरह गायब ही न हो जाएं? तो भृंगराज तेल इस समस्या से आपको बचा सकता है। आर्कियोलॉजी ऑफ डर्माटोलॉजिकल रिसर्च के शोध में भी यह बात सामने आई है कि भृंगराज तेल बालों की जड़ों में काम करता है, जिससे वे घने होते हैं।

भृंगराज या ‘फाल्स डेजी’, बालों की हर समस्या का समाधान है। चित्र : शटरस्टॉक

यह बालों का झड़ना रोकने के लिए ‘मिनोक्सिडिल’ (बालों बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लोकप्रिय उपाय) की तुलना में अधिक प्रभावी है।

इस तेल में मिलाई गई सामग्री इस बात को साबित करती है। आयुर्वेद के अनुसार आंवला त्रिदोष शामक के रूप में जाना जाता है, जो बालों की जड़ों और स्कैल्प को पोषण देता है। आंवला और भृंगराज का संयोजन बालों की जड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है जिससे उन्हें बेहतर पोषण मिलता है और बालों का झड़ना रुकता है।

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बालों के झड़ने के अलावा यह मिश्रण रूसी की समस्या का भी समाधान करता है। भृंगराज तेल में मौजूद सामग्री में रोगाणुरोधी और एंटिफंगल गुण होते हैं, जो रूसी यानी डैंड्रफ को कम करने में मदद करते हैं। एक्लिप्टा अल्बा (भृंगराज का वैज्ञानिक नाम) की जीवाणुरोधी गतिविधि पर फार्मास्युटिकल साइंस जर्नल के एक अध्ययन ने भी मुहर लगाई है – कि यह बैक्टीरिया और कवक से लड़ने में प्रभावी है। तो यह परेशान करने वाले बैक्टीरियाज को अलविदा कहने का समय है।

और भी हैं फायदे

आपके बालों को मजबूत करने और एंटी-बैक्टीरियल गुण प्रदान करने के साथ ही भृंगराज तेल के और भी कई फायदे हैं। यह उन बालों के जल्दी सफेद होने से भी बचाता है। हालांकि बालों का सफेद होना एक आनुवांशिक प्रक्रिया है, पर भृंगराज तेल इस प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है।

भृंगराज तेल में मौजूद ‘हरितकी’ खास औषधीय गुण लिए रहती है, जो बालों का प्राकृतिक रंग बरकरार रखने में मददगार है। जिससे बालों के सफेद होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और आपके बाल लंबे समय तक अपने प्राकृतिक शेड में रहते हैं।

आइए जानते हैं, आप स्वयं कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल

अगर आप स्कैैल्प को मजबूत करने के साथ ही बालों की ग्रोथ पर भी ध्यान देना चाहते हैं, तो आपको बहुत सावधानी से भृंगराज तेल की मालिश करनी चाहिए। इसके लिए थोड़े से तेल को अपनी हथेली पर लें और अंगुलियों के पोरों से इसे बालों की जड़ों में हल्का मालिश करते हुए लगाएं। कुछ देर तेल को बालों में लगा रहने दें। उसके बाद इन्हें धो लें और कमाल देखें। अगर बालों में चिपचिपापन महसूस हो रहा है तो इन्हेंउ फि‍र से शैंपू करें।

जब बाल और खोपड़ी की वृद्धि का लक्ष्य होता है, तो अपने हाथों में थोड़ा सा भृंगराज तेल डालें और इसे अपनी उंगलियों के बीच गर्म करें। अपनी उंगलियों का उपयोग करके सीधे खोपड़ी पर तेल की मालिश करना शुरू करें और जादू की औषधि को अपने गले और खोपड़ी में डुबो दें। शावर लेते समय इसे धो लें और यदि आपके बाल अभी भी तैलीय हैं, तो फिर से शैम्पू करें।

यदि आपके लिए तेल लगा पाना संभव नहीं है तो आप भृंगराज पाउडर को पानी, तेल, और यहां तक कि दही में मिलाकर हेयर मास्क भी बना सकती हैं। इसे सूखे बालों पर लगभग 30 मिनट तक के लिए लगाए रखें और फि‍र धो लें।

तो सखियों, अगली बार जब भी आप अपने रूखे, कमजोर और बेजान बालों को फि‍र से खूबसूरत बनाना चाहें, तो मेरी मां की सलाह याद रखें – ‘ठीक तेल से ही होगा’। तो उन सब हेयर केयर फैंसी स्लोगन्स को भूलकर भृंगराज तेल की मालिश और मां की ईमानदार सलाहों पर विश्वास करें। यह वाकई आपके काम आएंगे।

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