रिच और क्रीमी दिखने वाली मलाई स्वाद से भरपूर होती है। अधिकतर लोग घी और मक्खन के समान मलाई को भी कभी सब्जी में मिलाकर तो कभी परांठे पर लगाकर खूब चाव से खाते हैं। खासतौर से बचपन के दिनों मे सब्जी की जगह मलाई में चीनी मिलाकर खाने का मज़ा ही अलग हुआ करता है। स्वाद से भरपूर मलाई (malai benefits) में मौजूद पोषक तत्व शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाते हैं। इसे खाने से शरीर को विटामिन, मिनरल और प्रोटीन की प्राप्ति होती है। उबले हुए दूध के ठंडा होने पर नज़र आने वाली मलाई को कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। जानते हैं दूध पर दिखने वाली मलाई की लेयर स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार से है फायदेमंद (Health benefits of malai)।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अर्चना बत्रा के अनुसार पोषण तत्वों से भरपूर मलाई का सेवन करने से शरीर में हेल्दी फैट्स और प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। हेल्दी फैट्स (healthy fats) के चलते एपिटाइट नियंत्रित होने लगता है और वज़न बढ़ने से राहत मिल जाती है। इसमें मौजूद कैल्शियम और फायफोरस हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है। मलाई से गुड गट बैक्टीरिया (good gut bacteria) की ग्रोथ बढ़ने लगती है।
मलाई का सेवन करने से शरीर को विटामिन ए, बी और ई की प्राप्ति होती है। इससे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के अलावा और त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। इसके अतिरिक्त मलाई में कैल्शियम और फास्फोरस मौजूद होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद आवश्यक है। इसमें मौजूद फैट सॉल्यूबल विटामिन से ओवरऑल हेल्थ को फायदा मिलता है।
डॉ अर्चना के अनुसार मलाई में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया की मात्रा पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। घर पर तैयार की जाने वाली मलाई से गट माइक्रोबायोम को मज़बूती मिलती है, जिससे इनडाइजेशन से मुक्ति मिल जाती है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और पाचनतंत्र को मज़बूती मिलने लगती है। इससे ब्लोटिंग और पेट दर्द से भी बचा जा सकता है।
मलाई के सेवन से स्वास्थ्य को हेल्दी फैट्स मिलते है। इसमें मौजूद फैट सॉल्यूबल विटामिन अवशोषण में मदद करते है और ऊर्जा को बढ़ाने में भी मदद करते है। मलाई में मौजूद फैट्स से हड्डियों और दांतों को मज़बूती मिलती है। इससे सेल्स बूस्टिंग में मदद मिलती है। फ्रेश क्रीम को सूप, सॉस और डेजर्ट में इस्तेमाल किया जाता है।
मलाई का सेवन करने से शरीर को विटामिन ए की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आने लगता है। शरीर स्वस्थ और एक्टिव रहता है। इससे मौसमी संक्रमणों का प्रभाव भी कम होने लगता है। इसमें मौजूद आयरन, कैथ्लशयम और फासफोरस समेत अन्य मिनरल्स की मात्रा से रेड बल्ड सेल्स बढ़ने लगते है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बना रहता है।