बरसात में मेरी मम्मी करती हैं इन 6 खाद्य पदार्थों से परहेज, साइंस में ढूंढते हैं क्या है इसका कारण

मौसम के साथ-साथ हमारे परिवार का खानपान भी बदल जाता है। इसके लिए मेरी मम्मी के अपने लॉजिक हैं। पर क्या वाकई ऐसा करना सही है? मैंने इसके लिए कुछ रिसर्च पेपर खंगाले।
Aluminium foil me store kiya gaya khana apke liye nuksandayak ho sakta hai
एल्यूमीनियम फॉइल में स्टोर किया गया खाना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 28 Jun 2023, 09:30 am IST
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कई क्षेत्रों में बारिश का मौसम शुरू हो चुका है, तो कई क्षेत्रों में बारिश शुरू होने वाली है। बरसात शुरू होते ही मौसम का रुख बदलता है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है। साथ ही साथ यह फसलों के उत्पादन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। बारिश शुरू होते ही चारों तरफ हरियाली छा जाती है। परंतु बारिश का मौसम जितना हमारे लिए सुखद होता है उतना ही फंगस और बैक्टीरिया के लिए भी। बरसात में तरह-तरह के माइक्रो ऑर्गेनिज्म अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जो सेहत के लिए विभिन्न रूपों में हानिकारक हो सकते हैं।

यह माइक्रो ऑर्गेनिज्म खाद्य पदार्थों पर पनपना शुरू हो जाते हैं जिसकी वजह से सेहत प्रभावित होती है। इसलिए बरसात में अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम जिनसे बरसात में पूरी तरह से परहेज (Foods to avoid in monsoon) रखने की सलाह दी जाती है। तो चलिए जानते हैं इन्हें क्यों नहीं खाना चाहिए।

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ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करें, जो एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बिना उत्पादित किए गए हों। चित्र: शटरस्टॉक

बरसात के मौसम में इन 6 खाद्य पदार्थों से करते हैं परहेज (Foods to avoid in monsoon)

1. हरी पत्तेदार सब्जियां

हम सभी को हमेशा हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ये सभी सब्जियां सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। बरसात के मौसम में इनका सेवन आपकी सेहत के लिए नकारात्मक रूप से काम कर सकता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार बरसात के मौसम का टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी बैक्टीरिया और फंगल ग्रोथ को बढ़ावा देता है, खास कर हरी पत्तेदार सब्जियों पर यह तेजी से ग्रो करते हैं। ऐसे में इनके सेवन से पेट से जुड़ी तमाम प्रकार के संक्रमण का सामना करना बढ़ सकता है।

पालक, मेथी के पत्ते, पत्ता गोभी, गोभी इत्यादि जैसी सब्जियां संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं का घर होती हैं, इसलिए बरसात के मौसम में जितना हो सके उतना इन सब्जियों से परहेज रखने की कोशिश करें। इनकी जगह आप करेला, तोरी, टिंडा, घीया इत्यादि जैसी सब्जियों का सेवन कर सकती हैं।

2. स्पाइसी और फ्राइड फूड्स

बरसात के मौसम में चाय के साथ फ्राइड फूड जैसे की कचौड़ी, पकोड़ा, समोसा इत्यादि खाने का अपना ही आनंद होता है। बारिश चाय और पकौड़े का कॉन्बिनेशन सभी को बेहद पसंद होता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की मानें तो अधिक मात्रा में इन खाद्य पदार्थों का सेवन आपके पेट के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हुए आपको अपच, कब्ज, लूज मोशन इत्यादि जैसी अन्य समस्याओं से पीड़ित कर सकता है। इसलिए स्पाइसी और फ्राइड फूड्स के सेवन को जितना हो सके उतना सीमित रखने का प्रयास करें।

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ढे़र सारे पोषक तत्वों से भरपूर मशरूम को अपनी मानसून डाइट से बाहर करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. मशरूम

मशरूम को गीली मिट्टी में उपजाया जाता है जहां तमाम प्रकार के बैक्टीरियल ग्रोथ का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बरसात में इसके सेवन से आप संक्रमित हो सकती हैं इसलिए बरसात के इन 2 महीनों में मशरूम के सेवन से जितना हो सके उतना परहेज रखने की कोशिश करें।

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4. समुद्री भोजन

बरसात के मौसम में तमाम वॉटर बॉर्न डिजीज का खतरा बना रहता है। पानी में तमाम तरह के हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस का जमावड़ा होता है, इसलिए बरसात में मछली, प्रॉन्स इत्यादि जैसे समुद्री भोजन से जितना हो सके उतना परहेज रखने की सलाह दी जाती है।

यह बिल्कुल सत्य है कि इनमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं और यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकते हैं परंतु बरसात के मौसम में इनका सेवन आपको हानि पहुंचा सकता है इसलिए बरसात के कुछ महीने इनका सेवन न करें।

5. डेयरी प्रोडक्ट्स

बरसात के मौसम में यदि आप डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करती हैं तो इसकी मात्रा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। बरसात में पाचन क्रिया संवेदनशील हो जाती है और ऐसे में डेयरी प्रोडक्ट का अधिक सेवन आपको लूज मोशन और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का शिकार बना सकता है। इसके साथ ही दही से जितना हो सके उतना परहेज रखने का प्रयास करें, क्योंकि यह बरसात में आपको सर्दी खांसी जैसे संक्रमण का शिकार बना सकती है।

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अचार खाने से बचें। चित्र : शटरस्टॉक

6. खट्टे खाद्य पदार्थ

चटनी, अचार, इमली जैसे खट्टे खाद्य पदार्थों के सेवन से वॉटर रिटेंशन का खतरा बना रहता है, जिससे कि आप बीमार पड़ सकती हैं। इसके साथ ही यह गले से संबंधित समस्याओं को बढ़ावा देते हैं और बुखार का कारण बन सकता है।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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