गुड़ की चाय, गुड़ के लड्डू और गुड़ की रोटी तक सर्दियों में आपने कई तरह से गुड़ का सेवन किया होगा। गुड़ एक सबसे हेल्दी नेचुरल स्वीटनर्स में गिना जाता है। पर इसका यह मतलब नहीं है कि आप हर मौसम में इसका खूब सारा सेवन कर सकते हैं। असल में मौसम बदलने के साथ ही शरीर की आवश्यकताएं भी बदल जाती हैं। और तब ज्यादा गुड़ का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। कम से कम मेरी मम्मी ने तो गुड़ का डिब्बा अब रसोई की पिछली कतार में रख दिया है। पर क्या साइंस भी ऐसा ही मानता है? आइए चैक करते हैं।
जर्नल आफ फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट के अनुसार 100 ग्राम गुड़ में :
गुड़ को लोग अक्सर चीनी के विकल्प में एक स्वास्थ्यवर्धक स्वीटनर के रूप में देखते हैं। विज्ञान भी गुड़ के स्वास्थ्य लाभों को समर्थन करता है।
आयुर्वेद में गुड़ को एक अहम स्थान दिया गया है। यह चिंता, माइग्रेन, पाचन संबंधित समस्याएं और थकान सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में सक्षम है। सदियों से गुड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है। गुड़ में कैल्शियम, मैगनीशियम, पोटैशियम, फास्फोरस पाए जाते हैं। लेकिन कोई भी चीज कितनी भी स्वस्थवर्द्धक क्यों ना हो आपको उसका जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसान पहुंचा सकता है।
गुड़ का ज्यादा मात्रा में और बिन मौसम के सेवन के कुछ स्वास्थ्य जोखिम भी हैं। कई लोगों को गुड़ के ज्यादा सेवन से कई समस्याएं देखने को मिली हैं।
शुगर किसी भी प्रकार की क्यों ना हो अत्याधिक सेवन नुकसानदायक होता ही है। एनसीबीआई की कुछ रिपोर्ट इस बात का दावा करती हैं कि दुनिया की कई सबसे आम पुरानी बीमारियों में शुगर एक बड़ा कारक है। गुड़ का स्वाद भी मीठा होता है और चीनी की खपत को मोटापा, हृदय रोग और टाइप टू डायबिटीज के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जाता है। हालांकि इस बात में कोई शक नहीं है कि गुड़ रिफाइंड शुगर से बेहतर है।
मोटापा हमारे द्वारा किए जाने वाले कैलोरी के सेवन पर निर्भर करता है। 100 ग्राम गुड़ में 383 कैलोरी पाई जाती हैं। जब इसका सेवन ज्यादा हो जाता है तो शरीर में मोटापा बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जो लोग डाइटिंग कर रहे हैं और यह सोच रहे हैं कि चीनी के मुकाबले गुड़ फायदेमंद है, वे अनजाने में अपना मोटापा बढ़ा रहे हैं।
वैसे तो गुड़ का सेवन पेट के लिए अच्छा होता है, लेकिन ज्यादा गुड़ आपको अपच की समस्या में फंसा सकता है। एनसीबीआई द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार अगर ताजा गुण का सेवन ज्यादा किया जाता है, तो यह कब्ज जैसी समस्या को जन्म दे सकता है। जबकि कुछ लोगों को इसकी गर्म तासीर के कारणा दस्त लगने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
मधुमेह से पीड़ित लोग ज्यादातर गुड़ पर निर्भर होने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ा सकता है। सभी प्रकार की चीनी की तरह, गुड़ ज्यादातर सुक्रोज होता है। हालांकि यह अन्य मिठास की तुलना में कम परिष्कृत होता है। फिर भी यह रक्त शर्करा के स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। अगर आप एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन कर रहीं हैं और आपके रुटीन में व्यायाम शामिल है, तो आप इसका लाभ उठा सकती हैं।
पैरासाइटिक इन्फेक्शन काफी परेशान करने वाला हो सकता है। इसमें पेट में कीड़े होने की समस्या उत्पन्न होने लगती है। और गुड़ इसे ट्रिगर कर सकता है। यह सिर्फ तभी देखने में आता है जब गुड़ ठीक से तैयार न किया गया हो और उसमें अशुद्धियां रह गई हों। सही स्वच्छता न होने की स्थिति में भी गुड़ में रोगाणु प्रवेश कर जाते हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं। इसलिए गुड़ हमेशा सही पैकिंग और स्वच्छता का ध्यान रखकर ही खरीदना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंआपको दिन भर में कितने गुड़ का सेवन करना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप की दिनचर्या कैसी है? आपका स्वास्थ्य इतिहास क्या है? आप किस प्रकार के वातावरण में हैं? और आपको कितनी कैलोरी लेने की सलाह दी गई है!
इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि सर्द माहौल में रहने वाले लोगों को गर्म माहौल में रहने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा गुड़ का सेवन करना चाहिए। वहीं फिजिकली एक्टिव लोग डेस्क जाॅब करने वाले लोगों से अधिक गुड़ का सेवन कर सकते हैं।
यह जान लेना भी जरूरी है कि गुड़ की तासीर गर्म होती है। जो आपको सर्दियों में फायदा देती है। पर गर्मी बढ़ने के साथ गुड़ की यही क्वालिटी आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। इन्हीं सब चीजों पर विचार करते हुए अपने डायटीशिन से संपर्क करें। ताकि वे आपके लिए गुड़ की आदर्श मात्रा तय कर सकें।
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