जब हमें प्यास लगती है, तो हम पानी पी लेते हैं। खाना खाने के दौरान हमें पानी की जरूरत होती है, तो हम अपना हाथ तुरंत पानी के ग्लास की ओर बढ़ा देते हैं। पर हम आहार विशेषज्ञों और बड़े- बुजुर्गों से यही सुनते आये हैं कि खाते वक्त पानी पीया जा सकता है। भोजन से ठीक पहले या उसके दौरान पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है। शरीर भी स्वस्थ रहता है। पर क्या वास्तव में खाना खाते वक्त पानी पिया (Drinking Water with eating) जा सकता है या यह आदत स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। इसके बारे में सेलेब्रिटी योग और वेलनेस एक्सपर्ट वरुण आर्य ने विस्तार से बताया।
वरुण कहते हैं कि वेट न बढ़ने देने और स्वस्थ रहने के लिए पानी सही तरीके और सही समय पर पीना होगा। पानी के सिर्फ 4 सिद्धांत को फॉलो करना होगा।
1 पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए।
2 जल्दी-जल्दी गटकते हुए पानी पीने के बजाए सिप करते हुए पीना चाहिए।
3 खाना खाने के बीच में पानी नहीं पियें और खाने के 40 मिनट पहले पानी पियें (Best time to Drink water)।
4 जरूरी है कि खाना खाने के 1 घंटे बाद ही पानी पियें (Best water drink time)।
इससे वेट कंट्रोल होता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
पानी खाद्य पदार्थों को बेहतर ढंग से पचाने और उनके पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। जब भोजन के दौरान अत्यधिक तरल पदार्थ ले लिया जाता है, तो इससे सूजन, अपच और यहां तक कि पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। खाते वक्त पानी पीने के नुकसान (Drinking Water with eating) हैं। भोजन से तुरंत पहले या बाद में पानी नहीं पीना चाहिए(Why We Should Not Drink Water While Eating)। पानी पाचक रसों को पतला कर देता है। खाने के कुछ देर बाद पानी पीना चाहिए, ताकि शरीर पोषक तत्वों को अवशोषित कर सके।
कभी-कभी कुछ भोजन, जो सूखे होते हैं, खाने पर गले में अटकते हैं। यदि बहुत जरूरी लगे, तो भोजन को अंदर ले जाने के लिए पानी का छोटा घूंट लिया जा सकता है। एक-दो घूंट पानी, जो केवल निगलने में मदद करे।
ज्यादा पानी पी लेने पर पेट में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक एसिड के कम होने का जोखिम बढ़ जाता है। यह एसिड भोजन को अच्छी तरह तोड़ने के लिए बेहद आवश्यक है।
भोजन के दौरान पानी पीयें या नहीं, इस विषय पर कई भ्रांतियां हैं। पर भोजन के दौरान पानी पीने से नुकसान हो सकता है। यदि हम पेट के पीएच पैमाने की बात करें, तो एसिड लेवल 1 – 2 के बीच होना चाहिए। इससे प्रोटीन को तोड़ने में मदद मिलती है। पाचन एंजाइमों के सीक्रेशन सही तरीके से हो पाते हैं। यह विटामिन बी 12 के अवशोषण में भी सहायता करता है।
इससे हमारा भोजन घोल जैसा बन पाता है, जो पाचन को आसान बनाता है। जब भोजन के दौरान पानी पीया जाता है, तो इससे पूरी प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे भोजन कम पाच पाता है और सूजन की समस्या हो सकती है।
स्वस्थ पाचन के लिए भोजन के समय अपने आप को एक- दो घूंट यानी 8 औंस पानी तक ही सीमित रखें। भोजन से 40 मिनट पहले पानी जरूर पियें। इससे खुद को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है। प्रत्येक महिला को 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए। इससे कम पानी पीने पर डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
पानी उन क्रेविंग को भी दूर करने में मदद कर सकता है, जो बिना समय के भी आती है।
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कस्टमाइज़ करेंपानी को दूसरे तरल पदार्थों को लेने के अलावा, सही पाचन के लिए कुछ और बातों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। भोजन को खूब चबा कर खाएं। जल्दबाजी में नहीं, बल्कि आराम से खाएं। अपने आहार में अधिक कड़वे खाद्य पदार्थ जैसे कि सरसों का साग, करेले और एसिड जैसे कि एपल साइडर विनेगर को शामिल करें। ये सभी चीजें पित्त और एंजाइम प्रवाह को उत्तेजित करती हैं। भोजन को तोड़ने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करती हैं।
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