आपने अपने घरों में कभी न कभी वनस्पति घी देखा ही होगा। इसे डालडा घी के नाम से भी जाना जाता है। डालडा लम्बे समय तक सस्ते घी की तरह प्रयोग किया जाता रहा है। यहां तक की घरों में बनने वाली सब्जी-दाल से लेकर मिठाई बनाने के लिए भी इसी घी का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन बदलते समय के साथ सेहत के प्रति जागरुकता बढ़ने लगी और इसका उपभोग में लगातार गिरावट आने लगी। मेरी मम्मी ने तो पिछले कुछ सालों में इसका इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर दिया। मैं जब हलवा या मिठाई बनाने के लिए इसे खरीदने लगी, तो उन्होंने मुझे इसके ढेर सारे स्वास्थ्य जोखिम (vegetable ghee health hazards) गिनवा दिए। क्या वाकई ये सब सच है? मैंने इस पर खंगाली कुछ जरूरी जानकारियां।
वनस्पति घी पाम ऑयल से बनता है। इसलिए इसके डिब्बे पर भी ताड़ के झाड़ की तस्वीर नज़र आती है। इस घी में एनिमल फैट नहीं होता है। यही कारण था वनस्पति घी को हेल्दी ऑप्शन की तरह ही प्रमोट किया जाने लगा था। एक वक़्त ऐसा था जब लोग कुकिंग ऑयल के नाम पर घरों में सिर्फ वनस्पति घी (vegetable ghee) ही लाया करते थे, लेकिन क्या आप जानते है कि यह बनता कैसे है।
वनस्पति घी बनाने के लिए सबसे पहले ताड़ के झाड़ के बीजों को एकत्रित कर इन्हें हाई प्रेशर वाली मशीन पर क्रश किया जाता है जिससे इन बीजों में से तेल निकलने लगता है। फिर इस तेल को फिल्टर किया जाता है और इसमें विटामिन-ए, ई जैसे तत्वों के साथ कई प्रकार के केमिकल कम्पाउंड को मिलाया जाता है जिससे यह घी इस्तेमाल करने लायक बनता है। फिर इस घी में वेजिटेबल ऑयल को मिक्स किया जाता है। फिर इसे हाइड्रोजन बॉन्ड, जिसमें हाई टेम्प्रेचर में मशीनों में इसे प्रोसेस करते है और फिर यह वेजिटेबल ऑयल वनस्पति घी के रूप में बदल जाता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, व्यक्ति को अपनी डाइट का सिर्फ 1 फीसदी हिस्सा ही ट्रांस फैट के रूप में लेना चाहिए क्योंकि इससे अधिक ट्रांस फैट लेना कार्डियोवस्कुलर परेशानियों की वजह बन सकता है। आस्ट्रेलिया के नेशनल हार्ट फाउंडेशन ( National Heart Foundation of Australia) के एक शोध के मुताबिक, बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की मुख्य वजह ट्रांस फैट हो सकता है।
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वनस्पति घी में ट्रांस फैट पाया जाता है जिससे दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं यह कॉलेस्ट्रॉल के लेवल में तो इजाफा करता ही है, साथ ही गुड कॉलेस्ट्रॉल को भी घटा देता है।
इसमें शामिल ट्रांस फैट से मोटापे तेजी से बढ़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्रांस फैट से अन्य फूड्स की तुलना में मोटापे का खतरा ज्यादा होने लगता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि एक चम्मच वनस्पति घी में 122.4 कैलोरी शामिल होती है और अधिक कैलोरी का सेवन आपकी बॉडी में फैट का बड़ा कारण बनता है।
ट्रांस फैट का ज्यादा सेवन कई बीमारियों का खतरा बड़ा देती हैं जिसमें से डायबिटीज़ भी है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फैट बॉडी में बनने वाले इंसुलिन को कम कर देता है और इससे मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है।
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