मेरी मम्मी कहती हैं सेहत के लिए फायदेमंद है चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल, हमने साइंस में ढूंढा इसका प्रमाण

पहली बार मां बनने वाली हैं तो आपको ढेरों सुझाव मिल रहे होंगे, लेकिन मां की यह सलाह आपको जरूर माननी चाहिए।
kheer ko apni dite mein shamil karein
खीर को अपनी डाइट में शामिल करें। चित्र:शटरस्टॉक
Updated On: 24 Nov 2023, 05:21 am IST

गर्भावस्था एक ऐसा समय है जो न सिर्फ होने वाली मां के लिए खास है, बल्कि उनसे जुड़े सभी लोगों के लिए उत्सव के समान है। यही कारण है कि हमारी संस्कृति में बच्चे के आने से पहले और बाद में ढेरों रस्में होती हैं। गर्भावस्था में एक चीज जो आपको बिना मांगे मिलती है वह है सलाह!

घर की सभी महिलाएं आपको अपने अपने अनुभव के अनुसार सलाह देती हैं और आप कंफ्यूज हो जाती हैं कि क्या मानें और क्या नहीं। ऐसे में सबसे सही तरीका है कि उन सुझावों के पीछे के वैज्ञानिक प्रमाण या आधार ढूंढना। लेकिन प्रेगनेंसी में इतनी मेहनत आपको करने की जरूरत नहीं, क्योंकि आपके लिए यह मेहनत हम कर देंगे।

हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्‍यों आपकी सास या आपकी मम्‍मी आपको देती हैं चांदी के चम्‍मच, कटोरी या गिलास के इस्‍तेमाल की सलाह।

जब बच्चे को उसका पहला सॉलिड भोजन दिया जाता है, जो अमूमन अन्नप्राशन के बाद ही होता है। तब बेबी को फीड करने के लिए चांदी के कटोरी चम्मच इस्तेमाल किये जाते हैं। यहां तक कि घर के बड़े बच्चे को चांदी के बर्तन ही गिफ्ट करते हैं। शायद आपकी मां या सासू मां को ना पता हो कि उनकी इस सलाह के पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण है, लेकिन आपको जानकारी होनी चाहिए।

आखिरकार यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य का सवाल है।

1. चांदी के बर्तनों में बैक्टीरिया नहीं होते

जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड फूड साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार चांदी अन्य मेटल की तरह वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन या अन्य गैसेस से रियेक्ट नहीं करती। यही कारण है कि बैक्टीरिया, फंगस इस पर इकट्ठा नहीं हो पाते। प्लास्टिक, स्टील या एलुमिनियम के बर्तनों के साथ ऐसा नहीं होता।

छोटे बच्‍चाेें को चांदी के चम्‍मच से खाना खिलाना सचमुच फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक
छोटे बच्‍चाेें को चांदी के चम्‍मच से खाना खिलाना सचमुच फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अगर आप बच्चे को प्लास्टिक के बर्तन में खिलाती हैं, तो आपको उसे हर बार पानी में उबाल कर बैक्टीरिया को मारना होगा। लेकिन चांदी के साथ आपको ये करने की जरूरत नहीं है। आप बस साबुन और पानी से भी चांदी के बर्तन को साफ कर सकती हैं। बस कोशिश करें यह बर्तन बहुत नक्काशीदार ना हो, ताकि डिज़ाइन के बीच खाना न फंसे।

2. चांदी के बर्तन टॉक्सिक नहीं होते

जैसा कि आप जानती हैं चांदी आसानी से रियेक्ट नहीं करती। यही कारण है कि इसका प्रयोग अन्य धातुओं से बेहतर है। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि प्योर चांदी सुरक्षित नहीं होती, लेकिन बर्तन बनाने के लिए चांदी में अन्य मेटल मिलाए जाते हैं। चांदी का ऑक्सीडेशन नहीं होता इसलिए यह बच्चों के खाने को सुरक्षित रखती है।

3. बच्चे की इम्युनिटी बढ़ाती है चांदी

अमेरिका की नेशनल हेल्थ लाइब्रेरी के शोध पेपर के अनुसार चांदी न सिर्फ एंटीबैक्टीरियल गुण से भरपूर होती है, बल्कि यह बच्चे के भोजन में भी एन्टी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी मिला देता है। इससे बच्चा बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन से सुरक्षित रहता है। और उसका इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।

चांदी के बर्तन बच्‍चों की इम्‍युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
चांदी के बर्तन बच्‍चों की इम्‍युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

4. खाना लम्बे समय तक फ्रेश रहता है

पुराने समय में राजा महाराजा चांदी के बर्तनों में ही खाते थे। इतना ही नहीं, इसमें खाना स्टोर किया जाता था। खाने के साथ-साथ वाइन रखने के लिए भी चांदी के बर्तनों का उपयोग होता था। ऐसा इसलिए क्योंकि चांदी खाने में माइक्रोब्स पनपने नहीं देती। इससे न खाने में आपस में कोई रिएक्शन होता है, न खाने और बर्तन के बीच। यही कारण है कि चांदी के बर्तन खाना लम्बे समय तक फ्रेश रहता है।

चांदी का बर्तन कर रहीं हैं इस्‍तेमाल तो इन बातों का रखें ध्यान-

चांदी के बर्तन में अंडे नहीं दिए जाने चाहिए।
बर्तन को धोने के बाद साफ कपड़े से पोंछ कर रखें।
ध्यान रखें कि साबुन पूरी तरह साफ हो जाएं। अगर साबुन रह गया तो यह बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।

यह भी पढ़ें – जानिए क्‍यों छोटा रह जाता है भारतीय बच्‍चों का कद, यहां हैं बच्‍चों का कद बढ़ाने के 4 अचूक नुस्‍खे

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
विदुषी शुक्‍ला
विदुषी शुक्‍ला

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते।

अगला लेख