कुछ कारणों से मसल्स और जॉइंट्स में सूजन की समस्या हो जाती है। सूजन के कारण दर्द भी होने लगता है।इससे व्यक्ति को उठने-बैठने और चलने-फिरने में भी दिक्कत होने लगती है। आयुर्वेद एक्सपर्ट बताते हैं कि कुछ प्लांट बेस्ड फ़ूड से तैयार तेल दर्द और सूजन से राहत दिलाते हैं। इनमें से एक है लिंसीड ऑयल या अलसी का तेल ( Flax seeds or Linseed Oil)। यह दर्द से राहत (linseed oil benefits) दिलाता है।
अलसी का तेल अलसी (Flax seeds or Linseed) से प्राप्त होता है। इसका उपयोग दर्द और सूजन के प्राकृतिक उपचार ( linseed oil for pain and inflammation) के रूप में किया जाता है। इसका प्रयोग नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा के रूप में किया जाता है। यह दर्द, सूजन और स्टिफनेस से राहत देता है।
कुछ अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, अलसी के तेल में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें सी रिएक्टिव प्रोटीन भी कंपाउंड होता है, जो सूजन को कम करते हैं। इनके अलावा, इंटरल्यूकिन-6 और मैलोनडायल्डिहाइड कंपाउंड सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
अलसी के तेल में कई सक्रिय कंपाउंड होते हैं। इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिनोलिक एसिड, ओमेगा-6 फैटी एसिड, ओलिक एसिड, ओमेगा-9 फैटी एसिड मौजूद होता है। अलसी के तेल में फाइबर के अलावा, लिगनेन, ग्लाइकोसाइड और पेप्टाइड 2 भी मौजूद होते हैं। ये सभी कंपाउंड एंटी-इंफ्लेमेटरी हैं। सूजन कम करने के अलावा, हार्ट डिजीज से भी बचाव करता है। यह पाचन स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।
प्लांट बेस्ड फ़ूड लिंसीड से तैयार होता है लिंसीड ऑयल या अलसी का तेल। इसका पारंपरिक रूप से लैक्सेटिव और घाव भरने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे दर्द के स्थान पर लगाने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। यह स्किन के माध्यम से डिक्लोफेनाक के प्रवेश को भी बढ़ाता है। इसमें मौजूद मेन्थॉल स्किन पर ठंडा प्रभाव पैदा करता है। लिनसीड ऑयल जॉइंट पेन, स्प्रेंड लिगामेंट (sprained ligaments), पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द को राहत दिलाता है। इससे टेंडन, दर्द, स्टिफ मसल्स, फाइब्रोसिस और यहां तक कि नर्व पेन से पीड़ित हैं। इसे जॉइंट पर सीधे एप्लाई किया जा सकता है।
जब आयुर्वेद एक्सपर्ट की बताई मात्रा के अनुसार अलसी का तेल लिया जाता है, तो इसका उपयोग आम तौर पर सुरक्षित होता है। इसे सीधे पिया भी जा सकता है। 1 टी स्पून अलसी के तेल को पानी के साथ लिया जा सकता है। जब अधिक मात्रा में तेल को बहुत कम पानी के साथ लिया जाता है, तो यह फायदेमंद होता है।
ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
यह ड्राई आई से राहत दिलाता है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम वाले रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
यह मेनोपॉज के कारण होने वाले हॉट फ्लेशेज के लक्षणों को प्रबंधित करता है।
मेटाबॉलिक डिसफंक्शन से जुड़े स्टीटोटिक लिवर डिजीज का इलाज करता है।
यदि किडनी के रोगियों में हेमोडायलिसिस चिकित्सा चल रही है, तो अलसी का तेल रोगियों में एनीमिया से बचाव करता है।
स्किन और हेयर हेल्थ में सुधार कर सकता है।
फिश आयल ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। जो लोग शाकाहारी होते हैं, वे इसे नहीं ले सकते हैं। उनके लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर अलसी का तेल (Linseed Oil for Vegetarian) बढ़िया ऑप्शन है।
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