बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छर और मच्छरों से होने वाली बीमारियां डराने लगती हैं। मैं तो इस तरह की बीमारियों से सबसे ज्यादा डरती हूं। इसलिए ध्यान रखती हूं कि घर में कहीं किसी छोटी सी चीज में भी पानी इकट्ठा न होने पाए।
इसके लिए मैंने संडे को ड्राई डे बनाया हुआ है। मैं हर रविवार को घर के कोने-कोने, बालकनी और यहां तक कि छत का भी जायजा लेती हूं कि कहीं डेंगू के ये शैतान मच्छर अपना घर तो नहीं बना रहे।
इस संडे भी जब मैं अपने ड्राई डे अभियान में जुटी हुई थी, कि मम्मी मुझे पपीते का पौधा लगाने का सुझाव देने लगीं। इसके पीछे उनका तर्क था कि पपीते के पत्ते हमें डेंगू से भी बचा सकते हैं। मैंने ऐसा सुना तो था, पर मुझे यह सच्चाई कम और वाट्सएप यूनिवर्सिटी का ज्ञान ज्यादा लगा।तो मैंने तय किया कि क्यों न मम्मी के इस ज्ञान को साइंस की कसौटी पर कस लिया जाए।
आज हम इस घरेलू नुस्खे को साइंस की कसौटी पर तौलेंगे और आपको बताएंगे कि क्या वाकई पपीते के पत्तों का रस डेंगू का इलाज कर सकता है। गुगल ने मेरे सामने पपीते के पत्तों के रस के फायदों का भंडार ही खोल दिया –
जर्नल ऑफ़ इंटीग्रेटेड मेडिसीन के अनुसार पपीते के पत्तों में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। साथ ही इसमें पपैन नामक एक कंपाउंड होता है, जो प्रोटीन को डाइजेस्ट करने का काम करता है। इसके अलावा पपीते के पत्तो में फ्लैवोनॉइड्स और विटामिन ई भी होता है।
कोमल और नए पत्तों में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए रस निकालने के लिए इन्ही पत्तों का इस्तेमाल होता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसीन, अमेरिका की एक स्टडी में पाया गया कि पपीते के पत्तों में मौजूद पपैन पाचन में सहायक होता है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर पेट साफ करने में मदद करते हैं।
बुजुर्ग व्यक्ति हर दिन एक चम्मच पपीते की पत्ती का रस ले सकते हैं।
पपीते के पत्तों में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो बालों को हेल्दी बनाते हैं। कई स्टडीज यह भी मानतीं हैं कि इसके रस को बालों में लगाने से बालों की ग्रोथ बढ़ती हैं, हालांकि इस पर ज्यादा रिसर्च मौजूद नहीं है।
मेक्सिको में यह ब्लड शुगर को संतुलित करने के लिए एक घरेलू नुस्खे की तरह प्रयोग होता है।
सेन्टर ऑफ डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार पपीते के पत्तों में मौजूद विटामिन सी ब्लड के लिए हेल्दी है। लेकिन यह डायबिटीज की दवाओं की जगह नहीं ले सकता। इसे पोषण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
जर्नल ऑफ इंटेग्रेटेड मेडिसीन के शोध में 100 से अधिक डेंगू मरीज़ों को पपीते के पत्ते का रस दिया गया।
पपीते के पत्ते में ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ाने की क्षमता होती है। डेंगू और मलेरिया में प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं। दरसल प्लेटलेट्स हमारे घाव भरने का काम करती हैं। कहीं भी खून निकलने के बाद जो पपड़ी पड़ती है, वह प्लेटलेट्स के कारण ही पड़ती है। प्लेटलेट्स न हों तो चोट लगने पर खून बहना बंद नहीं होता। ऐसे में पपीते के पत्ते का रस बहुत फायदेमंद होता है।
शोध में पाया गया कि यह रस पीने वाले मरीज़ जल्दी रिकवर हुए, और ज्यादा स्वस्थ थे। इसका कारण है पपीते के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व।
इन शोध का निष्कर्ष यह निकला कि पपीते के पत्ते का रस डेंगू होने से रोकता नहीं है, लेकिन इसे डेंगू में इस्तेमाल करने से रिकवरी बढ़ जाती है। यह डेंगू के इलाज के मुकाबले काफी सस्ता है, लेकिन इलाज की जगह नहीं ले सकता।
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